इस बार का ‘हिंदी साहित्य उत्सव’ यशस्वी कवि केदारनाथ सिंह को समर्पित रहा

0
2130
Spread the love
Spread the love

New Delhi News : एक दिवसीय हिंदी साहित्य उत्सव का आयोजन ऑक्सफ़ोर्ड बुकस्टोर और राजकमल प्रकाशन द्वारा ऑक्सफ़ोर्ड बुकस्टोर कनॉटप्लेस में किया गया जो कि यशस्वी कवि केदारनाथ सिंह को समर्पित रहा । कार्यक्रम को केदारनाथ सिंह के स्मृति को नमन करते हुए आरम्भ किया गया।

दिनभर चले इस कार्यक्रम में सिने और साहित्य जगत के लोगो ने कविता पाठ से ले कर अनेक साहित्यिक व समसामयिक विषयों पर चर्चा करी । हिंदी साहित्य उत्सव में भाग लेने वालों में स्वानंद किरकिरे, पुष्पेश पन्त, अविनाश मिश्र, पुरुषोत्तम अग्रवाल, मृदुला गर्ग, मंगलेश डबराल, अशोक कुमार पाण्डेय, शिवेन्द्र, दिलीप पाण्डेय ,नीलोत्पल मृणाल, अरजुमंद आरा ,असद ज़ैदी , सुधांशु फिरदौस, अरविन्द जोशी और अंकिता आनंद आदि लोग रहे।

उत्सव की शुरुआत ‘दीप प्रज्ज्वलन’ के साथ मिरांडा हाउस की ‘गीतांजलि टीम’ के गायन से हुई । उद्घाटन व्याख्यान ‘क्यों पढ़ें ?’ विषय पर वरिष्ठ आलोचक, चिन्तक, कथाकार पुरुषोत्तम अग्रवाल ने दिया।

पढ़ने-पढ़ाने की विस्तृत व्याख्या के बाद सत्र ‘पान बखान’ में उल्लेखनीय अकादमिक, फ़ूड क्रिटिक और इतिहासकार पुष्पेश पन्त पान के इतिहास का बखान किया| उनके साथ सत्र में शामिल रहे राजकमल प्रकाशन के संपादक निदेशक, सत्यानन्द निरुपम| ‘पान बखान’ शीर्षक से पुष्पेश पन्त की किताब राजकमल प्रकाशन से शीघ्र ही प्रकाशित होने वाली है|

अगला सत्र ‘क्या चीज है बेस्टसेलर’ ने बेस्टसेलर के आयाम को परिभाषित किया | इसमें प्रकाशन जगत के दिग्गज शामिल रहे | मीरा जोहरी (राजपाल), शैलेश भरतवासी (हिन्द युग्म), अदिति महेश्वरी गोयल (वाणी प्रकाशन), अंशुल बेंजामिन (राजकमल प्रकाशन), नवीन चौधरी (ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस), प्रशांत कश्यप (दैनिक जागरण) से बातचीत करी जया भट्टाचार्जी रोज़ ने|

‘कश्मीरनामा : इतिहास लेखन का नया दरवाजा’ सत्र में हिंदी में शोधपरक लेखन की संभावनाओं और चुनौतियों पर अशोक कुमार पाण्डेय ने अपना पक्ष रखा | कश्मीर पर लिखी उनकी हालिया किताब खासी चर्चा में रही है| उनसे बात करी शीबा असलम फहमी ने|

‘किस्सा कहानी पाठ’ सत्र में वरिष्ठ और युवा कहानीकारो ने अपनी रचनाओं से पाठ किया और श्रोताओं को परम्परा और आधुनिकता के रंगों से सराबोर कर दिया | इसमें मृदुला गर्ग, शिवेन्द्र, दिलीप पाण्डेय और नीलोत्पल मृणाल ने शिरकत किया|

अगला सत्र ‘अनुवाद’ पर आयोजित किया जिसमें मंगलेश डबराल, अरजुमंद आरा और असद ज़ैदी ने अपनी बात श्रोताओं तक पहुंचाई|

‘कविता कुछ और रंग’ सत्र में कविता के रंग बिखरे गए | इस सत्र में सुधांशु फिरदौस, अविनाश मिश्र, अरविन्द जोशी और अंकिता आनंद ने अपनी कवितायेँ सुनाई ।

उत्सव का समापन ‘आपकमाई : कुछ कविता कुछ गीत’ सत्र से हुई जिसमें अपने गीतों के लिए दो बार नेशनल अवार्ड जितने वाले गीतकार स्वानंद किरकिरे ने अपनी ‘आपकमाई’ अपने चाहने वालों से साझा करी | उनके साथ बात करी राज्यसभा टीवी के मशहूर कार्यक्रम ‘गुफ्तगू’ के प्रस्तोता इरफ़ान साहब ने|

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here