New Delhi News, 18 Aug 2021: दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म ब्रेनली के नए सर्वे से पता चलता है कि कैसे भारतीय छात्रों ने कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए नए स्टडी-फ्रॉम-होम को अपनाया है। यहां सर्वेक्षण से प्राप्त महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं-
10 में से 8 भारतीय छात्र अपने दोस्तों और साथियों से व्यक्तिगत जुड़ाव को याद कर रहे हैं
दुनियाभर में महामारी का सबसे बड़ा प्रभाव आवाजाही और मेलजोल पर प्रतिबंध के तौर पर सामने आया है। स्कूल अपनी गतिविधियों को ऑनलाइन जारी रखे हुे हैं, पर सभी ने व्यक्तिगत रूप से जुड़ाव की कमी महसूस की है। ब्रेनली सर्वे में पाया गया कि सर्वे में शामिल 81% छात्र अपने दोस्तों और सहपाठियों के साथ व्यक्तिगत रूप से जुड़े रहने को याद कर रहे हैं।
ब्रेनली के अधिकांश छात्र (78%) अपने खाली समय का उपयोग पढ़ाई के लिए करते हैं
सर्वे में पाया गया कि ब्रेनली के अधिकांश छात्र (78%) अपने खाली समय का उपयोग अपने स्कूल के घंटों से आगे पढ़ाई में करते हैं, जबकि 56% छात्र अपने खाली समय का उपयोग पढ़ाई-लिखाई से अलावा अन्य गतिविधियों और शौक से जुड़ी गतिविधियों में करते हैं। छात्रों की मनोरंजक गतिविधियों में शामिल हैं- नई एक्टविटी सीखना (44%), टीवी देखना (32%), वीडियो गेम खेलना (30%), दोस्तों के साथ घूमना (30%) और सोशल मीडिया सर्फिंग (18%) शामिल हैं।
ब्रेनली के आधे छात्रों का कहना है कि ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म घर से पढ़ाई को आसान बनाते हैं
महामारी सभी पर, बच्चों और वयस्कों पर समान रूप से भारी पड़ी है। यह पूछे जाने पर कि क्या वे घर से पढ़ाई करते समय तनाव महसूस करते हैं, 45% छात्रों ने हां में जवाब दिया। 68% भारतीय छात्रों का कहना है कि उनके स्कूल उन्हें घर से फिजिकल एजुकेशन में भाग लेने को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
साथ ही छात्र अपने लिए उपलब्ध सभी संसाधनों का उपयोग घर पर रहकर तनावों के बीच पढ़ाई को नेविगेट करने के लिए कर रहे हैं। फिर चाहे इसमें माता-पिता की सहायता लेना हो या इंटरनेट की। ब्रेनली के 46% छात्रों के अनुसार ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म घर से उनकी पढ़ाई को आसान बना रहे हैं। छात्रों की सकारात्मक प्रतिक्रिया को इस तथ्य के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है कि प्रमुख ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म पीयर-टू-पीयर नॉलेज-शेयरिंग और आमने-सामने की बातचीत में सक्षम होते हैं। यह कुछ ऐसा है जिसके लिए छात्र सहपाठियों और दोस्तों से व्यक्तिगत जुड़ाव के अभाव में तरस रहे हैं।