New Delhi News, 19 Oct 2020 : मीडिया एंड एंटरनेटमेंट स्किल्स काउंसिल (एमईएससी) ने एपटेक लिमिटेड के सहयोग से इस वर्ष का सबसे बड़ा वर्चुअल मीडिया जॉब फेस्टिवल की शुरुआत की है। करीब एक महीने चलने वाले इस जॉब फेयर में 200 से अधिक कंपनियां हुनरमंद युवाओं को एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग एंड कंप्यूटर ग्राफिक्स, मोशन ग्राफिक्स, रोटोस्कॉपी, 3डी मॉडलिंग समेत अन्य विधाओं में नौकरी देगी। उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि भारतीय सिनेमा के शो मैन और एमईएससी के चेयरमैन सुभाष घई, एमईएससी के सीईओ अमित सोनी, एपटेक लिमिटेड के एमडी व सीईओ डॉ. अनिल पंत के साथ अन्य मौजूद थे। पहले दिन 3500 से अधिक युवाओं ने इस जॉब फेयर में रजिस्ट्रेशन कराया है। करीब एक महीने चलने वाले इस वर्चुअल मीडिया जॉब फेस्टिवल में इंडस्ट्री एचआर सेशन, मॉक इंटरव्यू, ग्रूमिंग सेशन, प्रतियोगिता आदि का भी आयोजन होगा। अब भी जॉब फेयर में भाग लेने के लिए कंपनियां और हुनरमंद युवा
http://mescindia.org/mescjobfair, http://mescindia.org/mescjobfair/maac.php या http://mescindia.org/mescjobfair/arena.php पर रजिस्टर कर सकते है।
सुभाष घई ने उद्घाटन सत्र में इस वर्चुअल जॉब फेयर की शुरुआत की सराहना करते हुए कहा कि इस महामारी ने प्रशिक्षण के तौर तरीके पूरी तरह से बदल दिए है। युवाओं को भी जरूरत है कि वह अब वुर्चअल तरीके से खुद को हुनरमंद बनाते हुए रोजगार के लायक बनाए। क्रिएटिविटी के लिए कौशल आधारित शिक्षा पर उन्होंने जोर दिया।
एपटेक के एमडी व सीईओ डॉ. अनिल पंत ने कहा, महामारी की वजह से मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र में अस्थायी तौर पर संकट के बादल छाए है, लेकिन हुनरमंद युवाओं के लिए कभी भी इस क्षेत्र में रोजगार की कमी नहीं रही है। डिजिटल रूप से सक्षम युवाओं को अब रोजगार मिल रहा है। कोविड-19 के बाद मीडिया एंड एंटरनेटमेंट क्षेत्र में होने वाले बदलाव को लेकर जारी केपीएमजी के एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि लॉकडाउन ने डिजिटल की दुनिया को नए आयाम दिए है और इससे हुनरमंद लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सामने आए है। इस तरह का वर्चुअल जॉब फेयर हुनरमंद लोगों को मौका देने के साथ इस क्षेत्र के कौशल की कमी की भी पूर्ति करेगा।
एमईएससी के सीईओ मोहित सोनी ने कहा कि सोशल मीडिया ने पूरी तरह से मौजूदा परिदृश्य को बदल दिया है। कोविड-19 के इस कालखंड ने मीडिया और मनोरंजन जगत में नई संभावनाओं को जन्म दिया है। फिल्म की सीमाएं सिनेमा हॉल तक सीमित नहीं है। आज युवाओं के सामने करियर के नए फलक खुले है।