केरल पर्यटन ने बेहद महत्वाकांक्षा के साथ वर्ष 2019 की शुरूआत की

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New Delhi News, 03 Feb 2019 : कन्नूर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन के साथ केरल भारत का एकमात्र राज्य बन गया है, जहाँ चार अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट हैं। अरब सागर के किनारे और पश्चिमी घाटों से रक्षित कन्नूर अब पर्यटन प्रेमियों का चहेता स्थान बनने की तैयारी कर रहा है। चटपटे मोपला व्यंजन का घर, किलों और लोककथाओं की भूमि, यह नया एयरपोर्ट मालाबार को दक्षिण भारत में पर्यटन का नया द्वार बनाना चाहता है, जिसकी सीमाएं कूर्ग, कोयंबटूर और मैसूर से सटी हैं।

केरल के माननीय पर्यटन मंत्री श्री कदकमपल्ली सुरेन्द्रन ने कहा, कन्नूर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन के बाद अब दुनिया मालाबार के आकर्षण देख सकती है। केरल पर्यटन उत्तरी केरल के स्थापित गंतव्यों, जैसे बेकल और वायानाड का लाभ उठायेगा और कन्नूर तथा कासारागोडे जिलों के कम प्रसिद्ध छोटे गंतव्यों पर जोर देगा, जैसे वलियपारम्बा बैकवाटर्स, कुप्पम और रानीपुरम।

दुनिया भर की कला
सांस्कृतिक उत्सवों, जैसे निशागंधी डांस फेस्टिवल और लोकप्रिय कोच्चि मुजि़रिस बिएन्नाले के आरंभ के साथ केरल कला प्रेमियों का स्वागत करने के लिये तैयार है।

अत्यंत लोकप्रिय कोचि मुजि़रिस बिएन्नाले का पाँचवा संस्करण कोच्चि में चल रहा है। राज्य को फोर्ट कोच्चि के अद्भुत गलियारों पर गर्व है और इस द्विवार्षिक आयोजन ने समकालीन भारतीय कला के परिदृश्य को बदला है तथा कोच्चि को भारत की कला राजधानी बनाने में मदद की है। कोच्चि मुजि़रिस बिएन्नाले 29 मार्च, 2019 तक चलेगा।
केरल सरकार में पर्यटन सचिव आईएएस श्रीमती रानी जॉर्ज ने कहा, केरल ने हमेशा पर्यटकों को समृद्ध अनुभव देने का वचन दिया है और कला हमारी पर्यटन पहलों के केन्द्र में रही है। हम केरल को ऐसा पर्यटन स्थल बनाने के मिशन पर हैं, जो आत्मिक आनंद दे। इस वर्ष की शुरूआत हमने निशागंधी डांस फेस्टिवल में नृत्य के रूपों की एक सप्ताह की प्रस्तुतियों से की, जिसका आयोजन राजधानी में किया जाएगा, और शेष वर्ष के लिये हमारे पास कई अन्य उत्सवों की योजना हैए जैसे निशागंधी मानसून फेस्टिवल।

प्रतिभाओं का सम्मिश्रण
निशागंधी उत्सव का आयोजन तिरूवनंतपुरम के बीच कनककुन्नु पैलेस के हरे.भरे परिसर में किया जाता हैए जहाँ विभिन्न नृत्य शैलियों का समागम होता है और यह कला प्रेमियों के लिये भारत की सर्वश्रेष्ठ और आगामी प्रतिभाओं से जुडऩे का सर्वश्रेष्ठ मंच हैए जहाँ की जादू भरी शामें ओडिसीए कथकए भरतनाट्यम, मणिपुरी, मोहिनियाट्टम, छाउ और कुचिपुड़ी से सजी होती हैं।

घरेलू पर्यटक के लिये नये उत्पाद और अनुभव
ऑनलाइन स्थायित्व बढ़ाना
इस वर्ष की शुरूआत में केरल पर्यटन को राष्ट्रीय पर्यटन के नौ प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से चार मिले, जिनमें मोस्ट रीस्पॉन्सिबल टूरिज्म प्रोजेक्टध् इनिशियेटिव शामिल है। केरल का आरटी मिशन देश में जिम्मेदार पर्यटन पहलों का अग्रणी है, जिसने कई अनुभवात्मक पैकेज शुरू किये हैंए जो गांवों से होकर गुजरते हैं और स्थानीय व्यक्ति के जीवन जैसा अनुभव देते हैं। आरटी पहलों को ऑनलाइन भी लाया गया है और एक प्लेटफॉर्म बनाया गया हैए जहाँ पर्यटक कृषि उत्पादोंए हस्तशिल्प, पारपंरिक कलाकृतियों, आदि की प्रत्यक्ष खरीदारी कर सकते हैं और कुशल हस्तशिल्पियों और पारंपरिक कलाकारों से संपर्क कर सकते हैं।

विश्व में सबसे बड़ी पक्षी की मूर्ति
स्थायी और पर्यावरण.हितैषी पर्यटन के एक और उदाहरण, जटायु अर्थ सेंटर का उद्घाटन अगस्त में किया गया था और यह 65 एकड़ में फैला है। जटायु की विशाल प्रतिमा 200 फीट लंबीए 150 फीट चौड़ी और 70 फीट ऊँची हैए इस प्रकार यह विश्व का सबसे बड़ा फंक्शनल बर्ड स्कल्पचर है। यह गंतव्य दक्षिण केरल के पर्यटन स्थलों के मध्य स्थित है।

भारत का पहला जैव विविधता संग्रहालय
पिछले कुछ महीनों में राज्य ने कई पर्यावरणीय रूप से संबंधित और इको-फ्रैंडली उपक्रम किये हैं, जो गर्व का विषय हैं। भारत का पहला जैव विविधता संग्रहालय तिरूवनंतपुरम के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। यह संग्रहालय कभी एक बोटहाउस हुआ करता थाए और अब राज्य के प्रथम साइंस ऑन स्फीयर (एसओएस) सिस्टम का घर है।

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