New Delhi, 18 Sep 2020 : ऑल इंडिया टेक्निकल एंड मैनेजमेंट काउंसिल (एआईटीएमसी) ने आत्मनिर्भर भारत और लोकल फॉर वोकल विषय को लेकर वेबीनार का आयोजन किया। इसमें बतौर वक्ता फिक्की के महासचिव दिलीप चिनॉय शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन असम के गुवाहाटी स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आंत्रप्रेन्योरशिप (आईआईई) के सेंटर फॉर इंडस्ट्रियल एक्सटेंशन के विभागाध्यक्ष डॉ. सृपणा भूयन बरुआ ने किया। इस वेबीनार में हर उस तथ्य और तत्व को शामिल किया गया, जो एक व्यक्ति, उद्यमी और स्टार्टअप शुरू करने की इच्छा रखने वाले सभी व्यक्ति को जानना जरूरी है।
फिक्की के महासचिव दिलीप चिनॉय ने विभिन्न तथ्यों और आंकड़ों को पेश करते हुए कहा कि फूड केयर, कृषि आधारित और स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्टार्टअप की काफी संभावनाएं है। कोविड-19 के बाद जो हालात तैयार हुए है, उसमें इन क्षेत्र के स्टार्टअप विकसित होगी। उन्होंने उसके भविष्य की संभावनाओं के बारे में भी बताया।
दिलीप चिनॉय ने जोर देते हुए कहा कि ग्रामीण भारत देश की अर्थव्यवस्था की जान है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति और उद्योग दोनों की मांग पर ध्यान देने की जरूरत है और इसे कौशल विकास के जरिये ही पूर्ति की जा सकती है। इससे न केवल रोजगार के साधन पैदा होंगे, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जरूरतें भी पूरी होगी।
उन्होंने कहा कि हर क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के संगठन को 3-4 चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है। इसमें नई दक्षताओं की पहचान करने, कौशल विकास को लेकर नए आयाम देने और फिर उन्हें प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। उन्होंने प्राथमिक कौशल पर प्रकाश डालते हुए आज की आधुनिक जरूरतों की पूर्ति के लिए अपने कौशल को एक माध्यम के तौर पर प्रयोग करने को कहा।
पूरा सत्र उद्योग के बदलते दौर को समझने के साथ व्यावहारिक रूप से महामारी से निकलते हुए राष्ट्र निर्माण की भूमिका पर केंद्रित रहा। उन्होंने बताया कि यह केवल तभी संभव हो सकता है जब हम सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन और मास्क पहनने के नियम का सख्ती से पालन करे। इससे व्यक्तिगत जोखिम कम होने के साथ अर्थव्यवस्था के निर्माण में मदद मिलेगी।