मुंबई, 06 जनवरी, 2023 : फिनटेक कंपनी एंजल वन लिमिटेड (पूर्ववर्ती एंजल ब्रोकिंग लिमिटेड) ने दिसम्बर 2022 में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की। कंपनी के ग्राहकों की संख्या 60.7% वार्षिक वृद्धि के साथ 12.51 मिलियन पर पहुँच गई है। इस महीने में कंपनी को कुल 0.33 मिलियन नए ग्राहक मिले।
कंपनी ने दिसम्बर 2022 में सभी मानदंडों पर बढ़िया प्रदर्शन किया। इसका खुदरा इक्विटी टर्नओवर मार्केट शेयर 96 बीपीएस सालाना तक की वृद्धि के साथ 21.8% पर पहुँच गया। इसी प्रकार, मिला-जुला औसत दैनिक टर्नओवर जबरदस्त 133.3% वार्षिक की वृद्धि के साथ 16.40 ट्रिलियन रुपये पर पहुँच गया। ऑर्डर की संख्या बढ़कर 86.23 मिलियन हो गई, जिसकी वृद्धि दर 33.5% वार्षिक है। खाते में रु.13.75 बिलियन औसत ग्राहक फंडिंग दर्ज हुई।
वृद्धि के विषय में एंजल वन लिमिटेड के चीफ ग्रोथ ऑफिसर, श्री प्रभाकर तिवारी ने कहा कि, “लगातार बढ़ती ग्राहकों की संख्या और मार्केट शेयर के साथ हम निर्विवाद रूप से वर्ष 2022 की समाप्ति को शानदार कह सकते हैं। अगले साल के लिए हमने नई उपलब्धियां तथा ज्यादा बुलंदी हासिल करने की योजना बनाई है। एंजल वन में अपनाई गई मार्केटिंग और टेक्नोलॉजी केन्द्रित रणनीतियों के संयोजना से व्यवसाय के लगातार विस्तार में मदद मिल रही है।”
व्यावसाय के प्रदर्शन पर एंजल वन लिमिटेड के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर, श्री नारायण गंगाधर ने कहा कि, “व्यवसाय के लिए एंजल वन की तकनीक-समर्थित ग्रोथ स्ट्रैटेजी के फल मिलने लगे हैं। हम अभी तक के अछूते बाजारों में गहरी पैठ बनाने और ज्यादा बड़ी आबादी को निवेश के अनुकूल एवं प्रयोग में आसान समाधान मुहैया करने की आशा करते हैं। एंजल वन भारतीय पूँजी बाज़ार में अपना आधार बढ़ाने के लिए यूजर्स के अनुभव को लगातार बेहतर बनाने और नई एवं उन्नत टेक्नोलॉजीज को एकीकृत करने का प्रयास जारी रखेगी।”
दिसम्बर 2022 में एंजल वन ने नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर सक्रिय ग्राहकों के मामले में देश में तीसरी सबसे बड़ी ब्रोकर होने की अपनी स्थिति दोबारा प्राप्त कर ली। वर्ष 2022 में इस फिनटेक कंपनी ने अपने आईओएस और वेब प्लैटफॉर्म्स पर अपना सुपर ऐप आरम्भ किया, जो नवम्बर 2022 में इसने अपने एंड्राइड ग्राहकों की सीमित संख्या के लिए प्रगतिशील रूप में ऑफर किया था। इसका सुपर ऐप पाँच प्रमुख स्तंभों पर निर्मित है – (एस.टी.ए.आर.एस.) – सरलता, पारदर्शिता, उपलब्धता, विश्वसनीयता और तीव्रता (सिम्प्लिसिटी, ट्रांसपेरेंसी, अवेलेबिलिटी, रिलायबिलिटी, और स्विफ्टनेस) ।