मुंबई, 23 जनवरी, 2023: कोविड-19 के साथ बीते दो वर्षों के लंबे इंतजार के बाद डॉ. बत्रा’ज़ ® पॉजिटिव हेल्थ फाउंडेशन ने अपने प्रतिष्ठित वार्षिक सिंगिंग कॉन्सर्ट ‘यादों की बहार’ के 11वें संस्करण की मेजबानी की। संगीत आयोजन का यह नया संस्करण 18 जनवरी को वाय.बी. चव्हाण ऑडिटोरियम, नरिमन पॉइंट, मुंबई में आयोजित हुआ, जहाँ पद्मश्री विजेता और डॉ. बत्रा’ज़ ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक डॉ. मुकेश बत्रा ने पुराने गानों को अपनी आवाज दी। वार्षिक चैरिटी सिंगिंग कॉन्सर्ट के मुख्य अतिथि भारतीय पार्श्वगायक और संगीत निर्देशक श्री रूप कुमार राठौड़ थे, जिन्हें ‘वीर ज़ारा’, ‘रब ने बना दी जोड़ी’, ‘बॉर्डर’ और ‘सरफरोश’ जैसी फिल्मों के लिये जाना जाता है।
‘यादों की बहार’ एक शानदार इवेंट है, जिसका आयोजन ‘द शेफर्ड विडोज होम’ की वृद्ध विधवाओं की मदद के लिये होता है। इसका आयोजन डॉ. बत्रा’ज़ फाउंडेशन द्वारा किया जाता है, जोकि पिछले 30 वर्षों से वृद्ध महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल करता है और उन्हें मुफ्त में मेडिकल केयर देता है।
इस पहल पर अपनी बात रखते हुए, डॉ. मुकेश बत्रा, पद्मश्री विजेता और डॉ. बत्रा’ज़ ® ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक, ने कहा, “यह फाउंडेशन वंचित लोगों की सहायता के लिये 22 साल पहले बना था। मेरा मानना है कि पैसों की कमी के चलते किसी को मेडिकल ट्रीटमेंट देने से मना नहीं किया जाना चाहिये। इसलिये हम देशभर में फ्री क्लिनिक्स चलाते हैं, ताकि जरूरतमंद लोगों की मदद कर सकें। मेरा यह भी मानना है कि बुजुर्ग लोग अकेले पड़ जाते हैं और उन्हें घर में शामिल किया जाना चाहिये। ग्रैण्डपैरेंट को गोद लेना एक बेहतरीन विचार है, जिसका वक्त आ गया है। मैं देश में कुछ ओल्ड-ऐज होम्स की मदद करके अपना योगदान कर रहा हूँ।”
‘यादों की बहार’ के 11वें संस्करण पर बात करते हुए, मुख्य अतिथि श्री रूप कुमार राठौड़ ने कहा, “मैं पिछले 40 साल से डॉ. बत्रा को जानता हूँ और जिन्दगी को लेकर तथा कम भाग्यशाली लोगों तक पहुँचने के लिये उनके उत्साह से बड़ा प्रभावित हूँ। उनकी आवाज बहुत अच्छी है और मुझे खुशी है कि उन्होंने अपनी आवाज कर इस्तेमाल समाज की बेहतरी के लिये किया है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि उनका संगीत और उदारता उनकी तीसरी पीढ़ी तक पहुँची है और उनके पोते हृमन ने आज बहुत अच्छा परफॉर्म किया है।”
इस मौके पर भारत में होम्योपैथी को लोकप्रिय बनाने के लिये होम्योपैथी एंथेम भी लॉन्च किया गया। होम्योपैथी की अच्छाई बताने वाले इस एंथेम की परिकल्पना पद्मश्री डॉ. मुकेश बत्रा ने की थी। इसे प्रतिष्ठित संगीत निर्देशक संजयराज गौरीनंदन ने कम्पोज किया है और महालक्ष्मी अय्यर, डॉ. राहुल जोशी और डॉ. मुकेश बत्रा ने गाया है। इसका निशुल्क वितरण होम्योपैथी कॉलेजों, होम्योपैथी डॉक्टरों और भारत में होम्योपैथी के चाहने वालों को किया जाएगा। यह दुनिया में होम्योपैथी के लिये पहला एंथेम है।
डॉ. बत्रा’ज़ ®फाउंडेशन के विषय में:
डॉ. बत्रा’ज़ ® पॉजिटिव हेल्थ फाउंडेशन, डॉ. बत्रा’ज़ ® ग्रुप ऑफ कंपनीज की सीएसआर शाखा है और देश में कम भाग्यशाली लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव कर रही है। 22 साल पहले शुरू हुआ यह फाउंडेशन अभी 192 क्लिनिक्स चलाता है, जो कि जरूरतमंदों को जीवनभर मुफ्त में दवाएं देते हैं। डॉ. बत्राज ® फाउंडेशन देश की दस गैर-लाभकारी संस्थाओं से जुड़ा रहा है, ताकि वंचितों के बीच होम्योपैथी की अच्छाई को फैला सकें। यह संस्थाएं हैं शेफर्ड विडोज होम और हैप्पी होम एण्ड स्कूल फॉर द ब्लाइंड (मुंबई), संध्या ओल्ड ऐज होम (पुणे), लिटिल सिस्टर्स ऑफ द पूअर (बेंगलुरु और हैदराबाद), करतार आसरा ओल्ड ऐज होम एण्ड ऑर्फेनेज (चंडीगढ़), एमडीडी ऑर्फेनेज (करनाल), एक प्रयास एज्युकेशन सोसायटी (कोलकाता) और मर्सी होम (चेन्नई)। फाउंडेशन उन योग्य विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति भी देता है, जो होम्योपैथी की पढ़ाई करना चाहते हैं, लेकिन फीस नहीं चुका सकते।
डॉ. बत्रा’ज़ ® फाउंडेशन का लक्ष्य है कि पैसों की कमी के कारण कोई भी मरीज इलाज से दूर नहीं होना चाहिये। इसने 2001 में अपनी शुरूआत से ही चिकित्सा, शिक्षा और पोषण सम्बंधी जरूरतों वाले वंचितों की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉ. बत्रा’ज़ ® के सभी क्लिनिक्स हर महीने के दूसरे गुरूवार को मुफ्त परामर्श एवं उपचार प्रदान करते हैं।
फाउंडेशन का विजन होम्योपैथी के प्राकृतिक, सुरक्षित और विश्वसनीय तरीके से ‘बीमारी मुक्त भारत’ बनाना है। इसी दृष्टिकोण के साथ, कंपनी ने मिशन 1:1 शुरू किया था, जिसके हिस्से के तौर पर अपने उपचार के लिये भुगतान करने वाले हर मरीज के साथ एक वंचित व्यक्ति को भी मुफ्त उपचार दिया जाता है।