नई दिल्ली: मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्किल्स काउंसिल द्वारा दो दिवसीय वर्चुअल मंथन ‘द इम्पेकेबल एकेडेमिया-2022’ का आयोजन किया गया, जिसमें मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के प्रतिष्ठित हस्तियों ने हिस्सा लिया। कांफ्रेंस औपचारिक शिक्षा में मीडिया और मनोरंजन कार्यक्रमों को एकीकृत करने पर केंद्रित था। इसके साथ ही इस क्षेत्र में कार्य करने वाले पेशेवरों के प्रशिक्षण और अपस्किलिंग की आवश्यकता पर भी इस कांफ्रेंस में जोर दिया गया। बता दें कि देश की अर्थव्यवस्था में मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र की महत्वपूर्ण भागीदारी है। बीते कुछ वर्षों में टेलीविजन, फिल्म, प्रिंट और रेडियो जैसे प्लेटफार्मों में लगातार बढ़ोतरी हुई है।
दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में वेदुला एलवीएसएस सुब्बा राव- पूर्व वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार- शिक्षा मंत्रालय, आशीष कुलकर्णी, संस्थापक– पुनर्युग आर्ट विजन प्राइवेट लिमिटेड, डॉ माहुल ब्रह्मा, प्रोफेसर और डीन – मीडिया एंड कम्युनिकेशन स्कूल, एडमस यूनिवर्सिटी, नरेंद्र कौशिक, डीन, स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी, शेफालिका नारायण, डीन, एटलस स्कूल ऑफ मीडिया एंड कम्युनिकेशन, एटलस यूनिवर्सिटी, अभिजीत बोरा, प्रोफेसर, जनसंचार विभाग, तेजपुर केंद्रीय विश्वविद्यालय, (डॉ.) रितु सूद, डीन, मीडिया, फिल्म और मनोरंजन स्कूल, शारदा विश्वविद्यालय, अनुराग साहू, सहायक प्रोफेसर, केआईआईटी स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन, केआईआईटी विश्वविद्यालय, रंजीत सिंह- वाइस चांसलर- शोभित यूनिवर्सिटी, टी. शशिप्रभा- वाइस चांसलर, सत्यबामा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, मंगेश करंदीकर- डायरेक्टर, मेट इंस्टीट्यूट ऑफ मास मीडिया, जितेंद्र अरोड़ा- डीन, एटलस स्कूल ऑफ मीडिया एंड कम्युनिकेशन, एटलस यूनिवर्सिटी, जी. रवींद्रन- प्रमुख, मीडिया और संचार विभाग, तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय, उज्ज्वला बर्वे- एचओडी संचार और पत्रकारिता, सावित्री बाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, (डॉ.) मुकेश कुमार-डीन, जर्नलिज्म, फिल्म प्रोडक्शन एंड परफॉर्मिंग आर्ट्स, एलपीयू, अमृता चक्रवर्ती, प्रोफेसर, मीडिया एंड कम्युनिकेशन, पंडित दीनदयाल एनर्जी यूनिवर्सिटी आदि उपस्थित थे।
बतौर वक्ता मौजूद भारत सरकार के पूर्व प्रधान आर्थिक सलाहकार श्री वीएलवीएसएस सुब्बा राव ने मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र के लिए डिग्री के साथ एम्बेडेड कौशल पर जोर दिया। इससे जुड़े कोर्स में कौशल को जोड़ने की बात कही। पुनर्योग आर्ट विज़न प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक श्री आशीष कुलकर्णी ने कहा कि नई शिक्षा नीति ने रचनात्मकता को फिर से बनाने और फिर से सीखने का एक शानदार मौका दिया है। डॉ. माहुल ब्रह्मा, प्रोफेसर और डीन – स्कूल ऑफ मीडिया एंड कम्युनिकेशन, एडमास यूनिवर्सिटी ने अपने विचार साझा किए कि कैसे एनईपी शिक्षा प्रणाली को उज्जवल भविष्य की ओर ले जा सकता है।अन्य वक्ताओं ने नई शिक्षा नीति और औपचारिक शिक्षा में स्किल जोड़ने की बात कही।