New Delhi News, 06 Feb 2022 : राजस्व में बढ़ोतरी का श्रेय एमडीआर बियरिंग इंस्ट्रूमेंट्स, नए डिवाइस सब्सक्रिप्शंस और लोन डिस्बर्समेंट के जरिए मर्चेंट भुगतान में वृद्धि और उच्च मॉनीटाइजेशन को जाता है।
औसत मासिक लेनदेन करने वाले यूजर्स की भागीदारी में उछाल आया और यह संख्या 64.4 मिलियन रही, 2.5लाख करोड़ की जीएमवी देखने को मिली।
वित्तीय सेवाओं ने प्रमुख भूमिका निभाई, पेटीएम पोस्टपेड (बाय नाउ,पे लेटर), मर्चेंट लोन और पर्सनल लोन को अपनाने में बढ़ोतरी हुई।
वन97 कम्यूनिकेशंस लिमिटेड, जिसके पास भारत के अग्रणी डिजिटल पेमेंट्स एवं वित्तीय सेवा कंपनी के ब्रांड पेटीएम का मालिकाना हक है, ने वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही के अपने परिणामों को साझा किया है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान, कंपनी के राजस्व में वार्षिक आधार पर 89 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली, एबिटा नुकसान (ईसॉप खर्च से पहले) पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में इस तिमाही 488 करोड़ रुपये से घटकर 393 करोड़ रुपये पर आ गया। राजस्व में बढ़ोतरी का श्रेय एमडीआर बियरिंग इंस्ट्रूमेंट्स, नए डिवाइस सब्सक्रिप्शंस और लोन डिस्बर्समेंट के जरिए मर्चेंट भुगतान में वृद्धि और उच्च मॉनीटाइजेशन को जाता है।
कंपनी ने औसत मासिक लेनदेन करने वाले यूजर्स की भागीदारी में वृद्धि दर्ज की और यह संख्या 64.4 मिलियन रही, 2.5 लाख करोड़ की जीएमवी देखने को मिली।
पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा, “हमारा व्यावसाय ग्राहकों एवं व्यापारियों के लिए भुगमान की पेशकश करना है। साथ ही उन्हें हाई-मार्जिन वाली वित्तीय सेवाएं एवं कॉमर्स को क्रॉस-सेल करना है। हम बिल पेमेंट, मनी ट्रांसफर और ऑफलाइन मर्चेंट पेमेंट्स के लिए अपने कंज्यूमर ऐप पर ग्राहकों को अधिग्रहीत करते हैं और उन्हें पेटीएम पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पेटीएम वालट, पेटीएम पेमेंट्स बैंक अकाउंट और पेटीएम पोस्टपेड) और पेटीएम यूपीआइ की पेशकश करते हैं। हम क्यूआर पेमेंट्स, ईडीसी और साउंडबॉक्स डिवाइसेज और पेमेंट गेटवे (ऑनलाइन मर्चेंट्स) के लिए मर्चेंट्स का अधिग्रहण करते हैं। हम अपने ग्राहकों एवं व्यापारियों को विभिन्न वित्तीय उत्पाद ऑफर करने के लिए अपने प्लेटफॉर्म से जानकारियों का इस्तेमाल करते हैं। हम उच्च मार्जिन वाले कॉमर्स एवं क्लाउड सेवाएं भी मुहैया कराते हैं ताकि उन्हें पेटीएम ऐप का उपयोग कर कॉमर्स को सक्षम बनाने में मदद मिल सके।”
उपभोक्ताओं के लिए भुगतान सेवाओं से कंपनी का राजस्व 60 प्रतिशत बढ़कर 406 करोड़ रुपये रहा, जबकि व्यापारियों के लिए भुगतान सेवाओं से राजस्व 117 प्रतिशत बढ़कर 586 करोड़ रुपये रहा। क्लाउड और कॉमर्स सेवाओं से मिले राजस्व में भी 64 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली और यह 339 करोड़ रुपये रहा।