एमजी मोटर इंडिया ने एमजी सेवा पहल से अपनी ब्रैंड वैल्यू को मजबूत किया

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नई दिल्‍ली :   2018 में कंपनी की शुरुआत और भारत में अपना प्रॉडक्ट लॉन्च करने से पहले ही, एमजी मोटर्स ने समुदाय के लिए काम करना शुरू कर दिया था। विश्व के सबसे प्रतिष्ठित कार ब्रैंड होने के नाते एमजी ने समुदाय की सेवा करने के अपने नजरिये से अपनी मौजूदगी देश भर में दर्ज कराई है। कम्युनिटी की पहल क लक्ष्य अपने शुद्ध रूप में ‘सेवा’ है, जिसका अनुवाद निस्वार्थ सेवा, मदद और देखभाल के रूप में किया जाता है। कम्युनिटी कंपनी के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से ही है और ओईएम का उद्देश्य एमजी सेवा के माध्यम से सभी समुदायों की सेवा करना है। इसमें खासतैर पर उन समुदायों की सेवा शामिल है, जो कंपनी के संचालन क्षेत्र के इर्द-गिर्द रहते हैं।

एमजी सेवा के बैनर के तहत एमजी मोटर ने 30 से ज्यादा एंबुलेंस अस्पतालों, स्वास्थ्य रक्षा संस्थानों और चैरिटेबल संस्थाओं को दी है। कंपनी ने इसे समुदाय की जरूरत के लिए समर्पित किया। इस पहल से 60 हजार से ज्यादा छात्राओं की शिक्षा में मदद की गई। एमजी के एनईईएम (नीम) प्रोग्राम में कंपनी के हलोल प्लांट के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली 500 महिलाओं को अब तक कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जा चुकी हैं। एमजी सेवा के तहत दूसरी पहल में बेरोजगार महिलाओं को मास्क बनाने की ट्रेनिंग देना, 100 टीचरों और 4 लाख से ज्यादा बच्चों को सड़क सुरक्षा नियमों के बारे में शिक्षित करना और 4000 से ज्यादा पुलिस की कारों को सैनिटाइज करना शामिल है।

सामुदायिक पहलों के साथ एमजी का उद्देश्य सभी को विकास के समान अवसर उपलब्ध कराना है। कंपनी का मानना है कि भारत बड़े पैमाने पर बहुमुखी प्रतिभाओं का देश है। कंपनी सिर्फ इन प्रतिभाशाली लोगों की प्रतिभा को सही दिशा में बढ़ावा देना चाहती है, जिससे उनकी प्रतिभा उच्चस्तर पर पहुंच सके। एमजी सेवा ने हमारे समाज के गरीब और भौतिक सुविधाओं  के अभाव से जूझते हुए समुदाय को मजबूती प्रदान करने के लिए सभी दिशा में पहल की है।

एमजी सेवा की कुछ पहलें और समाज पर उनके प्रभाव इस प्रकार हैं-

कोविड-19 विशेष सामुदायिक सेवा पहलें

एमजी होप : एमजी सेवा के जरिए समुदाय की सेवा करने की प्रतिबद्धता पर कायम रहते हुए एमजी मोटर इंडिया ने अपनी नई पहल-होप लॉन्च की है। इसकी मदद से एमजी कोविड-19 के कारण अपने परिवार को खो चुके 30 बच्चों की शिक्षा के लिए स्कॉलरशिप ऑफर करेगी। एमजी के कंट्री हेड(जीई एविएशन) विक्रम राय ने इस नई पहल का पहला चरण लॉन्च कर दिया है। अब तक इस पहल से 14 बच्चों की शिक्षा को स्पॉन्सर किया गया है। होप के माध्यम से एमजी मिशन शिक्षा को सपोर्ट कर रही है, जिससे कोरोना में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चे अपनी शिक्षा को जारी रख सकें। होप के माध्यम से एमजी मिशन शिक्षा को सपोर्ट कर रही है। बड़ौदा के एनजीओ यूनाइटेड वे ने लॉन्च किया है, जिससे कोरोना काल में अपने अभिभावकों को खो चुके बच्चों की शिक्षा को जारी रखा जा सके। हर बच्चे की शिक्षा का सालाना खर्च, जिसमें उसकी स्कूल फीस और एजुकेशन किट शामिल होंगी, का प्रबंध एमजी मोटर इंडिया की ओर से किया जाएगा।

