दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा कोविड काल मे डिजिटल श्रीमद् भागवत् कथा का शुभारंभ

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New Delhi News, 10 July 2021 : दिव्य धाम आश्रम, दिल्ली में दिनांक 10 से 16 जुलाई 2021 तक ‘श्रीमद् भागवत् कथा’ का भव्य एवं विशाल आयोजन किया जा रहा है। तत्कालीन कोविड-19 महामारी के चलते आवाजाही सीमित होने के कारण सभी लोग घर के अन्दर ही अपना समय व्यतीत कर रहे है। परन्तु ऐसे समय में शास्त्र ग्रंथों पर आधारित संत-महापुरुषों के आध्यात्मिक संदेशों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान निरंतर ही संलग्न है। इसी हेतु संस्थान द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत् कथा का प्रसारण वर्चुअल वेबकास्ट के द्वारा किया जा रहा है।

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या भागवताचार्या महामनस्विनी विदुषी सुश्री साध्वी आस्था भारती जी ने कथा के प्रथम दिवस श्रीमद् भागवत् कथा का महात्मय बताते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत् एक ऐसी अमृत कथा है जो देवताओं के लिए भी दुर्लभ है। उन्होंने कहा कि वेद-ग्रंथ युगों-युगों से मानव जाति का कल्याण करते रहे हैं।

‘भागवत्महापुराण’ यह उसी सनातन ज्ञान की पयस्विनी है जो वेदों से प्रवाहित होती चली आ रही है। इसीलिए भागवत्महापुराण को वेदों का सार भी कहा गया है। साध्वी जी ने श्रीमद्भागवत् महापुराण की व्याख्या करते हुए बताया कि श्रीमद्भागवत् अर्थात जो श्री से युक्त है। श्री अर्थात् चैतन्य, सौन्दर्य, ऐश्वर्य। ‘भगवता प्रोक्तम् इति भागवतं|’ भाव भगवान की वह वाणी, वह कथा जो हमारे जड़वत जीवन में चैतन्यता का संचार करती है। सम्पूर्ण पापों का नाश करती हैं। जो हमारे जीवन को सुन्दर बनाती है ऐसी श्रीमद् भागवत् कथा को केवल मृत्युलोक में ही प्राप्त करना संभव है। कथा श्रवण की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि भागवत् कथा एक कल्पवृक्ष की भाँति है, जो जिस भाव से कथा को श्रवण करता है, वह उसे वैसे ही मनोवांछित फल देती है और यह निर्णय हमारे हाथ में है कि हम संसार की माँग करते हैं या भगवान की।

कथाव्यास जी ने अश्वत्थामा के जीवन का विश्लेषण करते हुए बताया कि लालच, अति-महत्वाकांक्षा, तुलना, ईर्ष्या, प्रतिशोध और घृणा जैसी दुष प्रवृत्तियों से मानव जाति को बचते हुए ईश्वर का संग कर अपने जीवन को सफ़ल बनाना चाहिए। कथा के दौरान साध्वी जी ने देश-विदेश से श्रवण कर रहे श्रद्धालुगणों को विदुरानी की प्रेमा भक्ति के मार्मिक चित्रण द्वारा श्रीकृष्ण भक्ति से सरा भोर किया। संत समाज द्वारा भावपूर्ण भजनों की सुंदर श्रृंखला को प्रस्तुत किया गया जिससे दिव्य धाम आश्रम की दिव्य धरा पर कृष्णमय वातावरण का अनुभव किया गया। तथा कथा के मुख्य, दैनिक एवं उत्सव यजमानों ने डिजिटल टेक्नोलॉजी के माध्यम से कथा के प्रारम्भ में पूरे विधि-विधान से पूजन किया व कथा के उपरांत पावन आरती में सम्मलित हो कर घर बैठे ही ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस भव्य कथा द्वारा श्रद्धालुगण 16 जुलाई तक प्रभु के अनेक रूपों और लीलाओं का आनंद लेते हुए अपने जीवन को लाभान्वित कर पायेंगे। कथा का विशेष प्रसारण संस्थान के यूट्यूब चैनल पर किया जा रहा है। इस लिंक पर जाकर आप कथा का online वेबकास्ट अवश्य देखें: https://www.youtube.com/djjsworld । प्रसारण का समय प्रातः 10 से दोपहर 1 बजे तक तथा सायं 7 से रात्रि 10 बजे तक है।

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