New Delhi : आधी सदी से ज्यादा लम्बे सम्बन्ध के साथ लुफ्थांसा जर्मन एयरलाइंस भारत की राजधानी को जर्मनी से जोड़ने के 60 वर्षों का जश्न मना रही है। नई दिल्ली के विशिष्ट ताज महल होटल में इस डायमण्ड जुबली को यादगार बनाते हुए, लुफ्थांसा ग्रुप के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ग्लोबल मार्केट्स और स्टेशंस, फ्रैंक नेव ने दिल्ली के लिए मशहूर ए380 और फर्स्ट क्लास सर्विस की वापसी की घोषणा भी की है।
1 सितंबर, 1963 से जर्मनी और दिल्ली को जोड़ते हुए फ़्रंकफ़र्ट से बोईंग 720 की पहली उड़ान ने रोम, कैरो, कुवैत और कराची में रुकते हुए गर्मी के एक तपते दिन दिल्ली में उतरी थी। इसके साथ ही भारत की राजधानी और फ़ेडरल रिपब्लिक और जर्मनी के बीच पहला संपर्क स्थापित हुआ। भारत की विकास गाथा में आरम्भ से ही यकीन रखने वाले, लुफ्थांसा ने छः दसकों से एक मजबूत सम्बन्ध कायम रखा है और इस प्रकार इन दो राष्ट्रों के बीच बढ़ते आरथिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक संबंधों के विस्तार और संवर्धन में योगदान करता रहा है।
पिछले 60 वर्षों में दुनिया में उल्लेखनीय बदलाव हुए हैं, लेकिन इस बीच जर्मनी और भारत के बीच स्थापित गहरे संपर्क की बदौलत इन दोनों राष्ट्र के बीच सम्बन्ध फलते-फूलते रहे हैं। छह दशक पहले दिल्ली बहुत अलग थी और आज वह हमारे ग्रह के सबसे बड़ी आबादी वाले देश की राजधानी है, जिसकी जीडीपी विकास दर एपीएसी में सबसे ज्यादा है और जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उड्डयन बाजार है। वैश्वीकरण, परस्पर निर्भरता और वैश्विक व्यापार के कारण आधुनिक जर्मनी और भारत वह आर्थिक शक्ति हैं, जो मिलकर दुनिया की पाँच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से दो का निर्माण करते हैं।
आज देश में लुफ्थांसा ग्रुप के 1000 से ज्यादा कर्मचारी हैं और उसने भारत के लिये 64 साप्ताहिक आवृत्तियों की घोषणा की है। भारत उन पहले अंतर-महाद्वीपीय बाजारों में से भी एक था, जिसने महामारी से पहले की स्थिति से बेहतर प्रदर्शन किया, जैसा कि बेंगलुरु-म्युनिख और हैदराबाद-फ्रैंकफर्ट समेत नये मार्गों की घोषणा हुई। ए380 की वापसी और दिल्ली में फर्स्ट क्लास की दोबारा पेशकश भारत से उसके मजबूत सम्बंधों का स्वाभाविक विस्तार हैं।
भारत की विकास गाथा पर विश्वास करने वाले सबसे विमानन कंपनियों में से एक के रूप में लुफ्थांसा भारत के लिये प्रतिबद्ध है और उसे भविष्य में और 60 साल लगातार गहरे होते सहयोग तथा वृद्धि की आशा है।