New Delhi News : लेखन और प्रकाशन के अत्यधिक कठिन समझे जाने वाले कार्य को सुगम और सरल बनाने की दिशा में सबसे प्रभावकारी और सफल प्रयास है। यह पुस्तक विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो समाज के सबसे प्रमुख वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं, मसलन बड़े व्यापारी गण, मैन्युफैक्चरर, सी.ई.ओ., इंटरप्रेन्योर, कोच, की-नोट स्पीकर आदि। इन लोगों के पास समाज को सिखाने के लिए बहुत कुछ होता है जिसे वे अपनी पुस्तक के माध्यम से व्यक्त करना चाहते हैं, परन्तु समय की कमी के चलते वे समाज को कुछ बड़ा नहीं सिखा पाते। यह पुस्तक लेखन और प्रकाशन को सरल एवं सुगम बनाने के गुर सिखाता है। इतना ही नहीं, समाज के विशिष्ट वर्ग के लोगों के बिज़नेस को बेहिसाब बढ़ाने, उन्हें अपने कार्य क्षेत्र में एक आदर्श के रूप में स्थापित करने, उनको सामान्य से असामान्य बनाने आदि में आश्चर्यजनक रूप से प्रभावी है।
इस पुस्तक के लेखक दिनेश वर्मा कम से कम शब्दों और समय में उच्च प्रभाव वाली पुस्तक लिखने के मानक ” इंस्टा-बुक-इन्फ्लुएंसर” प्रारूप के रचयिता हैं। यह एक प्रसिद्ध पुस्तक रणनीतिकार और पुरस्कार विजेता लेखक और प्रकाशक हैं। निर्माताओं, व्यापार मालिकों, सलाहकारों, सार्वजनिक वक्ताओं, प्रशिक्षकों और शीर्ष-स्तर के अधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर लिखी गई, स्वीकार की गई और सम्मानित की गई कई पुस्तकों के पीछे इनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। उनकी कंपनी पेंडाऊन प्रेस उन पुस्तकों को प्रकाशित करती है जो लेखकों के न्यूनतम प्रयास से अधिकतम प्रभाव पैदा करती हैं। लोगों को उनके संदेश और व्यापार को वैश्विक स्तर पर ले जाने में मदद करना और उनके प्रभाव और दबदबा को बड़े पैमाने पर बढ़ाना इनका जुनून है।
यह पुस्तक सभी बाधाओं और संकोचों को दूर करती है, और उन सभी समस्याओं को हल करती है जो आम तौर पर समाज के शीर्ष व्यक्तियों और पुस्तक प्रकाशन के बीच प्रायः मौजूद होती हैं। यह पुस्तक उन सभी के लिए रामबाण की तरह है, जिन्हें किसी पुस्तक को प्रकाशित करने की तीव्र इच्छा होती है, लेकिन इसकी वास्तविकता किसी न किसी कारण से उनसे दूर हो जाती है। यह एक प्रकाशित पुस्तक और उत्साही लेखकों के बीच सभी बाधाओं को दूर करता है।
इन सबके अलावा, प्रस्तुत पुस्तक पुस्तक प्रकाशन से जुड़े आम मिथकों का भी भंडाफोड़ करती है, जैसे कि मैं एक व्यवसायी हूं, लेखक नहीं हूं, मुझे नहीं पता कि किताब कैसे लिखनी है, मैं किताब लिखने के कम या ज्यादा उम्र का हूं, मैं बहुत व्यस्त हूं एक किताब और इस तरह के अन्य सभी बहाने ।
पुस्तक पुस्तक की पृष्ठ संख्या तो सोने पे सुहागा है। इसमें अनावश्यक ताना-बना नहीं है, शब्दों का समुद्र नहीं है, बस जो आपको चाहिए, वही है। आने वाले समय में यह पुस्तक आय और प्रभाव को बहुत बड़े स्तर तक ले जाने के लिए एक कॉफ़ी टेबल बुक के रूप में सम्मान पाएगा, इसमें तनिक भी संदेह नहीं।