22 जुलाई, 2022: एमजी मोटर इंडिया ने आज अपनी ‘एमजी चेंजमेकर्स’ पहल का चौथा सीजन लॉन्च करने की घोषणा की है। यह पहल 101 इंडिया के सहयोग में आयोजित हो रही है, जो कि युवाओं पर केन्द्रित एक स्टोरीटेलिंग प्लेटफॉर्म है। 101 इंडिया ने हमेशा सबकल्चर, कल्चर और काउंटरकल्चर की कहानियों पर रोशनी डालने की कोशिश की है। ऐसी कहानियाँ, जो समाज के पारंपरिक नियमों को नकारती हैं। यह पहल अपने दृढ़ इरादे और लगन से समाज को बदलने की इच्छा रखने वालीं भारतीय महिलाओं को सम्मान और पहचान देने के एमजी और 101 इंडिया के लक्ष्य के अनुरूप है।
इस साल एमजी चेंजमेकर्स ‘सस्टेनेबिलिटी’ पर जोर दे रही है, जोकि एक सामूहिक जरूरत और व्यक्तिगत आह्वान है। एमजी मोटर कार्बन फुटप्रिंट कम करने पर लक्षित सस्टेनेबिलिटी की सचेत पहलों के माध्यम से अपनी सभी गतिविधियों को लगातार संतुलित कर रही है। यह सभी के लिये उत्सर्जन से मुक्त और स्वस्थ जीवनशैली हासिल करने की उसके द्वारा कथित और सक्रिय आधार पर जारी प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
पहले के तीन सीजंस की तरह, एमजी चेंजमेकर्स इस साल भी ऐसे लोगों को सराहेगी, जो अपने आप में हीरो हैं। इस साल की प्रभावशाली चेंजमेकर्स छह बेहतरीन महिलाएं हैं, जो बदलाव की वाहक और प्रेरक व्यक्तित्व वाली हैं। इन महिलाओं ने समाज में सस्टेनेबिलिटी के लिये पहल करने में अग्रणी भूमिका निभाई है और सृजनात्मक रूप से अभिनव हस्तक्षेप किये हैं। यह साहसी महिलाएं न केवल स्थायित्व के लिये कंपनी की भावना को बुलंद आवाज देती हैं, बल्कि अनगिनत लोगों को अपने पदचिन्हों पर चलने के लिये प्रेरित भी करती हैं।
इन छह महिलाओं का परिचय इस प्रकार है:
1. डॉ. जनकपालता मैकगिलिगन को पद्मश्री मिल चुका है और उन्होंने 2 लाख से ज्यादा ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाओं और लड़कियों को सशक्त किया है।
2. जल सहेली बुंदेलखण्ड में पानी से जुड़ी समस्याओं पर काम कर रही हैं। उन्होंने 100 से ज्यादा गांवों को सूखे से बचाया है और 450 चेकडैम्स तथा 56 झीलें बनाने में मदद की है।
3. चांदनी खण्डेलवाल भुबनेश्वर में रहती हैं। उन्होंने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (एनआईएफटी) से ग्रेजुएशन किया है। वह बांस, घास और पत्तियों से बनी पर्यावरण के लिये अनुकूल पैकेजिंग के उत्पादन में संलग्न हैं और ऐसा करते हुए उन्होंने 500 महिला कारीगरों को आजीविका दी है।
4. मोनिषा नार्के कार्टन से स्कूल डेस्क बनाती हैं और हर साल 750 टन कचरे का पुन:चक्रण करती हैं।
5. लिसीप्रिया कांगुजम को अक्सर ‘भारत की ग्रेटा थनबर्ग’ कहा जाता है। वह दुनिया की सबसे छोटी जलवायु कार्यकर्ताओं में से एक हैं।
6. नलिनी शेखर हसिरुडाला की सह-संस्थापक एवं कार्यकारी निदेशिका हैं, जिन्हें कचरा उद्योग के असंगठित कर्मियों को सम्मान दिलाने की लगन है। वह चाहती हैं कि ऐसे कर्मियों को स्थायी रोजगार मिले और उनके परिवारों को सामाजिक सुरक्षा मिले।
एमजी चेंजमेकर्स की शुरूआत 2018 में ऐसी महिलाओं के उत्साह को पहचान और सम्मान देने के लिये हुई थी, जो सामाजिक परिवर्तन को प्रेरित करती हैं। तब से ही इस पहल ने ऐसी कई महिलाओं को प्रमाणित किया है, जो अपने समुदायों को बेहतर बनाने और लोगों को सशक्त करने के लिये काम करती हैं। इस प्रोग्राम का सीजन 4 अपनी पहल को आगे बढ़ा रहा है। देशभर में बदलाव लाने वालों की एक कम्युनिटी बनाने पर लक्षित यह प्रोग्राम खुले आमंत्रण के माध्यम से भाग लेने के लिये प्रोत्साहित करता है, जिसमें नॉमिनीज अपनी प्रेरक गाथाएं साझा करके जुड़ सकते हैं। चयनित एंट्रीज को सम्मानित किया जाता है और एमजी मोटर इंडिया का नेटवर्क हर संभव तरीके से उनके काम को मजबूत और सक्षम बनाता है।