नई दिल्ली, 5 दिसंबर 2025: ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी सॉल्यूशन प्रदाता कंपनी, क्विक हील टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की एंटरप्राइज शाखा, सेक्राइट ने 19वें नैसकॉम-डीएससीआई एनुअल इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी सम्मिट (AISS) 2025 में तमाम अहम साइबर सिक्योरिटी पहलों का अनावरण किया है, जो उभरते साइबर खतरों के खिलाफ भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की कंपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
सेक्राइट की घोषणाओं का मुख्य बिंदु ‘इंडिया साइबर थ्रेट रिपोर्ट 2025’ है, जो डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (DSCI) के सहयोग से किया गया एक व्यापक अध्ययन है। यह रिपोर्ट भारत में वर्तमान साइबर सुरक्षा स्थिति का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करती है तथा चिंताजनक आंकड़े और रुझान उजागर करती है। इस स्टडी में भारत में 84.4 लाख इंस्टॉलेशन बेस में 369 मिलियन मैलवेयर डिटेक्शन की पहचान की गई, जो देश के सामने मौजूद साइबर खतरों के पैमाने और तीव्रता को स्पष्ट करता है। खास बात ये है कि 85% डिटेक्शन सिग्नेचर-आधारित तरीकों पर अधारित थे, जबकि 15% व्यवहार-आधारित डिटेक्शन के जरिए आए। ये जरूरत के मुताबित सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर देता है।
इस रिपोर्ट में मैलवेयर उपश्रेणियों को विभाजित किया गया है, जिसमें ट्रोजन 43.38% डिटेक्शन के साथ सबसे आगे है, उसके बाद 34.23% पर इन्फ़ेक्टर्स हैं। एंड्रॉइड-बेस्ड सिक्योरिटी डिटेक्शन से खतरों के एक चिंताजनक वितरण पता चलता है, जिसमें मैलवेयर सभी डिटेक्शन का 42% हिस्सा है, उसके बाद पोटेंशियली अनवांटेड प्रोग्राम (PUPs) 32% हिस्सेदारी के साथ दूसरे सबसे आम खतरे के रूप में सामने आते हैं। एंड्रॉइड डिवाइस में एडवेयर 26% डिटेक्शन में शामिल रहा। रिपोर्ट में मैलवेयर का पता लगाने का राज्यवार विश्लेषण भी दिया गया है, जिसमें तेलंगाना, तमिलनाडु और दिल्ली को सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्र बताया गया है। इसके अलावा, यह इंडस्ट्री स्पेशिफिक कमज़ोरियों पर भी प्रकाश डालता है, जिसमें बीएफएसआई, हेल्थकेयर और हॉस्पिटैलिटी को साइबर अपराधियों द्वारा सबसे ज़्यादा निशाना बनाए जाने वाले क्षेत्रों के रूप में पहचाना गया है।
‘इंडिया साइबर थ्रेट रिपोर्ट 2025’ के साथ-साथ कंपनी ने अपना अत्याधुनिक सेक्राइट मालवेयर एनालिसिस प्लेटफॉर्म (SMAP) भी पेश किया है। यह उन्नत टूल सेफ्टी प्रोफेशनल्स को ऐसी संदिग्ध फ़ाइलों और URL के बारे में गहन जानकारी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो पारंपरिक पहचान विधियों से बच सकते हैं। SMAP विश्लेषण क्षमताओं की कई परतें प्रदान करता है, जिससे संभावित खतरों की व्यापक जांच तेज और बेहतर तरीके से की जा सकती है। यह प्लेटफ़ॉर्म विश्लेषण के विभिन्न चरणों के लिए अलग-अलग वर्चुअल वातावरण का उपयोग करता है, जिससे मैलवेयर के व्यवहार का गहन और सुरक्षित पहचान की जा सकती है। SMAP की विशेषताओं में एडवांस सैंडबॉक्सिंग तकनीक, रियल टाइम व्यवहार विश्लेषण और SIEM, SOAR और EDR/XDR प्लेटफ़ॉर्म जैसे मौजूदा सुरक्षा बुनियादी ढांचे के साथ सहज इंटीग्रेशन शामिल हैं।
