New Delhi : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक व संचालक गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज की दिव्य प्रेरणा से दिल्ली के दिव्य धाम आश्रम में भारतीय नववर्ष (विक्रम संवत 2080) मनाया गया। हिन्दू संस्कृति के अनुसारप्रत्येक वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (मार्च-अप्रैल) को भारतीय नववर्ष मनाया जाता है, जो कि पूरी तरह सटीक, वैज्ञानिक व्प्रमाणिक पद्धति पर आधारित है।
सर्वप्रथम अपने अंतघट में ईश्वर की प्रत्यक्ष अनुभूति प्राप्त ब्रह्मज्ञानी शिष्यों द्वारा रुद्रीपाठ किया गया। इस अवसर परसु मधुर भक्ति रचनाओं के अतिरिक्त संस्थान के विद्वत प्रचारकों द्वारा ओजस्वी विचार भी प्रदान किये गए। ये प्रवचन जिज्ञासुओं में धैर्य, समझ और विवेक को विकसित करने में सहायक सिद्ध हुए। हमारे प्राचीन शास्त्रों से कई व्यावहारिक तथ्यों का साक्ष्य देकर भारतीय नववर्ष के महत्व को समझाया गया। गुरुदेव के बाल शिष्यों द्वारा संस्कृत नाटिका भी प्रस्तुत की गई जिसे दर्शकोंनेखूब सराहा।
डॉ हर्षवर्धन (लोकसभा सांसद, चांदनी चौक, दिल्ली), श्री हंसराज हंस (लोकसभा सांसद, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली), श्री रमेश अग्रवाल (अध्यक्ष, अग्रवाल मूवर्स एंड पैकर्स), श्री हेमंत (उपाध्यक्ष, सेवा भारती) जैसे कुछ विशिष्ट अतिथियों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
इस शुभ अवसर पर कार्यक्रम में पधारे प्रतिष्ठित अतिथियों द्वारा रुद्री पाठ पुस्तक का विमोचन किया गया एवं संस्थान के प्रतिनिधियों ने अथितियों को संस्थान का साहित्य भेंट स्वरूप प्रदान किया।
अंत में उपस्थित लोगों से सामूहिक ध्यान सत्र में भाग लिया। सामूहिक ध्यान सकारात्मकता और सचेतनता को एकत्रित करने में अधिक प्रभावशाली होता है। भारतीय संस्कृति में मानव समाज के कल्याणार्थ निःस्वार्थ रूप से की जाने वाली प्रार्थना को एक शक्तिशाली उपकरण माना गया है जो मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है और किसी भी चुनौती का सामना करने की क्षमता देता है। इसी हेतु अंत में सभी सामूहिक रूप से प्रार्थना में सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण के साथ हुआ। सभी ने कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की और संस्थान के प्रयासों की भरसक सराहना की।