नई दिल्ली: ऑटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल (एएसडीसी) का वार्षिक कॉन्क्लेव शुक्रवार को नई दिल्ली के होटल हयात में आयोजित किया गया। “कुशल युवा – समृद्ध भारत” थीम पर आधारित इस कॉन्क्लेव में 500 से अधिक वरिष्ठ नौकरशाहों और ऑटो उद्योग के प्रतिनिधि शामिल हुए। जिन्होंने भारत में ऑटो उद्योग की भूमिका के बारे में अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत किए और स्किलिंग इकोसिस्टम से उद्योग को कैसे लाभ पहुंच सकता है, इस पर चर्चा की। इस मौके पर पहुंचे गणमान्य अतिथियों ने एएसडीसी के वार्षिक पुस्तिका का विमोचन किया। वहीं, एएसडीसी ने विभिन्न श्रेणियों में प्रशिक्षण भागीदारों, मूल्यांकनकर्ता, सहयोगी उद्योगों को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया।
कॉन्क्लेव के थीम का उद्देश्य युवाओं का ध्यान कौशल के प्रति आकर्षित करना और देश का समृद्ध बनाना था। वहीं, उद्योग के साथ साझेदारी करके स्किलिंग इकोसिस्टम को और मजबूत करना था। कॉन्क्लेव में कैस्ट्रोल, रॉयल एनफील्ड, टोयोटा, युवाशक्ति फाउंडेशन, एक्साल्टा, इंकाटेक, टीसीशन और अन्य उद्योग बतौर प्रायोजक शामिल हुए।
कार्यक्रम का उद्घाटन, दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त एसपी बेनीवाल, श्री अरिंदम भट्टाचार्य, डायरेक्टर (डेवलपमेंट पार्टनर्शिप एडमिनिस्ट्रेशन ) विदेश मंत्रालय भारत सरकार और कर्नल ए के चंदेल, सीनियर हेड एंड एनएसडीसी एंड टेक्नीकल डेलिगेट असिस्टेंट, वर्ल्ड स्किल्स इंडिया ने बतौर विशिष्ठ अतिथि किया। एएसडीसी के प्रेसिडेंट विनोद अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए आयोजन के उद्देश्य के बारे में बताया। दिन भर चलने वाले इस कार्यक्रम में स्किलिंग इकोसिस्टम, भविष्य की तकनीक, रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर पर चर्चा की गई।
एनसीवीईटी के अध्यक्ष एनएस कलसी ने कहा कि कौशल की कमी को दूर करने के लिए, भारत को रोजगार में सुधार के लिए उच्च तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का विस्तार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हाल ही में एनसीवीईटी द्वारा एएसडीसी को अवार्डिंग बॉडी का दर्जा दिया गया है और एएसडीसी अपस्किलिंग और री-स्किलिंग के काम की सराहना की। उन्होंने बताया कि एनसीवीईटी ने कई कोर्सेज विकसित किए हैं, जो ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए विशेष रूप से रोबोटिक्स, ईवी और एआर/वीआर, बिग डेटा, आईओटी पर केंद्रित है, जो भविष्य की नौकरी के लिए युवाओं को प्रशिक्षित करेगी।
दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त एसपी बेनीवाल ने कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की मदद से शुरू किए गए युवा कार्यक्रम के बारे में बताया और कहा कि युवा कार्यक्रम का उद्देश्य उन लोगों को रोजगार उन्मुख कौशल प्रदान करना है जो अपराध की दुनिया में गलती से आ गए है। यह न केवल दिल्ली पुलिस के मानवीय और करुणामय चेहरे को दर्शाता है, बल्कि पुलिस के मुख्य उद्देश्य, यानी अपराध की रोकथाम को भी पूरा करता है।
विंकेश गुलाटी, कोषाध्यक्ष एएसडीसी व एफएडीए के अनुसंधान और अकादमी के चेयरमैन ने कहा कि एएसडीसी इस वित्तीय वर्ष में ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए 60,000 युवाओं को प्रशिक्षण देगा। सरकार के सहयोग से इंडस्ट्री और युवाओं दोनों को लाभ हो रहा है।
वहीं, अपने स्वागत भाषण में, एएसडीसी के प्रेसिडेंट विनोद अग्रवाल ने कहा: “भारतीय ऑटो उद्योग कई तरह के बदलाव से गुजर रहा है। एएसडीसी भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग पारिस्थितिकी तंत्र का एक प्रमुख हितधारक होने के नाते, देश के कार्यबल को तैयार करना और इसे भविष्य के लिए युवाओं को तैयार करने के लिए प्रतिबतद्ध है। एएसडीसी न केवल देश के ऑटो उद्योग को बड़े पैमाने पर कुशल श्रमिक देकर मदद कर रहा है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने में भी सहयोग कर रहा है।”
एएसडीसी के सीईओ अरिंदम लाहिरी ने कहा: “एएसडीसी कई कंपनियों के साथ मिलकर युवाओं को कुशल बना रही है और पुराने कुशल लोगों को विभिन्न कार्यक्रम के जरिये उनके हुनर को प्रमाणित कर रही है। ई-लर्निंग पाठ्यक्रम भी शुरुआत युवाओं को घर बैठे प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से किया गया है।
एएसडीसी वार्षिक कॉन्क्लेव के दौरान कई पैनल चर्चा में कंपनियों की आवश्यकता, नई तकनीक के लिए जरूरी कौशल प्रशिक्षण, उद्योगों के लिए जरूरी रणनीति आदि विषयों पर चर्चा हुई।