New Delhi News, 31 May 2021 : भारत के ग्रामीण इलाके इस समय कोविड-19 के कहर का सामना कर रहे हैं। रैपिड टेस्टिंग, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और समर्पित कंटेनमेंट जोन बनाना और भी जरूरी हो गया है। हालांकि, गांवों में बुनियादी ढाँचा उतना विकसित नहीं है जितना शहरों में है। शहरों में जब जांच के नतीजे आने में एक हफ्ते से अधिक समय लग रहा है, तब दूसरी लहर में हमारे गांवों की स्थिति समझी जा सकती है, जहां दो-तिहाई भारतीय आबादी रहती है। हकीकत तो यह है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट भी कुछ प्रकारों के लिए ‘फॉल्स निगेटिव’ बताते हैं जो हालात को और बदतर बना रहा है।
आर्टपार्क या ARTPARK (एआई और रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी पार्क) ने इस मोर्चे पर एक्सरेसेतु लॉन्च कर कुछ राहत प्रदान की है। आर्टपार्क के एआई रिसर्चर्स ने हेल्थटेक स्टार्टअप निरामई और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के सहयोग से भारतभर में कोविड-19 मामलों में जल्द इलाज शुरू करने के लिए एआई-संचालित समाधान एक्सरेसेतु (XraySetu) लॉन्च किया है। यह पूरी सर्विस इस्तेमाल में आसान और तेज है।
स्वास्थ्य जांच करने के लिए किसी भी डॉक्टर को बस www.xraysetu.com पर जाना होगा। ‘ट्राई द फ्री एक्सरेसेतु बीटा’ (‘Try the Free XraySetu Beta’ ) बटन पर क्लिक करना होगा। इसके बाद प्लेटफॉर्म व्यक्ति को दूसरे पेज पर ले जाएगा, जहां वह वेब या स्मार्टफोन एप्लिकेशन के जरिए व्हाट्सएप-आधारित चैटबॉट के साथ जुड़ने का विकल्प चुन सकता है। या डॉक्टर +91 8046163838 पर व्हाट्सएप मैसेज भेजकर एक्सरेसेतु की सेवाओं का इस्तेमाल शुरू कर सकता है। फिर, उन्हें केवल रोगी के एक्स-रे को क्लिक करना होगा। कुछ मिनटों में एनोटेटेड छवियों के साथ 2-पेज का ऑटोमेटेड डायग्नोस्टिक प्राप्त मिल जाएगा। कोविड-19 होने की संभावना को बताते हुए रिपोर्ट डॉक्टर को त्वरित अवलोकन के लिए एक लोकलाइज्ड हीटमैप भी रेखांकित करेगी।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ, यूके से 1,25, 000 से अधिक एक्सरे इमेज के साथ-साथ 1000+ से अधिक भारतीय कोविड रोगियों के टेस्ट और पुष्टि के बाद एक्सरेसेतु ने ओपन सोर्स मानक डेटा सेट पर उत्कृष्ट प्रदर्शन दिखाया है:
सेंसिटिविटी[1] : 98.86%
स्पेसिफिसिटी[2]: 74.74%
[1] सेंसिटिविटी (ट्रू पॉजिटिव रेट) उन पॉजिटिव्स का अनुपात है, जिन्हें सही तरीके से पहचान की गई है (यानी वह अनुपात जिसमें परिस्थिति का सही-सही आकलन किया गया है)
[1] (ट्रू निगेटिव रेट)) सही ढंग से पहचाने गए निगेटिव्स के अनुपात को मापता है (यानी उन लोगों का अनुपात जिनकी स्थिति का सही तरीके से आकलन नहीं किया गया)।
एयूसी[3]: 0.9316
एक्सरेसेतु को विशेष रूप से व्हाट्सएप पर भेजे गए कम रिज़ॉल्यूशन वाली चेस्ट एक्सरे इमेज से भी कोविड पॉजिटिव रोगियों की पहचान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें डॉक्टरों द्वारा रिव्यू और लोकलाइज्ड हीटमैप के लिए प्रभावित क्षेत्रों के सिमेंटिक एनोटेशन भी हैं ताकि वे इसे अन्य तरीकों के साथ आसानी से वैरिफाई कर सकें। अपने लॉन्च के बाद से यह भारत के आंतरिक हिस्सों से अब तक करीब 1200+ रिपोर्ट दे चुका है।
[1] सेंसिटिविटी (ट्रू पॉजिटिव रेट) उन पॉजिटिव्स का अनुपात है, जिन्हें सही तरीके से पहचान की गई है (यानी वह अनुपात जिसमें परिस्थिति का सही-सही आकलन किया गया है)
[2] (ट्रू निगेटिव रेट)) सही ढंग से पहचाने गए निगेटिव्स के अनुपात को मापता है (यानी उन लोगों का अनुपात जिनकी स्थिति का सही तरीके से आकलन नहीं किया गया)।
[3] सामान्य तौर पर, 0.5 का एयूसी कोई अंतर नहीं दर्शाता है (यानी, टेस्ट के आधार पर रोग या स्थिति के साथ और बिना रोगियों को डायग्नोज करने की क्षमता), 0.7 से 0.8 को स्वीकार्य माना जाता है, 0.8 से 0.9 को उत्कृष्ट माना जाता है, और 0.9 से अधिक को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।