27 दिसंबर 2021: एयर्थ ने साल 2020 से अपना परिचालन शुरू किया था और तब से ही इसके उत्पादों और नये विजन ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इसके एंटीमाइक्रोबियल एयर प्यूरीफायर्स विश्व में पहले हैं और उनका कई मापदंडों पर परीक्षण हुआ है, ताकि उस क्षमता और प्रभाव को परखा जा सके, जिसका वादा कंपनी करती है। हाल ही में CSIR-IMTECH (CSIR – इंस्टिट्यूट ऑफ माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी) की मशहूर लैब ने ब्लैक फंगस को पकड़ने और मारने की क्षमता पर एयर्थ के वीश्योर एंटीमाइक्रोबियल एयर प्यूरीफायर का परीक्षण किया था, जिसका निष्कर्ष यह निकला कि इस उत्पाद ने ब्लैक फंगस का कारण बनने वाली फफूंद की 99.9% प्रजातियों (म्यूकर हीमैलिस और रिज़ोपस ओरीज़ी) को नष्ट कर दिया। नई खोज की यह घोषणा एयर्थ के प्यूरीफायर्स को अग्रणी बनाती है और उत्पादों की दूरदर्शी श्रृंखला में सुरक्षा प्रमाणन का एक अन्य स्तर जोड़ती है।
भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान मानवता ने प्रकृति का रौद्र रूप देखा था। कोविड-19 के मामले और उससे होने वाली मौतों के बढ़ने के अलावा ब्लैक फंगस के भी कई मामले देखे गये, जिससे घबराहट होने लगी थी। यह जानलेवा फंगस इंफेक्शन मुख्य रूप से कोविड-19 से ‘ठीक’ हो रहे मरीजों में पाया गया, क्योंकि कोविड-19 के इलाज के लिये दी गई दवाएं (जैसे कि स्टीरॉइड्स) इम्युनिटी को कम करने वाली थीं, जिससे मरीज ब्लैक फंगस से पीड़ित होने के जोखिम में आ गये थे। इस कारण लोग डर गये थे और उन्हें नियमित मेडिकल जाँचों और इलाज के लिये अस्पताल/हेल्थ केयर सेंटर्स जाने में हिचकिचाहट हो रही थी।
भारत में ब्लैक फंगस के मामले कम हो गये हैं, लेकिन यह खतरा केवल कोविड-19 तक सीमित नहीं है। यह कभी खत्म न होने वाली समस्या है, जिसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे डायबीटीज (खासकर अनियंत्रित डायबीटीज), लंबे समय तक स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल, कमजोर या जोखिम वाला इम्युन सिस्टम, आईसीयू में लंबे समय तक रहना, आदि। इस घातक संक्रमण की जद में आने के डर के साथ जीने के बजाए अपने घर में एयर्थ का प्यूरीफायर लाना बेहतर है। वीश्योर एंटीमाइक्रोबियल एयर प्यूरीफायर हवा के हानिकारक प्रदूषकों को हटाने के अलावा 99.9% ब्लैक फंगस को सफलतापूर्वक खत्म करेगा और आपको साफ और सुरक्षित हवा में सांस लेने की अनुमति देगा।