हेक्टर एंबुलेंस : एमजी हेक्टर एंबुलेंस ने हेक्टर एंबुलेंस विकसित कर स्वास्थ्य रक्षा में जुड़े स्थानीय क्षेत्रीय निकायों को समर्थन दिया है। यह एंबुलेंस ऑटो-लोडिंग स्ट्रेचर, ऑक्सिजन सप्लाई सिस्टम, मेडिसिन कैबिनेट के साथ पांच पैरामीटर  मॉनिटर , अतिरिक्त सॉकेट के साथ इनवर्टर, लाइट बार, सायरन और अग्निशमक यंत्र से लैस है। एमजी मोटर्स ने अस्पतालों, स्वास्थ्य रक्षा संस्थानों और चैरिटेबल संस्थानों को समुदाय की जरूरतों के प्रति समर्पित रहते हुए 30 एंबुलेंस उपलब्ध कराई हैं।

एमजी IIMPACT लर्निंग  सेंटर्स  :  गरीब और साधनविहीन बच्चियों का बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए हम IIMPACT के साथ अपनी साझेदारी को अगले स्तर तक ले गए हैं। डिजिटल सेंटर्स-ई-शिक्षा एक नई दिशा कैंपेन” जून 2020 में लॉन्च की गई थी, जिसका उद्देश्य भारत के दूर-दराज के क्षेत्रों में लर्निंग सेंटर बनाना है। ई-शिक्षा ऑनलाइन डिजिटल सेंटर मार्च में कोविड-19 का प्रकोप फैलने के साथ ही छात्राओं की शिक्षा में मदद के उद्देश्य से शुरू किया गया था। एमजी ने अब तक  50 में से 15 IIMPACT लर्निंग सेंटर का स्वरूप बदलने और उसे  IIMPACT-ech स्टूडोज (डिजिटल लर्निंग सेंटर) बनाने में मदद की है। साधनविहीन और गरीब लड़कियों की शिक्षा में मदद करने के लिए एमजी और IIMPACT की साझेदारी 2018 से चली जा रही है। इस साझेदारी का उद्देश्य 6 से 14 साल तक की लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण ढंग से क्लास में दी जानी वाली शिक्षा का प्रदान करना है।

वर्थ वेटिंग फॉर-लैंगिक विविधता और सामुदायिक विकास की प्रमुख प्रतिबद्धता के तहत एमजी मोटर्स ने हेक्टर के साथ लड़कियों को शिक्षित करने पर अपना दायरा बढ़ाया है। ऑटोमेकर ने इसके लिए वर्थ वेटिंग फॉर प्रोग्राम शुरू किया है। इसके तहत वे लोग भी अपनी पसंदीदा गाड़ी की डिलिवरी का इंतजार करते हुए समाज सेवा का हिस्सा बन सकेंगे, जिन्होंने एमजी हेक्टर बुक कराई है। IIMPACT एनजीओ के साथ अपनी साझेदारी का दायरा बढ़ाते हुए कार बनाने वाली कंपनी ने घोषणा की है कि वह हेक्टर के उपभोक्ताओं की ओर से गाड़ी की डिलिवरी के लिए किए गए हर दो हफ्तों के इंतजार के बदले एक बच्ची को शिक्षित करेगा।

विविधतापूर्ण पहलें

एमजी का विचार इस रूढ़िवादी विचारधारा को बदलना और सकारात्मक प्रभाव डालना था। इसलिए कंपनी ने अपनी वर्कफोर्स में लैंगिक विविधता को बढ़ावा देकर संस्कृति की नींव डाली। एमजी के अनुसार विविधता का मतलब केवल लैंगिक अनुपात नहीं है, बल्कि यह उन लोगों पर भी लागू होता है, जो अलग-अलग क्षेत्रों, अलग पृष्ठभूमि, अलग जातीयता, क्षेत्रों, धर्मों, कंपनियों और जेंडर के लोग आते हैं। ये एक साथ आकर आपस में सहयोग की भावना रखने वाली वर्कफोर्स बनाते हैं। उनके मूल्यों को ‘स्‍पीड’ (SPEED) के संक्षिप्त रूप से परिभाषित किया जा सकता है, जहां S का मतलब स्टार्टअप कल्चर, P का मतलब पैशन या जुनून, ईज ऑफ बिजनेस और योजनाओं को अमल में लाने के लिए ई का प्रयोग किया गया है। यहां D का मतलब डाइवर्सिटी या विविधता है।

