नामांकन खुले हैं: एनसीपीईडीपी-एमफेसिस यूनिवर्सल डिजाइन अवार्ड्स 2022

0
570
Spread the love
Spread the love

New Delhi News, 05 July, 2022: दिव्यांग अधिकारों की हिमायत पर आधारित भारत के प्रमुख संस्थान, नेशनल सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ एम्प्लयॉमेंट फॉर डिसेबल्ड पीपुल (एनसीपीईडीपी) ने एनसीपीईडीपी-एमफेसिस यूनिवर्सल डिजाइन अवॉर्ड्स 2022 के 13वें एडिशन की घोषणा की है। यह दिव्यांगों के लिये सुलभता और यूनिवर्सल डिजाइन करने वाले चैंपियन और इस कार्य में अपना योगदान देने वालों को पुरस्कृत करने के लिये हैं।

एनसीपीईडीपी का यह मानना रहा है कि समावेश की बुनियाद सुलभता होती है। इसलिये, एमफेसिस के सहयोग में 2010 में इस पुरस्कार की शुरूआत की गई ताकि सभी के लिये उपलब्धता के सबसे बेहतर अभ्यासों की मिसाल कायम करने वालों, किफायत के साथ स्थानीय समाधान, सुलभता और स्तर को सम्मानित किया जा सके। हर साल यह अनूठा सम्मान व्यक्तिगत और संस्थागत रूप से दिया जाता है, जोकि सुलभता के समाधान या शिक्षा, कार्य, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि के क्षेत्र में दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिये या यूनिवर्सल डिजाइन तैयार करने के लिये हर तरह के प्रयास कर रहे हों।

अरमान अली, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, एनसीपीईडीपी ने कहा, “सुलभता का अर्थ होता है कि एक विकलांग व्यक्ति को समान जानकारी प्राप्त हो, वह समान उत्पादों और सेवाओं का उपयोग करने में सक्षम हो सकें, समान रूप से प्रभावी और एकीकृत तरीके से उसी तरह की बातचीत में शामिल हो पाए, जैसा कि एक सामान्य व्यक्ति करता है, लेकिन हमारे सिस्टम की स्वाभाविक रूप से दुर्गम प्रकृति, सुलभता को प्रभावित करती है, जिससे अधिकांश दिव्यांगों के लिये यह पहुंच से बाहर हो जाता है।

सहायक प्रौद्योगिकी को लेकर डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ द्वारा जारी किए गए अब तक की पहली ग्लोबल रिपोर्ट में पाया गया कि पूरी दुनिया में, 2.5 मिलियन लोगों को सहायक उपकरण की जरूरत होती है, लेकिन उनमें से लाखों लोग सबसे मूलभूत सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं। सभी उत्पादों और सेवाओं में समावेशी डिजाइन को अपनाकर भारत में सहायक प्रौद्योगिकी का नेतृत्व करने की क्षमता है। हमें अपने सिस्टम के बिना यूनिवर्सल डिजाइन के सिद्धांतों को शामिल करने की जरूरत है। सभी मौजूदा उत्पादों और सेवाओं का कायापलट करने और उन्हें दिव्यांगों के अधिकार (आरपीडब्ल्यूडी) अधिनियम, 2016 के साथ संरेखित करने की आवश्यकता है। ऐसी, सहायक तकनीकों की आवश्यकता है जो दिव्यांगों की भागीदारी और समावेश को सक्षम बनाए और उन्हें बढ़ावा दे। पिछले कुछ सालों से ये पुरस्कार उन पहलों को दिए जा रहे हैं, जोकि सैद्धांतिक एवं व्‍यावहारिक दोनों तरह से यूनिवर्सल डिजाइन के सिद्धांतों का पालन करने में सक्षम हैं- और दिव्‍यांग लोगों के जीवन में सार्थक एवं सशक्‍त बदलाव ला रही हैं।”

