रियाद। सऊदी अरब के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने देश पर ‘तकनीकी रूप से आधुनिक’ साइबर हमले का पता लगाया है। यह देश के सरकारी कंप्यूटरों को बाधित करने का हैकर्स का प्रयास है। इस बीच अमेरिका के खुफिया अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें संदेह है कि सऊदी अरब के प्रतिद्वंदी ईरान से यह हमला किया गया है।
सरकार के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केन्द्र ने बताया कि कल ‘हमले’ में ‘पॉवरशेल’ मैलवेयर का उपयोग किया गया। हालांकि उन्होंने हमले के स्रोत या किस सरकारी विभाग को निशाना बनाया गया, इसके बारे में नहीं बताया। मैलवेयर एक सॉफ्टवेयर है जिसे विशेष रूप से कंप्यूटर सिस्टम को बाधित करने या क्षति पहुंचाने के लिए तैयार किया गया है।
एजेंसी ने एक बयान में बताया कि एनसीएससी ने सऊदी अरब को निशाना बनाने वाले एक नए एडवांसड पर्सिस्टन्ट थ्रेट (एपीटी) का पता लगाया है।’’ इसमें बताया गया है कि हमले में ईमेल फिशिंग तकनीकों का उपयोग करके कंप्यूटर में घुसपैठ की गयी।’’ सऊदी अरब पर हमेशा साइबर हमला होता रहा है जिसमें ‘शमोन’ हमला भी शामिल है। यह हमला 2012 में सऊदी ऊर्जा क्षेत्र पर हुआ था, जिसमें वायरस कंप्यूटर से सभी जानकारी मिटा देता है।