भारत, 03 May, 23 : अमाहा (जिसे पहले इनरऑवर के नाम से जाना जाता था) की स्थापना 2016 में मशहूर मनोचिकित्सक और स्वास्थ्यरक्षा के क्षेत्र में उद्यमी डॉ. अमित मलिक द्वारा की गई। अमाहा का लक्ष्य किसी भी जरूरतमंद को गुणवत्तापूर्ण मानिकस मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। 2019 में सामाजिक उद्यमी और वैश्विक मानसिक स्वास्थ्य राजदूत नेहा कृपाल सह-संस्थापक के रूप में अमाहा में शामिल हुई। एक ऐसे देश में, जहां पहले से ही 20 करोड़ लोग मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से जूझ रहे हों, कोविड के दौरान मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कठिनाईयां कई गुना बढ़ गईं। इनमें नशे की लत, मनोविकृति, खुदकुशी का ख्याल, खुद को चोट पहुंचाना, पीड़ा और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी दूसरी चुनौतियां शामिल थी।
पिछले सात सालों में, अमाहा भारत के सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित मानसिक स्वास्थ्य संगठनों में से एक के रूप में उभरा है। अमाहा मानसिक बीमारियों की पूरी श्रृंखला के लिए क्लीनिकल विशेषज्ञता, सर्वोत्तम उपचार और टेक्नोलॉजी आधारित सहायता प्रदान करता है। पिछले साल ही अमाहा की 110 मनोवैज्ञानिकों और मनोचिकित्सकों की टीम ने देश के 300 से ज्यादा शहरों में 15 से ज्यादा भाषाओं में 35 हजार से ज्यादा लोगों के लिए ऑनलाइन थेरेपी और मनोचिकित्सा के सेशन आयोजित किए। बेंगलुरु, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(एनसीआर) और मुंबई में अमाहा ने पहले तीन केंद्र स्थापित किए, जहां व्यक्ति आकर अपनी मानसिक परेशानी का इलाज करवा सकते हैं। अमाहा के डिजिटल ऐप ने दुनिया भर में 45 लाख से ज्यादा लोगों की जिंदगी को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। अपनी मानसिक स्थिति में सुधार के लिए, अमाहा ने सेल्फ-केयर उपचार,शैक्षणिक लेखन मैटेरियल/सामग्री और आंकलन सेवाएं उपलब्ध की हैं। पेशेवर सेवाओं के साथ, मरीजों को 20,000 से अधिक सदस्यों के ऑनलाइन समर्थन समुदाय तक भी पहुंच प्राप्त होती है।
परिवारों और उनके सदस्यों को उनके संपूर्ण जीवनकाल के दौरान मानसिक स्वास्थ्य सेवायें प्रदान करने के लिए, अमाहा ने 2022 में मशहूर बाल और किशोर मानसिक स्वास्थ्य संगठन- चिल्ड्रेन फर्स्ट (दिल्ली-एनसीआर) का अधिग्रहण किया चिल्ड्रेन फर्स्ट ने अपनी शुरुआत से लेकर अब एक दशक में 12 हजार से ज्यादा परिवारों को मदद प्रदान की है।
अमाहा का उद्देश्य है कि वो ऐसी संस्था का निर्माण करे जहां मानसिक समस्याओं से जूझ रहे व्यक्तियों को संपूर्ण जीवन काल के दौरान निरंतर मानसिक चिकित्सा की सुविधा प्राप्त हो सके। वह व्यक्तियों, परिवारों और अलग-अलग कार्यस्थल पर काम करने वाले लोगों को थेरेपी सेशन, मनोवैज्ञानिक देखभाल, सेल्फ केयर टूल्स और अन्य मानसिक स्वास्थ्य सुविधायें प्रदान करने का लक्ष्य रखता है। देश भर के दफ्तरों और कॉलेजों के लिए अमाहा के इमोशनल वेल-बीइंग प्रोग्राम में 700,000 से ज्यादा व्यक्तियों को शामिल किया गया है। चिल्ड्रेन फर्स्ट के साथ मिलकर यह संगठन स्कूल और कॉलेजों को क्लिनिकल सपोर्ट और ट्रेनिंग प्रदान करता है।
संगठन के संस्थापक और सीईओ डॉ. अमित मलिक के शब्दों में, “मेरा मानना है कि भारत जैसे विशाल देश में, जहां अभी तक बहुत से क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंची हैं, मरीजों की प्रभावी और जल्द रिकवरी के लिए उच्च गुणवत्ता की मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सभी तक पहुंचाना बहुत जरूरी है। इससे लोग वास्तव में बेहतर महसूस कर सकेंगे, जल्दी अच्छे हो सकेंगे और उनका रहन-सहन अव्वल दर्जे का हो सकेगा। अमाहा में हमारा लक्ष्य भारत में अपने सभी केंद्रों में विश्वसनीय मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना है। दुनिया के मानसिक रोगियों का एक तिहाई हिस्सा भारत में है, इसलिए अमाहा मरीजों को उनकी मानसिक सेहत के लिए वर्ष में 365 दिन सुबह से आधी रात तक बेहतरीन गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं ऑनलाइन प्रदान करना चाहता है।