कोरोनावायरस को लेकर नई चिंताओं के बीच सोने की कीमतों ने की रिकवरी

0
810
Spread the love
Spread the love

New Delhi, 11 May 2020 : दुनिया भर की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं धीमी गति से हालात सामान्य होने और उत्पादन व विनिर्माण गतिविधियां फिर तेज होने की उम्मीद कर रही हैं। हालांकि, स्थिर, मंदी जैसी परिस्थितियों से दूर होने पर सर्दियों में कोरोनावायरस के मजबूती से लौटने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है।प्रथमेश माल्या, चीफ एनालिस्ट, नॉन-एग्री कमोडिटी एंड करेंसी, एंजिल ब्रोकिंग लिमिटेड

सोना
पिछले हफ्ते स्पॉट गोल्ड की कीमतें 1.2 प्रतिशत तक बढ़ गईं क्योंकि सबसे महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं से कमजोर आर्थिक आंकड़ों ने सोने की कीमतों में वृद्धि का समर्थन किया।
इस महामारी ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। 21 मार्च 2020 के बाद से अब तक करीब 33 मिलियन बेरोजगार हुए हैं। दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं के सर्वेक्षण से पता चलता है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद रिकवरी में उम्मीद से ज्यादा वक्त लग सकता है। तेल की कीमतों में सुधार और महामारी से संबंधित उपायों को हटाने से सोने की लागत में वृद्धि सीमित हुई। अमेरिकी डॉलर में सुधार से अन्य मुद्रा धारकों के लिए सोना महंगा हो गया, जिससे पीली धातु की कीमतों में तेजी आई।

चांदी
पिछले हफ्ते, स्पॉट सिल्वर की कीमतें 2.86 प्रतिशत बढ़कर 15.5 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुईं। एमसीएक्स पर कीमतें 5.6 प्रतिशत बढ़कर 43,293 रुपए प्रति किलो रहीं।

कच्चा तेल
पिछले हफ्ते कच्चे तेल की कीमतों में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जो पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन द्वारा उत्पादन कटौती के आक्रामक उपाय की देन है। संगठन ने 1 मई 2020 से प्रति दिन अपने उत्पादन में 9.7 मिलियन बैरल की कमी की।

सऊदी अरब ने कच्चे तेल के निर्यात को दस साल में निम्नतम स्तर पर ला दिया है और कच्चे तेल के लिए ऑफिशियल सेलिंग प्राइज (OSP) बढ़ाया। हालांकि, हवाई और सड़क यातायात पर प्रतिबंधों ने कच्चे तेल की कीमतों में किसी भी संभावित वृद्धि को दबाया है, क्योंकि यह इन उद्योगों का हिस्सा बहुत महत्वपूर्ण है।

बेस मेटल्स
अर्थव्यवस्थाओं को नीचे खिंच रहे लॉकडाउन के हटने के बीच पिछले हफ्ते लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पर बेस मेटल्स की कीमतें ऊपर बंद हुई थी। हालांकि, यू.एस. ने वायरस फैलाने के लिए चीनी प्रयोगशालाओं को दोषी ठहराया, जिससे यू.एस.- चीन संबंधों में तनाव बना रहा।

अप्रैल में चीन में कच्चे तेल और बेस मेटल्स का आयात पहले दर्ज स्तरों से बढ़ गया, जो दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में कमोडिटी की मांग में सुधार का संकेत है।

अंतरराष्ट्रीय एल्युमीनियम इंस्टिट्यूट के अनुसार वैश्विक उत्पादन 2020 के पहले तीन महीनों में 2.1 प्रतिशत से अधिक हो गया। ओवरसप्लाई की निरंतर समस्या ने एल्यूमीनियम की कीमतों में वृद्धि को कम कर दिया।

कॉपर
लंदन मेटल एक्सचेंज कॉपर की कीमतें चीन द्वारा बनाए गए सकारात्मक व्यापार के कारण 3.2 प्रतिशत अधिक हो गईं। हालांकि, पेरू सहित दुनिया भर में महत्वपूर्ण कॉपर माइन्स पर प्रतिबंधों में ढील ने ओवरसप्लाई की चिंताओं को बढ़ा दिया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here