New Delhi News, 23 Dec 2021: शिक्षा अगर मार्ग है तो पठन सामग्री उस मार्ग पर चलने का साधनl शिक्षा के हर स्तर पर विद्यार्थियों के लिए पठन-लेखन सामग्री की उपलब्धता एवं प्रयोग अत्यंत आवश्यक है जिसके आभाव में विद्यार्थी का रचनात्मक कौशल बाधित हो जाता है। इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (DJJS) के सामाजिक प्रकल्प मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र द्वारा नवम्बर और दिसंबर माह में देशव्यापी स्तर पर पठन- लेखन सामग्री वितरण का अभियान चलाया गया l इस अभियान में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, मेरठ, मध्य प्रदेश के भोपाल, पंजाब के लुधियाना, हरियाणा से गुरुग्राम एवं फरीदाबाद तथा दिल्ली के विकासपुरी, रोहिणी, सेक्टर-15, पटेल नगर, शकूरपुर एवं रिठाला क्षेत्रों में कोरोना के नियमों का पालन करते हुए अभावग्रस्त वर्ग के बच्चों को विभिन्न पठन- लेखन सामग्री, जूते एवं स्वेटर का वितरण किया गया l इस अभियान में देश के 1500 से अधिक बच्चे लाभान्वित हुए l
पठन सामग्री वितरण अभियान में देश के कई गणमान्य जनों ने मंथन संपूर्ण विकास केंद्र का सहयोग किया व उनके द्वारा बच्चों को स्वेटर, जूते तथा किताबों का वितरण किया l इसी श्रंखला में मेरठ क्षेत्र से अभियान में सम्मिलित होने वाले अतिथिगण जैसे प्रोफेसर वाय विमला जी (प्रो- वाइस चांसलर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय), सुधीर मित्तल (वरिष्ठ चार्टर्ड अकॉउंटेंट) एवं उनकी धर्मपत्नी- डॉ साधना मित्तल, ज्ञानेंद्र अग्रवाल (उधोगपति एवं समाजसेवक) एवं उनका परिवार, श्रीमती विचित्रा कौशिक (फाउंडर- मुक्ताकाश एकेडमी मेरठ), प्रोफेसर आराधना जी (इतिहास विभाग, चौधरी चरण सिंहविश्वविद्यालय), श्री राकेश, प्रधानाचार्य (मदन मोहन विद्या मंदिर) एवं कार्यक्रम प्रबंधक श्री विनोद एवं उपस्थित रहे l मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र द्वारा समय-समय पर इस प्रकार के अभियानों का आयोजन किया जा रहा है जिससे की गांवों एवं शहरों के अभावग्रस्त क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थियों की समग्र शिक्षा प्राप्ति में रुचि बनी रहे एवं वे निर्बाधित रूप से शिक्षा प्राप्ति के लिए अग्रसर हो। जब अभावग्रस्त क्षेत्रों के इन छात्र छात्राओं को इस प्रकार की सहायताएं उपलब्ध होंगी
तब ये विद्यार्थी मूल्यों से पोषित शिक्षा का वरण कर जागरूक मानव के रूप में समाज में शांति, सद्भावना, अखंडता तथा सकारात्मक विकास को गति देंगे। अंत में उन सभी प्रायोजक गणो का सादर अभिनन्दन एवं धन्यवाद जिन्होंने इस महान संकल्प में न केवल सहभागिता दिखाई बल्कि मासूम बच्चों के जीवन में शिक्षा के प्रति उत्सव वर्धन भी किया ।