New Delhi, 17 Dec 2020 : जिंक की कीमतें एलएमई पर लगभग 20 प्रतिशत और एमसीएक्स पर 17 प्रतिशत से अधिक हो गईं, क्योंकि माइनिंग से जुड़ी गतिविधियों में आया व्यवधान और मजबूत मांग के नैरेटिव ने विश्व की सभी चिंताओं के बीच इस धातु को आगे बढ़ाने में मदद की।
जिंक की मांग प्रमुख रूप से भारत में तेजी से बढ़ी है, खासकर बुनियादी ढांचे और इस्पात उत्पादक कंपनियों में डिमांड बढ़ने की वजह से।
बेस मेटल स्पेक्ट्रम की हालिया रैली को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में जो बाइडेन की जीत से बने आशावाद के माहौल का सहार मिला और कोविड-19 वायरस के खिलाफ संभावित टीके से जुड़ी उम्मीदों ने भी उसे गति दी।
फाइजर इंक के बाद, मॉडर्ना और एस्ट्राज़ेनेका ने भी अपने वैक्सीन में प्रगति करने का दावा किया है जिसने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में बेहतरी की आशा को बढ़ाया और औद्योगिक धातुओं के लिए आउटलुक में सुधार हुआ।
माइनिंग में व्यवधान
दक्षिण अमेरिका से खनन उत्पादन में गिरावट जिंक में रैली के पीछे प्रमुख कारण रहा है। इंटरनेशनल लीड और जिंक स्टडी ग्रुप (ILZSG) के अनुसार, 2020 में ग्लोबल जिंक माइन का उत्पादन पेरू, बोलीविया और मैक्सिको जैसे प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में में खनन गतिविधियों में ठहराव की वजह से 4.4 प्रतिशत घटने की उम्मीद है।
गेम्सबर्ग माइन (250,000 टन की वार्षिक क्षमता) को अस्थायी रूप से बंद करने से खदान की आपूर्ति को और अधिक खतरा पैदा हुआ है क्योंकि एक जियो-टेक्निकल विफलता में उसके कुछ कर्मचारी फंस गए थे।
यहां तक कि चीन में जिंक कॉन्सन्ट्रेट में ट्रीटमेंट चार्ज $ 100 प्रति टन से गिर गया, यानी अगस्त-2020 के अंत की स्थिति की सीमा से 40 प्रतिशत नीचे आ गया। महामारी की वजह से लगे प्रतिबंधों की वजह से अयस्कों की कम उपलब्धता और ग्लोबल स्मेल्टर से बढ़ती मांग के कारण ऑपरेटर्स को चार्ज रद्द करने पड़े।
स्पष्ट आपूर्ति संकट के बावजूद ILZSG की रिपोर्ट से पता चलता है कि ग्लोबल जिंक मार्केट 2020 में 620,000 टन का सरप्लस देख सकता है। यह चीन (तांबा और एल्यूमीनियम के लिए) से बड़े पैमाने पर खरीद के कोई संकेत नहीं है, जिससे हिडन जिंक स्टॉक्स की संभावना बढ़ गई है, जिसने निवेशकों को सतर्क कर दिया है।
दूसरी लहर
चीन में बेहतरीन सुधार और उपरोक्त उल्लेखित समयसीमा में अतिरिक्त स्टिमुलस इंप्यूजन पर बढ़ते दांव पर मार्केट खुश हुआ; वहीं, वैश्विक आर्थिक चिंताएं और गहरा गई हैं। कई देशों ने कोरोनोवायरस संक्रमण के नए मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की है, जिसके बाद कई देशों ने कड़े प्रतिबंध लगाये हैं। 1.59 मिलियन से अधिक लोगों की मृत्यु के साथ वैश्विक मामलों की संख्या 71.7 मिलियन से अधिक हो गई है।
मार्च’20 में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाने के बाद औद्योगिक धातुओं के प्रमुख उपभोक्ताओं ग्लोबल ऑटोमोबाइल और निर्माण उद्योगों में ऑपरेशनल एक्टिविटी करीब-करीब ठप रही है। कोरोनावायरस और राष्ट्रों की ओर से नए लॉकडाउन लगाने से ग्लोबल आर्थिक आउटलुक कमजोर हो सकता है।
वायरस की चिंताओं को एलएमई गोदामों में उच्च इन्वेंट्री स्तर का साथ मिला है। फरवरी-20 (49,625 टन) में कई वर्षों के निचले स्तर पर रहने के बाद जिंक की इन्वेंट्री नौ महीनों की अवधि में लगभग 350 प्रतिशत बढ़ गई है (12 दिसंबर 2020 को जिंक एलएमई इन्वेंट्री 2,14,875 टन रही थी)।
आउटलुक
जिंक और अन्य औद्योगिक धातुओं के लिए आउटलुक दुनियाभर में कोविड-19 मामलों में खतरनाक वृद्धि पर विचार करने के लिए प्रतिकूल लग रहा है।
यहां तक कि चीन में स्टील की मांग आने वाले महीनों में भी कम होने की उम्मीद है क्योंकि डाउनस्ट्रीम सेक्टर सर्दियों में अपनी ऑपरेशन गतिविधियों को सीमित करते हैं जो गैल्वनाइजिंग मेटल, जिंक पर भी दबाव डाल सकते हैं।
हालांकि, इस महामारी के व्यापक प्रभाव को देखते हुए वैश्विक केंद्रीय बैंक हरकत में आ रहे हैं। अधिक स्टिमुलस इंफ्यूजन और एक साल की लड़ाई के बाद संभावित वैक्सीन की उम्मीद आगे बढ़ रही औद्योगिक धातु के लिए आशा की किरण के रूप में काम कर सकती है।
सरप्लस को लेकर चिंताओं के बीच वायरस के व्यापक प्रसार को देखते हुए हम एक महीने की समय सीमा में जिंक की कीमतों में 200 रुपए प्रति किलोग्राम (सीएमपी: रु 216.4) से कम की ओर बढ़ने की उम्मीद करते हैं।
श्री यश सावंत
रिसर्च एसोसिएट, एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड