National News : यूनिवसिर्टी लिविंग, दुनिया के प्रमुख स्टूडेंट एकोमोडेशन मार्केटप्लेस, ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसका शीर्षक है – “बियॉन्ड बेड्स: डिकोडिंग ऑस्ट्रेलिया’ज हाउसिंग मार्केट”। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे ऑस्ट्रेलिया में शिक्षा की मांग बढ़ रही है और इसकी वजह से विद्यार्थियों के लिए किफायती कीमतों में आवासीय सुविधाओं की किल्लत हो रही है। विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने में तेजी से हो रही बढ़ोतरी के बीच, मार्च 2023 के आंकड़ों से यह पता चलता है कि 613,217 अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रहे हैं। साल 2023 में ऑस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा में नामांकन कराने वाले विद्यार्थियों की संख्या में लगभग 15% की बढ़ोतरी हुई है और पिछले पांच सालों में इसमें 20% का उछाल देखने को मिला है।
इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा में नामांकन कराने वाले अतंरराष्ट्रीय विद्यार्थियों की संख्या में करीब 30% की बढ़ोतरी होने की संभावना है। अब ऑस्ट्रेलियाई उच्च शिक्षा में नामांकित सभी विद्यार्थियों में से लगभग 33% अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी हैं। ऑस्ट्रेलिया में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए शीर्ष पांच स्रोत देश हैं, चीन, भारत, नेपाल, कोलंबिया और वियतनाम। अनुमान है कि अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी इस वर्ष ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था में 30 बिलियन ऑस्ट्रेलियाई यूएस डॉलर से अधिक का योगदान देंगे।
ऑस्ट्रेलिया में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों की तेजी से बढ़ती संख्या के बीच, किफायती, अच्छी क्वालिटी के छात्रावासों की जरूरत काफी बढ़ गई है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि किराये में बढ़ोतरी हो रही है, रहने का खर्च बढ़ रहा है, विदेशी विद्यार्थियों के बीच जानकारी का अभाव है, आपूर्ति तथा निर्माण की सीमाओं के साथ ही ऑन-कैम्पस के अपर्याप्त विकल्प हैं। रहने की मनचाही जगह पाने के लिए भावी स्टूडेंट्स से आग्रह है कि वे पहले बुकिंग और एडवांस में प्लानिंग करने को प्राथमिकता दें। विद्यार्थियों को एक लचीला बजट बनाने की सलाह दी जाती है और इस क्रम में यूनिवसिर्टी लिविंग उपयुक्त आवासीय सुविधा ढूंढने में पूरा-पूरा सहयोग करने को तैयार है।
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हाल के वर्षो में ऑस्ट्रेलिया के स्टूडेंट हाउसिंग बाजार में काफी तेजी देखी गई है और इसके 17% सीएजीआर के साथ इसके 10 बिलियन ऑस्ट्रेलियाई यूएस डॉलर होने का अनुमान है। बाजार को ऑन-कैंपस और ऑफ-कैंपस आवास में विभाजित किया गया है, जिसमें ऑन-कैंपस में लगभग 10% और ऑफ-कैंपस में कुल बाजार आकार का शेष 90% शामिल है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया के स्टूडेंट हाउसिंग क्षेत्र में 42 विश्वविद्यालयों में 60,000 बिस्तर शामिल हैं, जिसमें विश्वविद्यालय और कॉरपोरेट द्वारा प्रबंधित आवासीय व्यवस्था दोनों शामिल है। विशेष रूप से, प्रमुख पीबीएसए (परपज़-बिल्ट स्टूडेंट अकॉमडेशन) संस्थाएं, छोटे-छोटे क्षेत्रीय खिलाड़ियों के साथ मिलकर लगभग 90,000 बिस्तरों की देखरेख करती हैं। इन पीबीएसए बिस्तरों में, 26% घरेलू विद्यार्थियों को समायोजित किया जाता है, जबकि अधिकांश अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों को सेवा प्रदान करते हैं। इसके अलावा, निजी अपार्टमेंट में बिस्तरों की संख्या लगभग 360,000 है और होमस्टे में लगभग 100,000 बिस्तर हैं। संयुक्त विश्वविद्यालय नामांकन, जिसमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी दोनों शामिल हैं, उनकी संख्या लगभग 1,550,000 है। हालांकि, प्रमुख शहरों में बढ़ता किराया, एक वर्ष के भीतर 10-20% की वृद्धि, अधिक किफायती आवास विकल्पों की तत्काल आवश्यकता की तरफ इशारा करता है।
सौरभ अरोड़ा, फाउंडर एवं सीईओ, यूनिवसिर्टी लिविंग का कहना है, “इस रिपोर्ट को जारी करने का हमारा मकसद, ऑस्ट्रेलिया के स्टूडेंट हाउसिंग बाजार की वस्तुस्थिति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना था। इस रिपोर्ट में ना केवल विद्यार्थियों और आवास प्रदाताओं को पेश आने वाली मुश्किलों के बारे में बताया गया है, बल्कि विद्यार्थियों की आवासीय स्थिति और स्टूडेंट हाउसिंग क्षेत्र में बदलाव ला सकने वाली उन रणनीतियों और सुझावों के बारे में भी जानकारी दी गई है। इन रणनीतियों को अमल में लाकर, हम विद्यार्थियों के लिए आवासों की स्थिति को बेहतर बना सकते हैं, संसाधनों का पर्याप्त उपयोग कर सकते हैं और इस क्षेत्र में स्थायी विकास को बढ़ावा दे सकते हैं। हम नीति निर्माताओं, शैक्षिक संस्थानों, आवासीय प्रदाताओं और अन्य हितधारकों से आग्रह करते हैं कि वे अपनी भविष्य की योजनाओं में इन रणनीतियों पर जरूर विचार करें।”
“बियॉन्ड बेड्स:डिकोडिंग द डायनैमिक्स ऑफ ऑस्ट्रेलिया’ज स्टूडेंट हाउसिंग मार्केट” रिपोर्ट, विश्वविद्यालयों, नीति निर्माताओं, निवेशकों और शिक्षा तथा हाउसिंग सेक्टर्स के हितधारकों की जरूरतों को पूरा करती है। यह ऑस्ट्रेलिया में स्टूडेंट हाउसिंग सेक्टर का एक संपूर्ण विश्लेषण पेश करता है, जिसमें अलग-अलग तरह की मांगों , आपूर्ति, कमी, निवेश के मौकों, भविष्य की संभावनाओं और मौजूदा चुनौतियों पर जीत हासिल करने की रणनीतियों के बारे में बताया गया है।
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