यरूशलम। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान में सप्ताहांत में आए भीषण भूकंप के पीड़ितों को मदद देने की पेशकश करते हुए कहा है कि दोनों देशों की सरकारों के बीच शत्रुता के कारण मानवीय सहानुभूति समाप्त नहीं होती।
जूइश फेडरेशंस ऑफ नॉर्थ अमेरिका के साथ एक वीडियो कांफ्रेंस में रखा गया यह प्रस्ताव मुख्य रूप से बयानबाजी था। ईरान यहूदी देश को मान्यता नहीं देता है और इस्राइली मीडिया ने बताया कि इस पेशकश को ठुकरा दिया गया।
यह ऐसे समय में हुआ है जब भूकंप के कारण बेघर हुए लाखों लोगों ने इस्लामिक शासन पर गुस्सा जताया है। उनका कहना है कि वर्ष 1979 की क्रांति के बाद स्थापित धर्मार्थ संगठनों की प्रतिक्रिया धीमी रही है। नेतन्याहू ने लॉस एंजिलिस में एक बैठक में कहा, ‘‘मैंने मलबे के भीतर दबे पुरूषों, महिलाओं और बच्चों की दुखदायी तस्वीरें देखीं।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ घंटों पहले मैंने कहा था कि हम इस आपदा के इराकी और ईरानी पीड़ितों के लिए रेड क्रॉस चिकित्सीय सहायता की पेशकश करते हैं।’’ नेतन्याहू ने कहा, ‘‘मैंने कई बार कहा है कि हमारा ईरान के लोगों से कोई झगड़ा नहीं है। हमारा झगड़ा केवल उस अत्याचारी शासन से है जो उन्हें बंदी बना कर रखता है और हमें नष्ट करने की धमकी देता है, लेकिन हमारी मानवता उनकी नफरत से अधिक है। ईरान-इराक की सीमा पर गत रविवार को आए भूकंप के कारण 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और लाखों लोग बेघर हो गए हैं।