New Delhi, 03 June 2020 : नये कोरोनावायरस (कोविड-19) के प्रकोप ने हमारे देश की व्यापारिक संस्थाओं और अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर डाला है। भारत सरकार ने अपने आत्मनिर्भर अभियान के तहत कोविड संकट के दौरान व्यापार/एमएसएमई इकाइयों का समर्थन करने के लिए कई उपाय किए हैं। इस तरह की पहल में से एक इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम: ECLGS (गारंटीड इमरजेंसी क्रेडिट लाइन: GECL नाम के एक क्रेडिट उत्पाद के साथ) है, जो व्यापार के 25 करोड़ रुपये तक के कुल बाकी ऋण के 20% तक के अतिरिक्त कार्यशील पूंजी सावधि ऋण के लिए 100% गारंटी कवरेज देती है, यानि 5 करोड़ रुपये तक को। यह 29.02.2020 से प्रभावी है, और इस दिनांक से 60 दिन से पहले या उससे कम समय वाले खाते पर लागू होता है।
सरकारी पहलों के मद्देनजर, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने पात्रता के अनुसार मुद्रा लाभार्थियों/एमएसएमई/व्यवसाय इकाइयों को उनके मौद्रिक संकट से निपटने में मदद करने के लिए केंद्रीय गारंटीड इमरजेंसी क्रेडिट लाइन (UGECL) लॉन्च किया है। यह योजना समाज के निचले तबके को सेवाएं देने की कोशिश करती है ताकि उनकी कठिनाइयों को कम किया जा सके। हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पहले दिन यानी 1 जून 2020 को, 14000 से ज़्यादा खातों को मंजूरी दी गई है। भले ही UGECL के लिए, बैंक मुख्य रूप से टियर-2/ टियर-3 शहरों पर ध्यान दे रही है, लेकिन इसकी शाखाएं पूरे भारत में सक्रिय रूप से पात्र ग्राहकों से संपर्क करने और ऋण की शीघ्र मंजूरी देने में भाग ले रही हैं।
यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया इस महत्वपूर्ण समय में सभी पात्र एमएसएमई/बिज़नेस इकाइयों का हाथ थामेगी और ज़रूरी मदद देगी।