67वें कन्नड़ राज्योत्सव के अवसर पर मंथन-सम्पूर्ण विकास केन्द्र द्वारा दक्षिण भारत बेंगलुरु में मंथनोत्सव कार्यक्रम का आयोजन

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New Delhi News : 67वें कन्नड़ राज्योत्सव के अवसर पर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के सामाजिक शिक्षा कार्यक्रम मंथन-सम्पूर्ण विकास केन्द्र के माध्यम सेदक्षिण भारत के बेंगलुरु शहर में पहली बार अभाव ग्रस्त बच्चों के लिए मंथनोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ.बी.आर.अम्बेडकर भवन में बच्चों के रचनात्मक विकास के लिए उन्हें सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथियों के रूप में स्वामी तद्ययुक्तानंद जी महाराजजी (रामकृष्ण मठ, बेंगलुरु), श्री आर.मन्जूनाथ जी (दसरहल्ली, निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य), श्री सुरेश हेबलीकर जी(कन्नड़ फिल्म उद्योग से जुड़े एक अनुभवी अभिनेता, निर्माता और निर्देशक व सक्रिय पर्यावरणविद्) और दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की प्रचारिका एवं मंथन सम्पूर्ण विकास केन्द्र की संयोजिका साध्वी दीपा भारती जीने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। सभी अतिथिगणों का स्वागत पारंपरिक तरीके से तिलक लगाकर किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन के द्वाराकिया गया,साथ ही दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया गया। साध्वी दीपा भारती जीने सभा को मंथन-सम्पूर्ण विकास केन्द्र के उद्देश्य के बारे में बताया कि किस प्रकार मंथन-सम्पूर्ण विकास केन्द्र कई वर्षों से समाज के अभाव ग्रस्त बच्चों को मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान कर रहा है। साथ ही साध्वी जी ने सभी को दान उत्सव(द जॉय ऑफ गिविंग) में योगदान करने के लिए प्रेरित किया। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की प्रचारिका साध्वी उन्मेशा भारती जी ने संस्कारशाला पुरस्कार समारोह आयोजित करने के पीछे का उद्देश्य और महामारी के दौरान आयोजित ऑनलाइन संस्कारशालाओं की श्रृंखला के बारे में जानकारी दी।

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के कार्यकर्ताओं ने यक्ष गान, भरतनाट्यम और कोलाटा जैसे पारंपरिक नृत्य रूपों के साथ कार्यक्रम को सुशोभित किया। मंथन-सम्पूर्ण विकास केन्द्र की विभिन्न गतिविधियों पर आधारित वीडियोंको दिखाया गया।दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के मंथन-सम्पूर्ण विकास केन्द्र द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित मासिक संस्कार शालाओं की श्रृंखला को आगे बढाते हुए एक इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया गया और बच्चों ने सभी मनोरंजक व प्रेरणादायक गतिविधियों में पूरे उत्साह के साथ भाग लिया।दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की प्रचारिका साध्वी निशंका भारती जी ने संस्कारशाला में आत्म-विश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण द्वारा चरित्र-निर्माण से राष्ट्र-निर्माण तक पहुंचने का मार्ग बच्चों को समझाया। मुख्यअतिथि, स्वामी तद्ययुक्तानंद महाराज जी ने आज के युवाओं के लिए मूल्य आधारित शिक्षा प्रणाली की प्रासंगिकता पर विस्तार से चर्चा की। श्री आर.मन्जूनाथ ने दक्षिण भारत में मंथन-सम्पूर्ण विकास केन्द्र के विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया। श्री सुरेश हेबलीकर जी ने कहा कि रचनात्मक शिक्षा के महत्व ने छात्रों को अपने सपनों को आगे बढ़ाने और राष्ट्र के भविष्य के लिए प्रभावी योगदान देने की भावना को प्रबुद्ध किया है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण परियोजना में मंथन-सम्पूर्ण विकास केन्द्र के विद्यार्थियोंके योगदान की सराहना की। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की प्रचारिका एवंबेंगलुरु शाखा की संयोजिका साध्वी रितु भारती जी ने सभी सम्मानित अतिथियों का उनकी उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की प्रचारिकाएंसाध्वी साक्षी भारती जी और साध्वी सिद्धयोगा भारती जी भी शामिल हुए। कार्यक्रम का समापन महा मंगलारती के साथ हुआ और सभी ने परम पावन श्री आशुतोष महाराज जी के चरण कमलों में अपना विनम्र अभिवादन किया।

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