क्विक हील ने ‘साइबर सुरक्षा के लिए साइबर शिक्षा‘ और ‘अर्न एण्ड लर्न‘ अभियान की शुरुआत की

0
703
Spread the love
Spread the love

पुणे, महाराष्ट्र, 16 सितम्बर, 2022। वैश्विक स्तर पर भारत एक आर्थिक महाशक्ति बन गया है, जिसकी बदौलत हर क्षेत्र, विशेष रूप से प्रौद्योगिकी में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। इन वर्षों में, देश तकनीकी, आर्थिक और सामाजिक रूप से एक डिजिटल राष्ट्र के रूप में परिवर्तित हो गया है।

हालांकि इससे लोगों को काफी सुविधा भी मिली है, लेकिन इस बात से कोई इन्कार नहीं कर सकता कि इन्टरनेट की बढ़ती तीव्रता और 5G जैसी टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रसार के बीच कमजोरियां कई गुना बढ़ गई हैं। इस जोखिम के महत्वपूर्ण कारणों में से एक साइबर सुरक्षा के बारे में कम जानकारी का होना है। हम मानते हैं कि साइबर सुरक्षा में अग्रणी होने के नाते, समाज की डिजिटल जीवन शैली की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। उस जिम्मेदारी के साथ, हम अपनी आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा और भलाई में योगदान देना चाहते हैं।

इन कार्यक्रमों के बारे में बात करते हुए, श्रीमती अनुपमा काटकर, चेयरपर्सन, क्विक हील फाउण्डेशन ने कहा, “इन्टरनेट सर्वव्यापी है, और इसी तरह साइबर अपराध भी इसके समानान्तर हैं। क्विक हील फाउण्डेशन (क्यूएचएफ), साइबर सुरक्षा के दायित्व के रूप में, देश के युवाओं को इन्टरनेट के सही उपयोग के बारे में जागरूक करने की जिम्मेदारी लेता है। हमें आशा है कि हमारा प्रयास छात्रों को सुरक्षित इन्टरनेट कार्य- प्रणालीयोंको अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा और समाज में साइबर सुरक्षा जागरूकता फैलाने वाले साइबर योद्धा बनाने में सहयोग करेगा ।

क्विक हील फाउण्डेशन (क्यूएचएफ) का उद्देश्य ‘साइबर सुरक्षा के लिए साइबर शिक्षा‘ अभियान के तहत युवाओं को विश्वास के साथ प्रशिक्षित करना है कि छात्र, एक बार प्रशिक्षित होने के बाद, पूरे समाज में जागरूकता लाने में सहायक होंगे। छात्रों को इस पहल में भाग लेने के लिए प्रेरित करने के लिए, हम अपने ‘अर्न एण्ड लर्न‘ कार्यक्रम के तहत उन्हें प्रोत्साहन राशि देंगे |

यह महाराष्ट्र से शुरू होने वाली एक अखिल भारतीय पहल है। परिचालन प्रभावशीलता के लिए राज्य को पांच क्षेत्रों में विभाजित किया गया है मुम्बई, पुणे, मध्य और उत्तरी महाराष्ट्र, विदर्भ और पश्चिम महाराष्ट्र। क्विक हील फाउण्डेशन इन क्षेत्रों में 25 संस्थानों के स्वयंसेवकों की स्क्रीनिंग और प्रशिक्षण कर रहा है, जिनमें सी एल वालिया कॉलेज, डी वाई पाटिल कॉलेज और गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस शामिल हैं। फाउण्डेशन 3,500 से अधिक कार्यक्रमों को अंजाम देने के लिए 2,500 से अधिक स्कूलों और कॉलेजों तक पहुंचेगा। मैराथन, वॉकथॉन, लघु फिल्म और नुक्कड़ नाटक जैसी गतिविधियों को भागीदारी बढ़ाने और जागरूकता फैलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। प्रत्येक जोन कार्यक्रम के अंत में एक मेगा कॉन्क्लेव का आयोजन होगा। इस अभियान से 7,00,000 से अधिक छात्रों के जागरूक होने की उम्मीद है। इसके अलावा, 15 साइबर पुलिस थानों के 20 से 25 पुलिस अधिकारी भी प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम में भाग लेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here