श्रीकांत कर्रा, सीएचआरओ, एमफेसिस ने कहा, “एनसीपीईडीपी के साथ अपनी साझेदारी के माध्यम से, हम उन समाधानों की पहचान कर उन्हें सहयोग देना चाहते हैं, जो सभी के लिये एक किफायती और मापनीय गति से पहुंच के पारितंत्र को सक्षम बना सके। यूनिवर्सल डिजाइन (यूडी) कस्टम डिजाइनें बनाता है जो कुशलता से काम करती हैं और लोगों के एक विविध समूह को उनकी उम्र, क्षमता या लिंग के बावजूद सशक्त बनाता है। यह एक ऐसी जगह बनाता है जो सभी के लिये सुलभ हो और इसे सभी उद्योगों में सभी डिजाइन डोमेन पर मापा और लागू किया जा सके। इसलिये, यूडी के लिये डिजाइन समाधानों को अनिवार्य बनाने के लिये हमारे कानूनों और विनियमों का हिस्सा होना बेहद जरूरी है, ताकि हर कोई समान रूप से इसका उपयोग कर पाए। यूनिवर्सल डिजाइन अवॉर्ड्स यह सुनिश्चित करते हैं कि समर्पित स्वयंसेवकों को उनकी उचित पहचान मिले जो समुदाय को संवेदनशील बनाने और दूसरों को इस कार्य में शामिल होने के लिये प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।”

एनसीपीईडीपी-एमफेसिस यूनिवर्सल डिजाइन अवार्ड्स के नामांकन अब 2022 के लिये खुले हैं।
पुरस्कार निम्नलिखित क्षेत्रों में पहुंच को कवर करते हैं:
1. निर्मित पर्यावरण
2. परिवहन
3. सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी)
4. सेवाएं
5. सहायता और उपकरण
6. वकालत और सार्वजनिक नीति

2022 में पुरस्कारों का 13वां संस्करण होगा और निम्नलिखित 4 श्रेणियों में नामांकन आमंत्रित किए गए हैं:

ए: दिव्यांग- इस कैटेगरी में पुरस्कार उन दिव्यांगों को दिया जाता है, जिन्होंने सुगम्यता और यूनिवर्सल डिजाइन में एक छाप छोड़ी हो। उनके द्वारा यह काम नीति बनाने, जमीनी स्तर पर उन्हें लागू करने, डिजाइन और विकास, एक्सेस ऑडिट्स या मूवमेंट/एडवोकेसी, में किया हुआ हो सकता है। हर साल, देशभर में 3 लोगों को यह पुरस्कार दिया जाता है।

बी: कामकाजी पेशवर- वे एक शैक्षिक संस्थान/एनजीओ/कॉर्पोरेट संगठन/सरकारी निकाय के कर्मचारी हो सकते हैं जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया हो या एक सलाहकार या फ्रीलांसर हो सकते हैं, जिन्होंने इस कार्य को आगे बढ़ाने में अपना समय लगाया हो। संगठन/फर्म/आंदोलन द्वारा हासिल की गई सफलता के लिये उनका व्यक्तिगत योगदान प्रमुख कारण है। वे कोई ऐसे व्यक्ति भी हो सकते हैं, जो संगठनात्मक समर्थन से स्वतंत्र रूप से इस कार्य में शामिल हों और दिव्यांगों के लिये सुलभता के मुख्य उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल रहे हों। इस श्रेणी में हर साल देश भर में 3 लोगों को पुरस्कार दिए जाते हैं।

सी: कंपनी/संगठन- इस श्रेणी में पुरस्कार उन कंपनियों या संगठनों को दिया जाता है, जिन्होंने उपरोक्त उल्लेखित क्षेत्रों में से किसी भी क्षेत्र में सुगम्यता और यूनिवर्सल डिजाइन के कार्य का बीड़ा उठाया हो। कंपनियां/संगठन जिन्होंने विकलांग लोगों की भर्ती या सेवा लागू की हो और उन्हें अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमताओं में भाग लेने के लिये समान अवसर प्रदान किए हों। ये किसी भी प्रकार के शैक्षिक संस्थान\एनजीओ\कॉरपोरेट संगठन\सरकारी निकाय\निजी क्षेत्र\सार्वजनिक क्षेत्र\ संयुक्त क्षेत्र\एसएमई\साझीदार फर्म हो सकते हैं। हर साल देशभर में इस श्रेणी में 4 कंपनियों\संगठनों को पुरस्कार दिए जाते हैं।

