दिव्यांका त्रिपाठी इंटीमेट पार्टनर की हिंसा और गर्भनिरोधक के बारे में जागरुकता बढ़ाने से जुड़े अभियान को शुरू करने में मदद की

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New Delhi News, 11 Jan 2020 : यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसऐड) –वित्तपोषित सस्टेनिंग हेल्थ आउटकम प्रोजेक्ट फॉर प्राइवेट सेक्टर (शॉप्स) प्लस और माताओं के लिए भारत के सबसे बड़े प्लेटफॉर्म मॉमस्प्रेसो.कॉम (Mompresso.com) ने आज महिलाओं के खिलाफ हिंसा को कम करने के लिए अभियान शुरू करने की घोषणा की है। कोविड-19 प्रतिबंधों के दौरान देशभर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में तेजी की पृष्ठभूमि में यह अभियान शुरू हो रहा है।

आगामी अभियान के बारे में बात करते हुए यूएसऐड / इंडिया हेल्थ ऑफिस डायरेक्टर संगीता पटेल ने कहा: “गर्भनिरोधक से इनकार महिलाओं को अशक्त बनाता है और उनके प्रजनन अधिकारों का उल्लंघन करता है। यह हिंसा का एक रूप है, जिस पर जितना ध्यान देना चाहिए, उतना ध्यान नहीं दिया गया है। यूएसऐड को भारत में हमारी दीर्घकालिक स्वास्थ्य साझेदारी पर गर्व है और हमें इस अभियान को समर्थन करने में खुशी महसूस हो रही है जो न केवल इस महत्वपूर्ण मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाएगा, बल्कि परिवार नियोजन निर्णयों में अपनी एजेंसी को बेहतर बनाने के लिए महिलाओं को सटीक और गोपनीय जानकारी प्रदान करेगा।“

अभियान से पहले मॉमस्प्रेसो.कॉम (Momspresso.com) ने ऑनलाइन सर्वेक्षण किया। इसमें पता चला कि इस बात को लेकर जागरूकता की कमी है कि गर्भनिरोधक के इस्तेमाल से इनकार इंटीमेट पार्टनर के साथ हिंसा (आईपीवी) का एक रूप है। सर्वेक्षण के निष्कर्षों से पता चला है कि 50% से अधिक उत्तरदाता मौखिक और शारीरिक शोषण को हिंसा मानते हैं, जबकि 42% उत्तरदाता सोचते हैं कि जबरन संभोग हिंसा का एक रूप है। जब उनसे गर्भनिरोधक के इस्तेमाल से जुड़ी हिंसा के बारे में पूछा गया तो 70% उत्तरदाताओं का जवाब था कि उन्होने कभी भी गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल से वंचित करने को हिंसा के तौर पर नहीं देखा है।

यूएसऐड और मॉमस्प्रेसो मिलकर डिजिटल अभियान शुरू करेंगे और इसमें सर्वेक्षण के निष्कर्षों का उपयोग करेंगे, जिसका उद्देश्य महिलाओं को गर्भनिरोधक के इस्तेमाल से इनकार / हस्तक्षेप और असुरक्षित यौन संबंध के साथ ही गर्भनिरोधक से संबंधित फैसलों में महिला की सहमति नहीं लेने और बिना सहमति के यौन संबंध बनाने को आईपीवी के विभिन्न रूपों के तौर पर स्थापित करना है।

यह अभियान इन कठिनाइयों का सामना करने वाली महिलाओं को परिवार नियोजन के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए सुरक्षित स्थान उपलब्ध करेगा। एक्शन के लिए स्पष्ट संदेश दिया जाएगा ताकि महिलाएं परिवार नियोजन की हेल्पलाइन 18002580001 पर कॉल करने के लिए प्रोत्साहित हो सके। इस आश्वासन को भी उनके बीच स्थापित किया जाएगा कि यह कॉल पूरी तरह से गोपनीय है। एक प्रमुख गैर-सरकारी संगठन के साथ सहयोग भी आईपीवी के खिलाफ महिलाओं को और अधिक परामर्श प्रदान करेगा।

इस अभियान की शुरुआत सेलिब्रिटी इन्फ्लूएंसर दिव्यांका त्रिपाठी द्वारा की जाएगी। इसके बाद माँ ब्लॉगर्स और महिला-केंद्रित छोटे-समुदायों के मॉमस्प्रेसो (Momspresso.com) नेटवर्क, जो इंटीमेट पार्टनर हिंसा और गर्भनिरोधक के बारे में जागरूकता पैदा करेंगे। अभियान में मनोवैज्ञानिकों जैसे विशेषज्ञों के साथ फेसबुक लाइव सेशन का आयोजन भी होगा, जिसमें कार्यकर्ता इस मुद्दे पर बातचीत शुरू करेंगी। अंत में यह प्लेटफॉर्म दर्शकों की पहुंच और एंगेजमेंट बढ़ाने के लिए 10 अलग-अलग भाषाओं में अपने इन-हाउस एडिटोरियल सपोर्ट का उपयोग करेगा।

मॉमस्प्रेसो के सह-संस्थापक और सीओओ श्री प्रशांत सिन्हा ने कहा, “दुर्भाग्य से बहुत-सी महिलाओं को नहीं पता कि किसी भी क्षमता में गर्भनिरोधक से इनकार करना इंटीमेट पार्टनर हिंसा का एक रूप है। गर्भनिरोधक से इनकार करना महिलाओं को अनियोजित गर्भधारण का खतरा पैदा करता है क्योंकि परिवार नियोजन में एजेंसी की कमी काफी हद तक सामान्य है। शॉप्स प्लस / मॉमस्प्रेसो आईपीवी अभियान का उद्देश्य इन समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना और महिलाओं को परिवार नियोजन और आईपीवी से निपटने में विशेषज्ञ सहायता प्रदान करना है।”

 

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