परमेश्वर ने मनुष्य को शैतान की गुलामी से निकालने के लिए एेलिया, हनूक जैसे कई नबियों को भेजा परन्तु धरती पर रहने वाले मनुष्यों ने उनकी एक न सुनी और पाप दुनिया में बढ़ता गया। अंत में परमेश्वर ने अपने प्यारे और इकलौते पुत्र प्रभु यीशू मसीह को धरती पर मनुष्य, जो पाप की दलदल में धंसने के कारण परमेश्वर से रिश्ता तोड़ बैठा था, को शैतान की गुलामी से आजाद करवा कर परमेश्वर से उसका रिश्ता जोडऩे के लिए भेजा ताकि मनुष्य नरक में जाने से बच जाए।
पवित्र बाइबल में यूहन्ना नबी की पुस्तक में लिखा है कि परमेश्वर ने जगत से एेसा प्रेम किया कि उसने अपना इकलौता पुत्र भेज दिया ताकि जो कोई भी उस पर विश्वास करे उसका नाश न हो अपितु वह सदा का जीवन पाए। प्रभु यीशू मसीह के जन्म से 700 वर्ष पूर्व ही उस समय के नबियों ने प्रभु यीशू मसीह के जन्म, उनके कामों के बारे परमेश्वर की योजना, यहां तक कि प्रभु यीशू मसीह की कुर्बानी और तीसरे दिन पुन: जीवित होने के बारे में भी भविष्यवाणियां कर दी थीं। पवित्र बाइबल के पुराने अहदनामे, जो प्रभु यीशू मसीह के जन्म से हजारों वर्ष पहले लिखा गया है, में प्रभु यीशू मसीह के बारे में ऐसे लिखा गया है, प्रभु अर्थात परमेश्वर तुम्हें एक निशान देगा । देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और वह एक पुत्र को जन्म देगी (यशायाह 9:6)। हमारे लिए एक बालक जन्मा और हमें एक पुत्र बख्शा गया, राज उसके कंधों पर होगा, उसका नाम एेसे पुकारा जाएगा अचरज, सलाहु, शक्तिमान, परमेश्वर, अनादि पिता, शांति का राजकुमार।
प्रभु यीशू मसीह पुरुष और स्त्री के मिलाप से नहीं अपितु पवित्र आत्मा का फल हैं जो आदि अर्थात प्रारम्भ से ही परमेश्वर के साथ थे और 2017 वर्ष पहले परमेश्वर ने पवित्र आत्मा की आेर से एक धर्मात्मा माता मरियम की पवित्र कोख से उन्हें मनुष्य के रूप में धरती पर भेजा।
प्रभु यीशू के जन्म के बारे में देखो कैसी विलक्षण बात है कि सृजनकर्ता परमेश्वर के पुत्र अर्थात प्रभु यीशू मसीह ने स्वर्ग के महलों को छोड़ कर एक मामूली स्थान अर्थात जानवरों के तबेले में एक ‘चरनी’ को चुना।
प्रभु यीशू मसीह ने परमेश्वर की तरफ से प्राप्त पवित्र आत्मा की शक्ति से हर तरह के बीमारों को यह कह कर चंगा कर दिया कि जा तेरे विश्वास ने तुझे चंगा किया । यहां तक कि मुर्दों को भी जिंदा कर दिया।
प्रभु यीशू मसीह के पास गुनहगारों को माफ करने की शक्ति थी। कई बीमारों को यह कह कर भी चंगा करते थे कि जा तेरे गुनाह माफ हुए आगे से गुनाह न करना।
प्रभु यीशू मसीह साढे़ 33 साल संसार में रहे। 30 वर्ष की आयु तक वह अपने माता-पिता की सेवा करते रहे और साढ़े तीन वर्ष लोगोंं की रूहानी सेवा में रहते हुए प्रेम, सद्भावना, शान्ति और भाईचारा बनाए रखने के लिए यह उपदेश दिया कि बैरियों से प्यार करो, अपने पड़ोसी से भी अपने समान प्यार करो, यदि तुम्हारे पास दो कुर्ते हैं तो एक कुर्ता जरूरतमंद को दे दो।
उन्होंने कहा कि तुम्हारे साथ कोई बुरा व्यवहार करे तो उसको 7 बार नहीं 70 बार माफ करो जिससे पिता जो स्वर्ग में है तुम्हें माफ करेगा। प्रभु यीशू मसीह ने अपने उपदेशों से स्वर्ग के राज के बारे में लोगों को जागरूक करवाया। उन्होंने दृष्टांतों के द्वारा भी स्वर्ग के राज के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि स्वर्ग के राज में प्रवेश पाने के लिए अपना मन फिराआे, बुरे कार्यों को छोड़ो और पापों से तौबा करो।
प्रभु यीशू मसीह ने कहा कि सच्चाई को जानो और सच्चाई तुम्हें आजाद करेगी अर्थात जो मनुष्य प्रभु यीशू मसीह को जान कर उनकी शिक्षाओं पर चलता है वह शैतान की गुलामी से आजाद हो जाता है और स्वर्ग के राज में दाखिल हो सकता है।
प्रभु यीशू मसीह पापियों के घर भी जाते थे और खाना भी खाते थे तो उस समय के धार्मिक नेताआें ने इस बात का विरोध किया परंतु प्रभु यीशू मसीह ने उनके विरोध को भांपते हुए कहा कि मैं धर्मियों को नहीं बल्कि पापियों को बचाने आया हूं। चिकित्सक की आवश्यकता तंदुरुस्तों को नहीं बल्कि बीमारों को होती है।
जब प्रभु यीशू मसीह का जन्म हुआ था तो उस रात बहुत बड़ा अजीब रोशनी वाला सितारा आसमान पर दिखाई दिया था जिसने प्रभु यीशू मसीह के दर्शनों को निकले ज्योतिषियों, जो दुनिया के चारों कोनों से थे, का नूरानी नेतृत्व किया था। इस कारण मसीही लोग अपने घरों पर क्रिसमस की रात सितारा लगाते हैं और अपने घरों को सजाते हैं।