एमजी ने लैंगिक विविधता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कंपनी की शुरुआत से काम करना शुरू किया। आज 37 फीसदी से ज्यादा महिलाएं उनके साथ काम कर रही है। ओईएम ने इस दिशा में भविष्य को ध्यान में रखते हुए कई अभियानों की शुरुआत की है, जिसमें नीम, जेनेसिस और कई अन्य शामिल है। कंपनी ने एक अन्य प्रोग्राम “ड्राइव हर बैक” उन महिलाओं की मदद देने के लिए चलाया है, जिन्होंने अपने काम से ब्रेक लिया था। कंपनी ने कॉरपोरेट वर्ल्ड में फिर से उनकी एंट्री आसान बनाने में उनकी मदद करने के लिए यह पहल की है। एमजी ने 2018 में सरकार की ओर से चलाए गए एनईईएम( नीम) कार्यक्रम का भी लाभ उठाया है। पहले बैच में हमारे साथ 25 महिलाएं जुड़ी हैं। हमने अब तक 500 महिलाओं को अपने साथ जोड़ा है।

पहलों के प्रभाव

एमजी सेवा एक अंब्रेला प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य वंचित समुदायों की मदद करना है। एमजी की ओर से की जा रही सभी सामाजिक पहलों में गरीब और वंचित छात्राओं को शिक्षा प्रदान करना, बुजुर्ग व्यक्तियों के कारों का सैनिटाइजेशन करने, आर्थिक रूप से हाशिए पर पहुंच चुकी अति निर्धन महिलाओं के लिए रोजगार का प्रबंध करना और स्थानीय स्वास्थ्य ऱक्षा संस्थाओं की मदद शामिल है। इसके अलावा कई अन्य पहल भी एमजी सेवा के बैनर के नेतृत्व में की जा रही है। इस प्रोग्राम की शुरुआत से लेकर अब तक इस पहल के तहत 60 हजार छात्राओं की शिक्षा में मदद की गई है। इसके अलावा एमजी सेवा की अन्य पहलों में बेरोजगार महिलाओ को मास्क बनाने की ट्रेनिंग देना, गुड़गांव में 100 टीचरों और 4 लाख बच्चों को सड़क सुरक्षा का ट्रेनिंग देना और 4000 पुलिस कारों को सैनिटाइज करना शामिल है। यह कंपनी का एक अलग विभाग है, जिसमें कोर टीम की ओर से समाज की सेवा के लिए नए –नए आइडियाज दिए जाते हैं। इसी उद्देश्य के लिए यह विभाग बनाया गया है।

एमजी मोटर इंडिया के विषय में

वर्ष 1924 में यूके में संस्‍थापित मोरिस गैराजेस के वाहन स्‍पोर्ट्स कारों, रोडस्‍टर्स और कैब्रियोलेट सीरीज के लिये विश्‍व-प्रसिद्ध थे। अपनी स्‍टाइलिंग, सुंदरता और उत्‍साही प्रदर्शन के कारण एमजी के वाहन कई सेलीब्रिटीज की पसंद थे, जैसे कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री और ब्रिटिश राज परिवार भी। यूके के एबिंगडन में साल 1930 में स्‍थापित एमजी कार क्‍लब के हजारों वफादार प्रशंसक हैं, जो इसे कार के एक ब्राण्‍ड के लिये विश्‍व के सबसे बड़े क्‍लबों में से एक बनाते हैं। विगत 96 वर्षों में एमजी एक आधुनिक, भविष्‍यगामी और अभिनव ब्राण्‍ड के तौर पर विकसित हुआ है। हलोल, गुजरात में स्थित उसकी अत्‍याधुनिक विनिर्माण कारखाने में  80,000 वाहनों के वार्षिक उत्‍पादन की क्षमता है और वहाँ लगभग 2,500 लोग काम करते हैं। सीएएसई (कनेक्‍टेड, ऑटोनॉमस, शेयर्ड और इलेक्ट्रिक) परिवहन के अपने सपने के आधार पर यह तेजतर्रार कारनिर्माता आज ऑटोमोबाइल सेगमेंट में विभिन्‍न ‘अनुभवों’ को शामिल कर चुका है। इसने भारत में कई ‘पहलों’ की पेशकश की है, जैसे कि भारत की पहली इंटरनेट एसयूवी – एमजी हेक्‍टर, भारत की पहली प्‍योर इलेक्ट्रिक इंटरनेट एसयूवी – एमजी जेडएस ईवी और भारत की पहली ऑटोनॉमस (लेवल 1) प्रीमियम एसयूवी – एमजी ग्‍लोस्‍टर ।

 

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