February 19, 2025

डीजेजेएस के प्रतिनिधियों ने वाराणसी, उत्तर प्रदेश में गंगा आरती में भाग लिया

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New Delhi news, 24 May 2022 : गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा 24 से 30 मई 2022 तक रामनाथ चौधरी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी, उत्तर प्रदेश में सायं 5:30 से रात्रि 9:00 बजे तक सात दिवसीय “श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ” का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या कथाव्यास साध्वी आस्था भारती जी कथा का वाचन करेंगी।

इसी क्रम में आध्यात्मिक नगरी काशी (वाराणसी, उत्तर प्रदेश) पहुंचकर कथा व्यास जी ने, गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के अन्य प्रचारक शिष्यों के साथ शहर के विभिन्न धार्मिक स्थलों का भ्रमण किया और काशी विश्वनाथ धाम की पूजा की। तत्पश्चात वे डॉ. राजेंद्र प्रसाद घाट पहुंचे और वाराणसी में पवित्र गंगा की पूजा और मंगल आरती में भाग लिया एवं मां गंगा के प्रति कृतज्ञता और सम्मान अभिव्यक्त करते हुए, उनका आशीर्वाद मांगा।

राजेंद्र प्रसाद घाट गंगा आरती समिति के सदस्यों ने कथा व्यास जी को सम्मानित किया। गंगा आरती समिति को संबोधित करते हुए कथा व्यास जी ने कहा कि गंगा आरती समाज को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है। आज भारत की नदियां प्रदूषित हो चुकी हैं। प्रकृति तभी प्रदूषित होती है जब मानव मन प्रदूषित होता है। मन के प्रदूषण को दूर करने का सूत्र है श्रीमद्भागवत कथा, जिसे श्रद्धा और भक्ति से सुनना चाहिए। कथा अमृत में निहित मानव आचरण के मार्गदर्शक सिद्धांतों को सभी को जीवन में शामिल करना चाहिए।उन्होंने आगे कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने भी गोवर्धन उठाकर सभी को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया था। डीजेजेएस का पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम- “संरक्षण” पेड़-पौधे लगाने व नदियों की सफाई आदि के लिए निरंतर प्रयासरत है।डीजेजेएस इस कथा ज्ञान यज्ञ में भाग लेने के लिए सभी का स्वागत करता है। यह कथा मानव जीवन के दिव्य उद्देश्य और सदैव प्रसन्न व आनंदित रहने के लिए आपका मार्गदर्शन करेगी।

यह कथा डीजेजेएस के यूट्यूब चैनल DJJSWORLD [www.youtube.com/djjsworld] पर 27 मई से 2 जून 2022, प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक तथा सायं 7 बजे से रात्रि 10 बजे [IST] तक वेबकास्ट की जाएगी। यह कथा अंग्रेज़ी सबटाइटल्स के साथ प्रसारित की जाएगी, ताकि विश्वभर में भक्त श्रद्धालुगण इस कथा से लाभ ले सकें।

 

 

 

 

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