लंदन। ब्रिटेन की एक अदालत ने भारत और पाकिस्तान के लोगों को अपनी संपत्ति किराए पर देने पर एक ब्रिटिश मकान मालिक के प्रतिबंध को गैरकानूनी ठहराया है। इस ब्रिटिश मकान मालिक ने यह रोक इसलिए लगायी थी क्योंकि उसका मानना था कि ये किरायेदार कढ़ी पकाते हैं और इसकी महक फैलती है।
दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के केंट में फर्गेस विल्सन की सैकड़ों संपत्तियां है। विल्सन ने हालांकि इसे नस्लभेदी होने से इनकार किया था लेकिन मेडस्टोन काउंटी की अदालत ने इस सप्ताह उसकी इस नीति के खिलाफ आदेश दिया जिससे वह यह कानूनी लड़ाई हार गया। आदेश में कहा गया है कि विल्सन भारतीय या पाकिस्तानी लोगों को अपनी संपत्तियां किराये पर देने से रोकने के लिए किराया नीति लागू नहीं कर सकता है।
यदि आदेश का उल्लंघन किया गया और उसे अदालत की अवमानना करते हुए पाया तो उसे जेल हो सकती है या भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। जज रिचर्ड पोल्डेन ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ मैंने यह नीति गैरकानूनी पाई है। इस तरह की नीति का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है।’’ 69 वर्षीय मकान मालिक और पूर्व बॉक्सर ने समानता और मानवाधिकार आयोग (ईएचआरसी) के खिलाफ अदालत में खुद का बचाव किया। ईएचआरसी ने इस नीति को चुनौती दी थी।