New Delhi News, 20 Nov 2018 : रंगाप्रवेशम एक सोलो कुचिपुड़ी नृतय है, डॉ. राजा,राधा रेड्डी एंड कौशल्या रेड्डी की भव्य शिष्या नौरीन मेहरा है। जो रंगाप्रवेशम में 21नवम्बर 2018 को कामिनी ऑडिटोरियम में अपना नृत्य प्रस्तुत करेंगी। नौरीन की सुन्दर जटिल नृत्य प्रस्तुति उनके ऑडियंस के मन को सम्मोहित कर देगा, नौरीन ने प्रसिद्ध कुचिपुड़ी नृत्य गुरु डॉ. राजा रेड्डी से 7 साल की उम्र से शिखा ग्रहण की है। डॉ. राजा, राधा रेड्डी और कौशल्या रेड्डी जिन्होंने अपने नृत्य से कल्चर सिटी दिल्ली में अपना एक अस्तित्व बनाया है, इन्होने अपनी देख रेख में कई छात्रों को नृत्य की शिक्षा देते हैं ताकि वो अपने कुचिपुड़ी नृत्य की परंपरा को आगे बढ़ा सके और उन्ही कई छात्रों में से एक नौरीन मेहरा है।
इस नृत्य की शाम की शुरुवात भगवन वेंकटेश्वरा को समर्पित करते हुए की जाएगी।
यह प्रस्तुति विष्णु के दस अलग-अलग अवतार को दर्शाये गी,उसके बाद ही एक हिंदुस्तानी संगीत ‘तराना’ की प्रस्तुति होगी जो सितार के महाराजा भारत रतन पंडित रवि शंकर की एक रचना पर आधारित है जिसको डॉ. राजा और राधा रेड्डी ने कुचिपुड़ी शास्त्रीय नृत्य शैली में इस नृत्य को कोरिओग्राफ किया है।
नौरीन का अभिनय उभर कर नृत्य कला सूफी गीत छाप तिलक में दिखेगा जिसकी रचना आमिर खुसरो ने की है, शाम की समाप्ति तरंगम के साथ कुचिपुड़ी नृत्य में एक प्रसिद्ध नृत्य के साथ होगी जिसमें नौरीन अपनी नृत्य से अपने पैरो की तालबंद से पीतल की थाली पर नृत्य करके भगवान कृष्ण की प्रसिद्ध बचपन की कृष्ण लीला को दर्शाएगी।
नौरीन ने प्रसिद्ध गुरुओं से नाटय तरनागनि परफार्मिंग आर्ट सेंटर में सात साल की उम्र से शिक्षा ग्रहण की है. नाटय तरनागनि का हिस्सा बन कर व् खुद को भट भाग्यशाली मानती है और नौरीन नाटय तरनागनि की सबसे छोटी सदस्य है, उन्होंने बहुत सारे कल्चर इवेंट्स में भी भाग लिया है.नौरीन आशा करती है की एक दिन वो बहुत सारे पुरुस्कार जीतेंगी और अपने गुरुओं को गर्व महसूस करवाएंगी।