जानिए गणतंत्र दिवस का इतिहास, महत्व और तथ्य : आशुतोष महाराज

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New Delhi News, 23 Jan 2021 : संपूर्ण भारतवर्ष इस माह एक राष्ट्रीय पर्व बेहद धूमधाम से मनाता है। आप ठीक समझे, 26 जनवरी को मनाया जाने वालागणतंत्र दिवस! इसी संदर्भ में हमने कुछ युवाओं के बीच एक सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण का चिंतन बिंदु था- 15 अगस्त और 26 जनवरी में क्या अंतर है? आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 15 में से 10 युवाओं को यह पता ही नहीं था कि गणतंत्रदिवस किसलिए मनाया जाता है! सभी के अनुसार 15 अगस्त को तो भारत आज़ाद हुआ था,पर 26 जनवरी को क्या हुआथा… इस संदर्भ में वे मूक थे। इसी ने हमें प्रेरित किया कि पत्रिका के माध्यम से एक ऐसा लेख आपके बीच रखा जाए जोइस दिन के महत्त्व और इससे जुड़े रोचक तथ्यों को उजागर करे।

26 जनवरी कभी स्वतंत्रता दिवस था!!
क्या आप जानते हैं,26 जनवरी को 18 बार स्वतंत्रतादिवस की तरह मनाया गया था?जी हाँ! आपने ठीकपढ़ा स्वतंत्रता दिवस की तरह… दरअसल,यह बात तब की है,जब सन्‌ 1929 के दिसंबर माह में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने लाहौर में एक अधिवेशन किया था। उसमें उनके द्वारा एकप्रस्ताव पारित किया गया- ‘यदि अंग्रेज़ी शासन ने भारत को स्वराज्यनहीं दिया,तो भारत खुद को पूर्ण स्वतंत्र घोषित कर देगा।’अंग्रेजोंने जब कोई प्रतिक्रिया न दी,तो कांग्रेस द्वारा एक आंदोलन शुरुकिया गया। तब लाहौर में रावी नदी के किनारे जवाहरलाल नेहरू नेतिरंगा फहराया। तत्पश्चात्‌ संपूर्ण भारतवर्ष ने 26 जनवरी 1930 कोपहली बार स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया। तब से लेकर सन्‌1947 तक,26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनायाजाता रहा। फिर 15 अगस्त 1947 को देश के आज़ाद होने परयह दिवस भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

फिर 26 जनवरी को क्या विशेष हुआ था?
दरअसल,भारत के आज़ाद होने के बाद भी देश में अंग्रेजों केबनाए नियम और कानून ही चल रहे थे। पर 26 जनवरी1950 कोभारत का अपना संविधान लागू किया गया। इस दिन भारत सरकारअधिनियम 1935 (GovernmentofIndiaAct1935)को हटाकरभारतीय संविधान की शुरुआत की गई। इसलिए इस दिवस कोभारत गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है।26 जनवरी की तारीख को चुनने के पीछेभी एक विशेष कारणथा। इसी दिन सन्‌ 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा भारत मेंसंपूर्ण स्वराज दिवस मनाया गया था।

कौन थे भारतीयसंविधान के जनक?
डॉ. भीमराव अंबेडकर को संविधान का पिताकहा जाता है।संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को नई दिल्लीमें हुई। इस सभा में जवाहरलाल नेहरू,डॉ. राजेन्द्र प्रसाद,सरदारवल्लभ भाई पटेल,अंबेडकर आदि शामिल थे। संविधानबनाने केलिए कुल कुछ समितियाँ बनीं,जिसमें प्रारूप समिति (ड्राफ्टिंगकमेटी) की भूमिका अति विशेष थी। भारतीय संविधान का लेखनकार्य पूर्ण करने की ज़िम्मेदारी प्रारूप समिति के अध्यक्ष अंबेडकरने निभाई। कुल 2 साल, 11 माह, 18 दिन में यानी26 नवंबर1949 को यह संविधान तैयार हुआ। इसलिए 26 नवम्बर कोसंविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। 26 जनवरी का महत्त्वबनाए रखने के लिए,दो महीने पश्चात्‌ भारतीय संविधान 26जनवरी1950 को लागू किया गया। 26 जनवरी 1950प्रातः10.18बजे भारत एक गणतंत्र बना।

भारतीय संविधान कीकुछ विशेषताएँ
सम्पूर्ण विश्व में भारत का संविधान सबसे बड़ा लिखित संविधान है। जब संविधान लागू हुआ था, तो उसमें 395 अनुच्छेद, 8अनुसूचियाँ और 22भाग थे। अबये बढ़कर लगभग 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियाँ और 25 भाग हो गए हैं।

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