नई दिल्ली। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के अधीन कार्यरत एएसडीसी – ऑटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल द्वारा सफलतापूर्वक पार्टनर्स फोरम -2022 का आयोजन दिल्ली के हैबिटेट सेंटर में आयोजित किया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि एमएसडीई के सचिव श्री राजेश अग्रवाल आईएएस मौजूद रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि के तौर पर राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) के चेयरमैन डॉ. निर्मलजीत सिंह कलसी, नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसडीसी) के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर एवं कार्यकारी सीईओ श्री वेद मणि तिवारी मौजूद थे। कार्यक्रम में एएसडीसी द्वारा ऑटोमोटिव सेक्टर में करियर, नई तकनीक के साथ भविष्य की संभावनाएं और जरूरी स्किल की जानकारी देने के लिए एक करियर मार्गदर्शिका का विमोचन भी किया गया। रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इलेक्ट्रिक व्हीकल के साथ कैसे नए बिजनेस मॉडल और उसके लिए जरूरी कौशल के बारे में भी जानकारी दी गई है।
बतौर मुख्य अतिथि मौजूद एमएसडीई के सचिव श्री राजेश अग्रवाल आईएएस ने सड़क किनारे मैकेनिक्स को सर्टिफाइ करने और उसे नई तकनीक सीखाने पर जोर दिया और एएसडीसी द्वारा चलाए जा रहे ग्लोब कंपीटेंट ट्रेनर के ड्यूअल सर्टिफिकेशन की सराहना की। उन्होंने कहा कि अब मोटर वाहन क्षेत्र के लिए कौशल ट्रेनिंग देने के लिए एआर-वीआर-आधारित कौशल प्रशिक्षण को बढ़ावा देने की जरूरत है, जिससे युवा जल्दी सीख सके। युवाओं से सीखने की संस्कृति को आत्मसात करने और बहु-कौशल पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की और कहा कि इस तरह की सीखने की प्रवृत्ति से हमारे युवा सशक्त होंगे और राष्ट्र निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। उद्योग में जाकर सीखने रीस्किलिंग, अपस्किलिंग पर भी और ध्यान देने की जरूरत बताई।
उन्होंने कहा कि कौशल विकास के लिए सशस्त्र बलों की विभिन्न शाखाओं के साथ मिलकर काम किया जाएगा। अग्निपथ योजना, भारतीय सैन्य बलों के लिए युवा और कुशल कार्यबल के सृजन को बढ़ावा देगी। सभी अग्निवीरों को सेवा में रहते हुए स्किल इंडिया प्रमाणपत्र मिलेगा, जो उन्हें उद्यमिता में विविध अवसरों के उपयोग में सक्षम बनाएगा। कौशल भारत के सभी संगठन को इस कार्य से जोड़ा जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि अग्निवीरों को सेवा में रहते हुए अपनी नौकरी की भूमिकाओं से संबंधित अपेक्षित कौशल प्रमाण-पत्र प्राप्त हो सके।
एनसीवीईटी के चेयरमैन डॉ. निर्मलजीत सिंह कलसी ने कहा कि परिषद उत्कृष्ट कौशल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए एआईसीटीई, यूजीसी और सेक्टर स्किल काउंसिल के साथ मिलकर काम कर रही है। हमने एनएसक्यूएफ आधारित 16 अलग-अलग कोर्स विकसित की है और मान्यता दी है। एआई, रोबोटिक्स, आईओटी, साइबर सिक्योरिटीज आदि जैसे सभी कोर्स उद्योग 4.0 को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। परिषद् की ओर से दो दिवसीय सूक्ष्म कौशल प्रशिक्षण को भी मान्यता दी है, जिससे युवाओं को कौशल प्रमाणन प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
एनएसडीसी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर एवं कार्यकारी सीईओ श्री वेद मणि तिवारी ने कहा कि डिजिटल कंटेंट और प्लेटफॉर्म के जरिये प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। आज की औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप अपनी नौकरी की भूमिकाओं को फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता है। कौशल और आजीविका के लिए डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र की शुरुआत और ई-प्रयोगशालाओं की स्थापना एक कुशल और सशक्त राष्ट्र के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कदम उठाया गया है।
एएसडीसी के प्रेसिडेंट श्री विनोद अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए पार्टनर्स फोरम के उद्देश्य के बारे बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग दुनिया में नई तकनीक और नवाचार अपनाने में आगे है। साथ ही देश में उत्पादन होने वाली गाडि़यों की सुरक्षा के नए पैमाने तय किए है। यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के कारण संभव हो सका है।
उन्होंने कहा कि नई तकनीक अपनाने और दुनिया में अग्रणी बने रहने के लिए जरूरी है कि मौजूद वर्कफोर्स को री-स्किल किया जाए और युवाओं को ट्रेनिंग देकर नए स्किल के लिए तैयार किया जाए। इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टनर्स फोरम – 2022 की थीम सहयोगिता से आत्मनिर्भरता रखा गया है, जिसमें सभी तरह के भागीदार – उद्योग, सरकार के प्रतिनिधि, ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और हमारे देश के ऊर्जावान युवा को शामिल किया गया है। इन सबके सामूहिक प्रयास से ही आत्मनिर्भर भारत का मजबूती से निर्माण किया जा सकता है।
चार अलग-अलग सत्रों में आयोजित इस पार्टनर्स फोरम में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने ट्रेनिंग के परिणाम, स्किल प्रोसेस और प्रभावी बनाने के तरीके, इलेक्ट्रिक व्हीकल के क्षेत्र में नई संभावनाएं, इंडस्ट्री 4.0 से तकनीक में परिवर्तन पर आदि पर चर्चा की।