डी: यूनिवर्सल डिजाइन के लिये एनसीपीईडीपी-एमफेसिस जावेद आबिदी पब्लिक पॉलिसी अवार्ड 2018 में स्वर्गीय जावेद आबिदी की स्मृति में स्थापित की गई एक श्रेणी है, जो यूनिवर्सल डिजाइन के सिद्धांत और पहुंच को बढ़ावा देने के लिये हिमायती प्रयासों को मान्यता देती है। इस श्रेणी के तहत भौतिक बुनियादी ढांचे, परिवहन, आईसीटी, उत्पादों और सेवाओं के क्षेत्र में व्यक्तिगत/संगठनात्मक रूप से दो पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं, जोकि दिव्यांगों के लिये बाकी भारतीय नागरिकों की तरह ही समान अवसर और अधिकार उपलब्ध कराने के लिये बेहतरीन काम कर रहे हों।

आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि 23 जुलाई 2022 है। नामांकन फॉर्म एनसीपीईडीपी की वेबसाइट www.ncpedp.org से डाउनलोड किए जा सकते हैं। पुरस्कार 28 सितंबर 2022 को प्रदान किए जाएंगे।

 

नेशनल सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ इम्प्लॉयमेंट फॉर डिसेबल्ड पीपुल के विषय में
1996 में एक स्वतंत्र ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत, दिव्यांगों के रोजगार संवर्धन के लिये नेशनल सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ इम्प्लॉयमेंट फॉर डिसेबल्ड पीपुल (एनसीपीईडीपी) एक गैर-लाभकारी स्वैच्छिक संगठन है जो दिव्यांगों के सशक्तिकरण की दिशा में सरकार, उद्योग, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और स्वैच्छिक क्षेत्र के बीच एक इंटरफेस के रूप में काम कर रहा है। पिछले 25 वर्षों में, एनसीपीईडीपी ने खुद को एक अग्रणी क्रॉस-डिसेबिलिटी संगठन के रूप में स्थापित किया है जिसे बाद में 1999 में राष्ट्रीय विकलांगता नेटवर्क (एनडीएन) के गठन से मजबूत किया गया है। तब से, एनसीपीईडीपी देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के दिव्यांगों तक पहुंचने में सफल रहा है और दिव्यांगों के सशक्तिकरण के लिये कई नीतिगत बदलावों की सफलतापूर्वक हिमायत की है।
और अधिक जानकारी प्राप्त करें www.ncpedp.org.पर

एमफेसिस के विषय में
एमफेसिस वैश्विक स्तर पर उपक्रमों को व्‍यावसायों में परिवर्तन करने के लिये नेक्स्ट-जेनरेशन तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। ग्राहक केंद्रियता एमफेसिस का आधार है और यह बात एमफेसिस के फ्रंट2बैक™ ट्रांसफॉर्मेशन दृष्टिकोण में परिलक्षित होती है। फ्रंट2बैक™ ग्राहकों और उनके अंतिम ग्राहकों को हाइपर-पर्सनलाइज्ड (C=X2C2TM=1) डिजिटल अनुभव प्रदान करने के लिये क्लाउड और कॉग्नेटिव की घातीय शक्ति का उपयोग करता है। एमफेसिस का सर्विस ट्रांसफॉर्मेशन दृष्टिकोण किसी भी उपक्रम में विरासती माहौल में ‍डिजिटल तकनीकों के इस्‍तेमाल के जरिए ‘श्रिंक द कोर’ में मदद करता है। एमफेसिस के मुख्य संदर्भ आर्किटेक्चर और उपकरण, डोमेन विशेषज्ञता और विशेषज्ञता के साथ गति और नवाचार, व्यापक क्लाइंट्स के साथ मजबूत संबंध बनाने के लिये महत्वपूर्ण हैं।
विस्‍तृत जानकारी प्राप्त करें www.mphasis.com पर

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here