New Delhi News, 12 Oct 2019 : क्रिकेट भारत का एक बेहद लोकप्रिय खेल है और हर क्रिकेट प्रेमी कभी न कभी भारतीय टीम का हिस्सा बनने की ख़वाहिश रखता है। लेकिन, बिहार के लोगों का भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने का सपना क्रिकेट के पीछे खेली जानेवाली राजनीति के चलते एक सपना ही बनकर रह गया है। ’किरकेट’ की कहानी क्रिकेट में व्याप्त भ्रष्टाचार और खेल के पीछे राजनीति से संघर्ष करते हुए कीर्ति आज़ाद द्वारा क्रिकेट खेलने के लिए चुने गये 11 खिलाड़ियों के इर्द-गिर्द घूमती है। इसी ’किरकेट’ का प्रमोशन करने के लिए पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आज़ाद, अतुल वासन के साथ अभिनेत्री सोनम छाबड़ा ने दिल्ली के पंचतारा होटल ली मेरिडियन होटल में संवाददाता सम्मेलन किया, जिसमें फिल्म के निर्देशक योगेंद्र सिंह और निर्माता आरके जालान भी मौजूद थे। इन सभी ने यहां मीडिया को संबोधित किया।
बता दें कि योगेंद्र सिंह द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म का लेखन विशाल विजय कुमार ने किया है। इस फ़िल्म के ज़रिये कई कलाकार फिल्मी दुनिया में क़दम रखने जा रहे हैं। फ़िल्म में मुख्य रूप से कीर्ति आज़ाद, विशाल तिवारी, सोनू झा, सोनम छाबड़ा, देव सिंह, अजय उपाध्याय लीड रोल में नज़र आएंगे। फ़िल्म का निर्माण ए स्क्वायर प्रोडक्शंस, धर्मराज फ़िल्म्स, जेकेएम फ़िल्म्स के तहत आर. के. जालान, सोनू झा और विशाल तिवारी ने किया है, जबकि इसेयेन मूवीज़ के बैनर तले जगेश सावजानी और युसूफ़ शेख़ ने को-प्रोड्यूस किया है।
’किरकेट’ की कहानी बेहद दिलचस्प है और इसमें क्रिकेट की पीछे होनेवाली राजनीति को दर्शाया गया है। ’लगान’, ’चक दे इंडिया’ और ’दंगल’ जैसी खेल पर आधारित और बेहद लोकप्रिय फ़िल्में ’किरकेट’ के लिए प्रेरणास्त्रोत रही हैं। फ़िल्म के निर्माताओं ने ’किरकेट’ को दुनियाभर में 18 अक्टूबर को रिलीज़ करने का ऐलान किया है।
उल्लेखनीय है कि कीर्ति आज़ाद दिल्ली क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके हैं. वे इस फ़िल्म में अपनी असल ज़िंदगी से जुड़ा किरदार ही निभा रहे हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर कीर्ति आज़ाद 1983 में विष्व कप जीतनेवाली क्रिकेट टीम का अहम हिस्सा भी रहे हैं। बाद में उन्होंने राजनीति की दुनिया में क़दम रखा और कई बार बिहार के दरभंगा लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे।
फ़िल्म के प्रमोशन के दौरान कीर्ति आज़ाद ने कहा, ‘मैं इस बात को लेकर बेहद ख़ुश हूं कि मेरी पहली हिंदी फ़िल्म रिलीज़ होने जा रही हैं और मेरे संघर्ष की यह कहानी जल्द दर्शकों तक पहुंचेगी। मुझे उम्मीद है कि दर्शकों को क्रिकेट और राजनीति के पीछे की असलियत बेहद दिलचस्प लगेगी और मेरी क्रिकेट टीम के 11 खिलाड़ियों की ज़िंदगी के सफ़र को बेहद करीब से महसूस कर सकेंगे। मुझे याद है जब अटल बिहारी वाजपेयी हमारे प्रधान मंत्री थे, तो कई राज्य विभाजित थे और बीसीसीआई ने केवल अनुमति दी थी। जिन शहरों में आधारभूत संरचना थी। बिहार उनमें से एक नहीं था। उस समय मैंने बिहार के क्रिकेटरों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। फिल्म की कहानी बिहार की पृष्ठभूमि पर आधारित है और मुझे उम्मीद है कि लोग ख़ुद को इस कहानी से कहीं-न-कहीं जुड़ा हुआ पाएंगे। हालांकि यह कहानी सत्य घटनाओं पर आधारित है, पर इसमें बॉलीवुड फ़िल्मों का तड़का भी देखने को मिलेगा। ’किरकेट’ बिहार के अपमान से सम्मान तक की अनोखी कहानी है, जिसे बेहद दिलचस्प अंदाज़ में पेश किया गया है।’ अपनी भूमिका के बारे में उन्होंने कहा, ‘फिल्म में मुझे अभिनय करने की ज़रूरत नहीं थी, क्योंकि यह मेरी वास्तविक जीवन की कहानी है, मैं खुद खेल रहा हूं और जब मैंने फिल्म देखी तो मैं रोया, क्योंकि यह सब सच था।’
अभिनेत्री सोनम ने फिल्म में छुए गए सामाजिक मुद्दों के बारे में बताया, ‘इस फिल्म में आप देखेंगे कि क्रिकेट की दुनिया में कैसे एक कुरकुरा तरीके से राजनीति की जाती है। फिल्म में एक बहुत ही सुंदर संदेश है कि जाति, धर्म या नस्ल के जरिये किसी भी तरह से खेल को प्रभावित नहीं करना चाहिए और एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी को एक निष्पक्ष होना चाहिए और उसे आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए।’