New Delhi, 05 Sep 2020 : भले ही इस समय कारोबारी सावधानी से ट्रेडिंग कर रहे हैं, मिश्रित इकोनॉमिक आउटलुक ने कमोडिटी निवेशकों को परेशान कर रखा है। अन्य मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की कीमत एक और फेक्टर है जो कमोडिटी की कीमतों में घट-बढ़ को प्रभावित कर रही है।श्री प्रभातेश माल्या, एवीपी- रिसर्च, नॉन-एग्री कमोडिटी एंड करेंसी, एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड
सोना
बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से आर्थिक सुधार की उम्मीद बढ़ी और पीली धातु की मांग में कमी आई। इससे स्पॉट गोल्ड में 1.40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई और सोना 1942.6 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। अमेरिकी डॉलर दो साल की सबसे बड़ी गिरावट पर था और वह वहां से लौट आया है। इससे सोने की कीमतें कम हुईं। अमेरिका में बनने वाली वस्तुओं के लिए नए ऑर्डर बढ़ने और अमेरिकी फैक्ट्री गतिविधियों ने इकोनॉमिक रिकवरी की उम्मीदें जगा दी हैं। इंस्टीट्यूट फॉर सप्लाई मैनेजमेंट (आईएसएम) की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी फैक्ट्री डेटा अगस्त 2020 में 56 पर था जो इससे पहले जुलाई 2020 में 54.2 था। समग्र आर्थिक स्थिति पर संकेत पाने के लिए यू.एस. में बेरोजगारी के दावों की रिपोर्ट और नॉन-फार्म पेरोल डेटा पर बाजार की गहरी नजर होगी।
एमसीएक्स पर सोने की कीमतें 1.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में 50821 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुईं।
कच्चा तेल
बुधवार को डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमतें 3 प्रतिशत गिरकर 41.5 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुईं। महामारी के प्रभाव ने क्रूड के लिए आउटलुक बदल दिया क्योंकि ग्लोबल तेल बाजार ने रिकवरी के लिए संघर्ष शुरू कर दिया है। आउटलुक बहुत अच्छा नहीं है और कमजोर उम्मीद ने तेल की कीमतों पर दबाव डाला। पिछले सप्ताह अमेरिकी क्रूड इन्वेंट्री के स्तर में गिरावट के बावजूद तेल की कीमतों में गिरावट महत्वपूर्ण थी। अमेरिका में क्रूड की इन्वेंट्री में 9.4 मिलियन बैरल से अधिक की गिरावट आई। अगस्त 2020 में अमेरिकी और चीन में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में मजबूती ने ही कच्चे तेल के नुकसान को सीमित किया है।
बेस मेटल्स
बुधवार को लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पर अधिकांश बेस मेटल की कीमतें अमेरिकी डॉलर में मजबूती से गिर गईं और कमजोर अमेरिकी लेबर मार्केट ने भी कीमतों को कम ही रखा। अमेरिका में अगस्त 2020 में लगातार दूसरे यू.एस. पेरोल डेटा के कमजोर रहने से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में कमजोर लेबर मार्केट के संकेत दिए। इसने बेस मेटल्स की कीमतों को कम ही रखा। फरवरी 2020 में दर्ज की गई महत्वपूर्ण गिरावट के बाद से चीन में कारखाने की गतिविधियों में लगातार वृद्धि देखी गई है। एक निजी सर्वेक्षण के अनुसार चीन का विनिर्माण क्षेत्र पिछले महीने एक दशक में सबसे तेजी से बढ़ा। चीन के इन्फ्रास्ट्रक्चर-केंद्रित प्रोत्साहन पैकेज और निर्माण व सेवा क्षेत्र में स्पष्ट रिकवरी ने 2020 के शुरुआती महीनों में गिरावट के बाद से औद्योगिक धातु की कीमतों को बढ़ाया।
तांबा
बुधवार को एलएमई कॉपर 0.14 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 6697 डॉलर प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ क्योंकि पिछले सत्र में अमेरिकी डॉलर ने खोई जमीन को कवर किया था। हालांकि, एलएमई कॉपर इन्वेंट्री में महत्वपूर्ण कमी और चीन के मजबूत आंकड़ों ने कॉपर की कीमतों के लिए कुछ सपोर्ट प्रदान किया।