New Delhi News, 02 Feb 2019 : हाल के आंकड़ों से संकेत मिला है कि भारत में हर वर्ष लगभग 20 लाख दिल के दौरे पड़ते हैं। जबकि इनमें से 50 प्रतिशत मामले 50 वर्ष से कम आयु के पुरुषों से संबंधित होते हैं, लगभग 25 प्रतिशत मामले 40 वर्ष से कम आयु के लोगों के होते हैं। महिलाएं भी समान रूप से संवेदनशील होती हैं। सामान्य जोखिम वाले कारणो के अलावा, दिल के दौरे सर्दियों के महीनों में बढ़ सकते हैं, जिससे एहतियाती कार्रवाई करना अनिवार्य हो जाता है।
विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि ठंड के मौसम में दिल के दौरे चरम पर पहुंच जाते हैं, क्योंकि तापमान में गिरावट से जीवन के लिए खतरा पैदा हो जाता है। सर्दियों के दौरान दिल के दौरे की औसत संख्या भी अधिक होती है।
इस बारे में बात करते हुए, डॉ. गौरव मिनोचा, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, वैशाली एवं पटपडग़ंज ने कहा, तापमान में गिरावट से धमनियों में ऐंठन हो सकती है और उनमें प्लेक फटने का खतरा अधिक हो सकता है। इससे दिल का दौरा पड़ सकता है। पहले से ही दिल की बीमारी वाले लोग या जो लोग इसके लिए संवेदनशील होते हैं, उनको अधिक खतरा होता है। इसके अलावा, यह तथ्य कि शरीर को गर्म रखने के लिए दिल को दोगुना काम करना पड़ता है, जोखिम और बढ़ जाता है। इस मौसम में कुछ अन्य संभावित कारक जीवनशैली में बदलाव, जिसमें आहार या व्यायाम की आदतों में बदलाव शामिल हैं। अक्सर फ्लू जैसे श्वसन संक्रमणों में वृद्धि हो जाती है, जो दिल के दौरे के जोखिम से जुड़ा हुआ है। जिन लोगों को दिल का दौरा पड़ता है, वे छाती के केंद्र में एक भयानक दर्द का अनुभव कर सकते हैं। यह शरीर के बाईं ओर, विशेष रूप से बायीं भुजा, पीठ के पीछे और दोनों कंधे के ब्लेड के बीच में हो सकता है। यह ठोड़ी तक भी फैल सकता है और जबड़े की तकलीफ का कारण बन सकता है।
दिल के दौरे के चेतावनी संकेतों को समझना, समय पर जांच और उपचार के लिए अत्यावश्यक है – जो जीवित रहने की संभावना को बढ़ा सकता है और जटिलताओं को कम कर सकता है।
इस बारे में बात करते हुए, डॉ. मिनोचा ने आगे कहा, आनुवांशिक संरचना के चलते भारतीयों को दिल की बीमारियां अधिक होती हैं। इस कारण से स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। यह सर्दियों के महीनों में अधिक होता है, जो कई लोगों के लिए जोखिम भरा हो सकता है। तापमान और बढ़ते प्रदूषण से एक किलर कॉम्बो बन जाता है और हमें बहुत सारे हार्ट अटैक रोगियों का इलाज करना पड़ता है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कोलेस्ट्रॉल और फैमिली हिस्ट्री वाले लोगों के अलावा, धूम्रपान करने वालों को इससे विशेष रूप से खतरा रहता है। दिल के लिए स्वस्थ आहार, शराब से बचाव और शारीरिक श्रम आदि कुछ उपाय हैं जो दिल के दौरे को रोकने के लिए उपयोगी हो सकते हैं। सीने में दर्द, बेचैनी या सांस की तकलीफ के किसी भी लक्षण की स्थिति में, तुरंत किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें।