Health News : आजकल के समय में हर दूसरा इंसान जिस परेशानी से जूझ रहा है वह है मोटापा,अक्सर लोग कहते हुए सुनाई देते हैं कि घंटों बैठकर काम करने से उनका वेट बढ़ जाता है। लेकिन अगर आप ध्यान दें, तो पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं तेजी से वेट गेन करती हैं। लेकिन ऐसा क्यों होता है ये ज्यादातर लोग नहीं जानते।
वजन घटना या बढ़ना सिर्फ खान-पान से जुड़ा हो ये जरूरी नहीं उसके पीछे दूसरी वजहें भी होती हैं, जिन्हें हम हॉर्मोनल बैलेंस और इंबैलेंस से जोड़ सकते हैं। वेट लूस करना इतना आसान नहीं होता है जितना हम समझते हैं। अपनी शरीर से फैट को बर्न करने का मतलब होता है हार्मोनल बैलेंस को बनाये रखना है। हार्मोन हमारे शरीर में मेटाबॉलिज्म, सूजन, रजोनिवृत्ति, ग्लूकोज के बढ़ने जैसी कई क्रियाओं को नियंत्रण में रखने में सहायक होता है। हार्मोनल इंबेलेंस से हमारी शरीर में कई विकार पैदा हो जातें हैं जिनसे निपटना आसान नहीं होता है। जिसके जिम्मेदार होते हैं स्ट्रेस, उम्र का बढ़ना, जीन, और हमारा कमजोर रहन-सहन।
वेट गेन के ये होते हैं कारण
स्ट्रेस लेना है हानिकारक
महिलाओं में वजन तेजी से बढ़ने की एक वजह स्ट्रेस भी है। महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा जल्दी तनाव लेती हैं। तनाव की वजह से कार्टिसोल हार्मोन मेटाबॉलिज्म को सुस्त करता है। जिसकी वजह से खाना अच्छी तरह से डाइजेस्ट नहीं हो पाता है और वेट बढ़ जाता है।
बढ़ती उम्र भी है बढ़ते मोटापे का कारण
उम्र का कनेक्शन भी वेट बढ़ने से होता है। जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है वैसे -वैसे महिलाओं का शरीर सक्रिय रूप से काम नहीं कर पाता है। इन सब बदलावों का असर मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है और वो धीमा होने लगता है। जिस वजह से वह शरीर की केलोरिज को बर्न नहीं कर पाता और वजन लगातार बढ़ता रहता है।
मोटापा बढ़ने की एक वजह थायराइड भी है
वजन बढ़ाने में थायराइड का भी अहम रोल होता है। ये खाने को उपयुक्त ऊर्जा में परिवर्तित करता है और अगर सही तरीके से काम नहीं करे तो कई तरह की परेशानियां खड़ी कर देती है। जिसमें से एक मोटापा है। इसके ज्यादा सक्रिय होने पर मेटाबॉलिज्म बढ़ जाता है और भूख लगने की वजह से आप ज्यादा खाते हैं। जिससे वेट जल्दी ही बढ़ जाता है।
महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले हार्मोनल चेंजेंस ज्यादा होते हैं। जिस वजह से उन्हें कई तरह की दवाइयां कहानी पड़ती हैं। यही दवाइयां अक्सर उनके वजन को तेजी से बढ़ाने में सहायक होती हैं।
इंसुलिन का न बनना भी है मुख्य कारण
इंसुलिन हमारे शरीर में ग्लूकोज लेवल को मेनटेन करने के लिये जरूरी होता है। इंसुलिन का जनरेशन पैंक्रियास के जरिये होता है जो कि खून में ग्लूकोज लेवल को संतुलित रख डायबिटीज के खतरे से बचाता है। जब हम जरूरत से ज्यादा प्रोसेस्ड फूड का इस्तेमाल करने लगते हैं, एल्कोहल पीने लगते हैं, जिससे कि इंसुलिन शरीर में बनना बंद हो जाती है और खून में ग्लूकोज लेवल बढ़ जाता है, जोकि मोटापे को बढ़ाता है।
फ्रूक्टोज का बढ़ना भी है मोटापे का कारण
हायर शुगर कंटेंट वाले फूड खाने से हमारे शरीर में फ्रूक्टोज की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे दिमाग लेप्टिन हार्मोन के द्वारा जनरेट सिग्नल को समझ नहीं पाता और हम अपना खाना रोक नहीं पाते। जो कि मोटापा बढ़ाने का एक और कारण है। दरअसल हमारा शरीर नार्मल कंडीशन में लेप्टिन हॉर्मोन के सिग्नल जनरेट करते ही ओवरइटिंग करना बंद कर देता है। लेकिन जब हम अधिक फ्रूक्टोज वाला खाना खाते हैं तो ये हार्मोन भी ओवरइटिंग करने से नहीं रोक पाता है।
प्रॉपर नींद न लेना
महिलाओं में मोटापे का एक और कारण सहीं से नींद का पूरा न होना। जिनकी नींद अक्सर पूरी न हो पाती है या जिन्हें नींद खराब होने की शिकायत रहती है, ऐसे लोगों के मोटापे से ग्रस्त होने की संभावना अन्य स्वस्थ लोगों की तुलना में कहीं अधिक होती हैं।