मनीलाः आसियान शिखर सम्मेलन कई मायनों में भारत के लिए बहुत खास हो गया है। इस सम्मेलन दौरान जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वियतनाम के पीएम गुयेन जुआन फक, ऑस्ट्रेलियाई पीएम मैल्कम टर्नबुल से मुलाकात की वहीं वह दुनिया के कुछ और नेताओं से मिलकर नई रणनीति बना सकते हैं। मोदी आज जापान के पीएम शिंजो आबे से भी मिलने वाले हैं। इससे पहले मोदी ने कल 4 देशों से मिल कर प्रशांत सागर मुद्दे पर बातचीत की। आसियान में मोदी चीन कोे घेरने के लिए नया दांव खेल रहे हैं जो भारत की सुरक्षा के लिए बहुत अहम् माना जा रहा है।
भारत, अपनी बदली हुई रणनीति से अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और विएतनाम को साथ लेकर आया है। गौरतलब है कि दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर वियतनाम और चीन के बीच रिश्तों में हमेशा खटास रही है। वियतनाम और चीन ने दक्षिण चीन सागर में टकराव खत्म करने पर सहमति जताई है। इस कदम का मकसद लगभग पूरे जलमार्ग पर चीन के दावे को लेकर जारी तनाव को दूर करना है। दोनों देशों का समुद्री क्षेत्र को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है।
इस जल क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर ताइवान के साथ ब्रुनेई और फिलीपीन भी अपना दावा करते हैं। इस जलमार्ग से सालाना 5,000 अरब डालर का कारोबार होता है। चीन ने कृत्रिम द्वीप और हवाई पट्टी तैयार की है जिससे समुद्र में सैन्य ठिकाने बनाए जा सकते हैं। मोदी ने चीन की इस इस क्षेत्र में बड़े तेल एवं गैस भंडार के क्षेत्र हैं। इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई. दोनों नेता बैठक के दौरान कई मुद्दों पर बात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप से मुलाकात कर कहा कि भारत और अमरीका के बीच रिश्ते काफी पुराने और मजबूत हैं। दोनों देश एशिया और मानवता के लिए साथ मिलकर काम करेंगे।