इसके अलावा, कंपनी ने सेक्राइट थ्रेट इंटेल के लॉन्च की भी घोषणा की है। ये भारत की सबसे बड़ी मैलवेयर विश्लेषण लैब सेक्राइट लैब्स द्वारा संचालित एक रियल-टाइम साइबर डिफेंस हब है। यह प्लेटफ़ॉर्म ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) और कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT) सहित विविध स्रोतों से व्यापक ख़तरे की जानकारी प्रदान करने के लिए तैयार है। सेक्राइट के 8.44 मिलियन एंडपॉइंट्स के विशाल नेटवर्क का लाभ उठाते हुए, थ्रेट इंटेल खतरों की रियलटाइम जानकारी और इंडस्ट्री स्पेसिफिक खतरों की जानकारी प्रदान करेगा। प्लेटफ़ॉर्म को परिस्थितियों के मुताबिक जानकारी देने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे कंपनियों को संभावित सुरक्षा खतरों का पहले से पता लगाने और उन्हें कम करने में मदद मिलती है।
क्विक हील टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल साल्वी ने कहा, “सेक्राइट मालवेयर एनालिसिस प्लेटफॉर्म और सेक्राइट थ्रेट इंटेल सॉल्यूशन के साथ ‘इंडिया साइबर थ्रेट रिपोर्ट 2025’ का अनावरण भारतीय कंपनियों के सामने आने वाले नए साइबर सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने के लिए हमारे व्यापक नजरिए का पता चलता है। ये सॉल्यूशन केवल खतरों का जवाब देने के लिए ही नहीं हैं, बल्कि उनका पूर्वानुमान लगाने का भी काम करते हैं। हमारी थ्रेट रिपोर्ट अहम जानकारियां और कार्रवाई योग्य सिफारिशें पेश करती है। SMAP एडवांस विश्लेषण क्षमताओं के साथ सिक्योरिटी प्रोफेशनल्स को सक्षम बनाता है। सेक्राइट थ्रेट इंटेल रियल टाइम सिक्योरिटी सिस्टम प्रदान करेगा। मैं साइबर सुरक्षा में उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने और पूरे साइबर सुरक्षा तंत्र को नया रूप देने के उनके प्रयासों के लिए DSCI और लैब्स के हमारे समर्पित विशेषज्ञों को उनकी अथक प्रतिबद्धता के लिए ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। ये प्रयास यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे ग्राहक इन डिजिटल हथियारों की दौड़ में हमेशा एक कदम आगे रहें, जो वर्तमान और भविष्य के खतरों के खिलाफ भारत के साइबर सुरक्षा सिस्टम को मजबूत करता है।”
डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के सीईओ विनायक गोडसे ने कहा, “‘इंडिया साइबर थ्रेट रिपोर्ट 2025’ सेक्राइट जैसे इंडस्ट्री लीडस और डीएससीआई जैसे बड़े संगठनों के बीच सहयोग की शक्ति का प्रमाण है। यह रिपोर्ट न केवल वर्तमान साइबर सुरक्षा वातावरण की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है, बल्कि कंपनियों को उनके सुरक्षातंत्र को मजबूत करने के लिए कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी भी प्रदान करती है। हम लगातार गंभीर होते साइबर खतरों से निपटने के लिए अपनी कोशिशें जारी रखे हुए हैं। ऐसे में भारत के लिए एक लचीला, आत्मनिर्भर और सुरक्षित साइबर सिक्योरिटी तंत्र बनाने में ऐसी साझेदारियां महत्वपूर्ण हो जाती हैं।”
ये लॉन्च ऐसे समय में हुए हैं जब साइबर सुरक्षा तंत्र लगातार उभरते खतरों जैसे कि एआई-संचालित हमले, क्लाउड पर हो रहे हमलों और अहम बुनियादी ढांचे को लक्षित करने वाले उन्नत रैनसमवेयर हमलों से जूझ रहा है। सेक्राइट का व्यापक नजरिया भारतीय कंपनियों और सरकारी संस्थाओं के सामने आने वाले नए-नए साइबर खतरों से निपटने के लिए खतरे की खुफिया जानकारी, उन्नत मैलवेयर विश्लेषण और सक्रिय रक्षा तंत्र उपलब्ध करवाता है। इन समाधानों और जानकारियों को प्रदान करके सेक्राइट खुद को भारत के एक ऐसे एंटरप्राइज साइबर सिक्टोरिटी लीडर के तौर पर स्थापित कर रहा है, जो ऐसे समाधान पेश करता है जो न केवल मौजूदा खतरों से सुरक्षा करते हैं बल्कि डिजिटल दुनिया की भविष्य की चुनौतियों का अनुमान लगाते हुए उनसे निपटने लिए तैयार रहते हैं।