February 19, 2025

कोई राहत नहींः लॉकडाउन विस्तार की संभावनाओं के बीच निफ्टी 9,000 से नीचे; सेंसेक्स 469 अंक गिरा

0
4444
Spread the love

New Delhi News, 14 April 2020 : पिछले सप्ताह अपेक्षाकृत अच्छे प्रदर्शन के बाद सोमवार को भारतीय शेयर बाजारों ने कोई राहत नहीं दी. सेंसेक्स 1.5% या 469 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ, जबकि इसका एनएसई समकक्ष निफ्टी-50 भी 1.3% की गिरावट के साथ 9,000 अंक से नीचे आ गया। मोटे तौर पर बाजार के रुझान कोरोनावायरस लॉकडाउन के विस्तार की संभावनाओं पर आधारित रहे, जो देश में बढ़ते मामलों को देखते हुए अब अपरिहार्य लग रहा है। श्री प्रथमेश माल्या, चीफ एनालिस्ट, नॉन-एग्री कमोडिटी एंड करेंसी, एंजिल ब्रोकिंग लिमिटेड

ग्लोबल संकेतः
भारतीय इक्विटी बाजारों ने अन्य एशियाई बाजारों के शुरुआती संकेतों से लेत हुए सप्ताह के पहले दिन ट्रेडिंग की। कोरोनोवायरस प्रकोप के मामलों में कमी आने के बाद भी सभी एशियाई बाजारों में आज कमजोरी के संकेत मिले। पिछले हफ्ते जापान ने अपने व्यवसायों को चीन से बाहर शिफ्ट करने के लिए प्रोत्साहन पैकेज के तौर पर 243.5 येन का पैकेज दिया था। वैश्विक बाजार के भीतर बढ़ता टकराव अनिश्चितता का कारण बन रहा है क्योंकि चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ रहा है। ये घटनाक्रम निवेशकों को थोड़ा आशंकित कर रहे हैं, और यह ट्रेडिंग पैटर्न हम निकट अवधि में देख सकते हैं।

पोस्ट-ईस्टर मार्केटः
बीएसई के 30-स्टॉक बेंचमार्क इंडेक्स में, केवल 7 स्टॉक आज हरे रंग के साथ बंद हुए। इनमें एलएंडटी, इंडसइंड बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, एनटीपीसी और सन फार्मा शामिल थे। भारती एयरटेल और एशियन पेंट्स जैसे स्टॉक्स ने भी अपने हालिया करेक्शन के बाद क्रमशः 4.64% और 1.63% की वृद्धि की। दूसरी ओर, निफ्टी-50 में 20 स्टॉक बढ़त के साथ और 30 स्टॉक गिरावट के साथ बंद हुए। उपरोक्त शेयरों के अलावा हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, अदानी पोर्ट्स एसईजेड और कोल इंडिया ने एक रैली की। डॉ. रेड्डीज लैब ने भी 3.82% की बढ़त के साथ तेजी जारी रखी। मार्च के निचले स्तर से स्टॉक अब 40% से अधिक है।

फार्मा और कैपिटल गुड्स में सबसे अच्छा रिटर्नः
वर्तमान में, फार्मा सेक्टर और कैपिटल गुड्स सेक्टर निवेशकों के लिए सबसे अच्छे लग रहे हैं। फार्मास्यूटिकल और हेल्थकेयर की बड़ी कंपनियों ने लंबी अवधि से एक बहुत सकारात्मक रैली दिखाई है, जो भविष्य में जारी रहने की उम्मीद है। इसके अलावा, हमारा देश लॉकडाउन से बाहर निकलेगा तो कैपिटल गुड्स भी निवेशकों के लिए अच्छे विकल्प के रूप में रहेंगे क्योंकि पाबंदियां हटते ही निर्माता अपना उत्पादन बढ़ाने पर जोर देंगे। हालांकि, यह अंततः इस बात पर निर्भर करता है कि लॉकडाउन वास्तव में कैसे वापस लिया जाएगा, यदि यह इस महीने हो जाता है।

ओपेक+ में हुई डीलः
वैश्विक तेल निर्यातकों के बीच लंबे समय से चली आ रही खींचतान अब आधिकारिक रूप से समाप्त हो गई है। ओपेक देशों और रूस के समूह ओपेक+ ने मई और जून के बीच दैनिक उत्पादन 9.7 मिलियन बैरल से कम करने का फैसला किया है और इसके बाद धीरे-धीरे 2022 तक उत्पादन में वृद्धि होगी। इससे बड़े पैमाने पर बाजार में अधिक स्थिरता आएगी। हालांकि, इसे अगले कुछ महीनों तक बरकरार रखना होगा क्योंकि बाजार पहले से ही ओवरसप्लाई से जूझ रहा है।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *