New Delhi News, 25 Sep 2018 : हिंदु जनजागृति समिति आयोजित तीन दिवसीय ‘उत्तर भारत हिन्दू अधिवेशन’ ‘जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम्’ के उद्घोष के साथ उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ । उत्तर भारत के जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, राजस्थान एवं मध्यप्रदेश इन राज्यों से आए हिंदु धर्मप्रेमी संगठकोंके प्रमुख नेता, अधिवक्ता, पत्रकार इत्यादि 100 मान्यवर सम्मिलित हुए। भारत सेवाश्रम संघ में 21 से 23 सितंबर इस अवधि हुए इस अधिवेशनमें हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंने हिंदु राष्ट्र जागृति के संबंधित उपक्रम पूरे उत्तर भारत में चलाने के समान कृति कार्यक्रम निश्चित किए।
इस अधिवेशनमें हिंन्दुत्वनिष्ठों ने धर्मशिक्षावर्ग, धर्मजागृति सभा, हिंदू संगठन बैठक, प्रांतीय हिंदु अधिवेशन एवं राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन जैसे उपक्रम समान कृति कार्यक्रम अंतर्गत निश्चित किए है। अधिवेशन में विभिन्न क्षेत्रों से आए हिंदुत्वनिष्ठों ने धर्मरक्षा के विभिन्न प्रयासों के अनुभव बताए। सेक्युलरतंत्र एवं हिंदु राष्ट्र इस विषय में अधिवक्ता एवं पत्रकार इनके परिसंवाद का आयोजन किया गया। अधिवेशनके अंतमें भारत एवं नेपाल इन देशों के संवैधानिक स्तर हिंदु राष्ट्र घोषित किया जाए, यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ।
इस अधिवेशन में अन्य निम्नलिखित प्रस्ताव पारित हुए –
1. केंद्रशासन बहुसंख्यक हिन्दू समाज की तीव्र भावना ध्यान में रखकर संपूर्ण देश में गोवंशहत्या बंदी, धर्म-परिवर्तन पर बंदी और अयोध्या में श्रीराममंदिर के निर्माण के संदर्भ में तुरंत निर्णय ले।
2. पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं श्रीलंका के हिन्दुओं पर होनेवाले अत्याचारों की पूछताछ अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन, साथ ही भारत शासन द्वारा की जाए और वहां के अल्पसंख्यक हिन्दुओं को सुरक्षा प्रदान की जाए।
3. विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओं का पुनश्च जम्मू-कश्मीर में पुनर्वसन किया जाए। इसके लिए कश्मीर घाटी में स्वतंत्र ‘पनून कश्मीर’ इस केंद्रशासित प्रदेश की निर्मिति की जाए।