February 24, 2025

कौशलजीज़ vs कौशल – एक दिल छू लेने वाली कहानी, जो हर परिवार से जुड़ती है

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कुछ फ़िल्में अपनी भव्यता से नहीं, बल्कि सादगी और गहराई से दर्शकों के दिलों तक पहुँचती हैं। कौशलजीज़ vs कौशल ऐसी ही एक फ़िल्म है, जो रिश्तों, सपनों और परिवार के बदलते समीकरणों को खूबसूरती से उजागर करती है। सीमा देसाई के निर्देशन में बनी यह फ़िल्म छोटे शहरों की सच्ची भावनाओं और जीवन के उतार-चढ़ाव को संवेदनशीलता से पेश करती है।

कहानी जो दिलों को छू जाए
फ़िल्म की कहानी कानपुर के एक साधारण लेकिन प्यार से भरे परिवार की है। साहिल कौशल (आशुतोष राणा) एक ईमानदार एकाउंटेंट हैं, जो ग़ुपचुप तौर पर कव्वाली गाने का सपना देखते हैं, जबकि उनकी पत्नी संगीता (शीबा चड्ढा) एक दिन परफ्यूमर बनने की इच्छा रखती हैं। वर्षों तक परिवार और जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देने के बाद, एक दिन यह जोड़ी एक चौंकाने वाला फैसला लेती है, जिससे उनका बेटा युग (पवैल गुलाटी) और बेटी, जो एक एनजीओ में काम करती है, हैरान रह जाते हैं। यह फ़ैसला न सिर्फ उनके रिश्तों की नई परिभाषा गढ़ता है, बल्कि हर किरदार को अपनी ज़िंदगी के मायनों को दोबारा समझने पर मजबूर कर देता है।

कलाकारों की दमदार प्रस्तुतियां
फ़िल्म का सबसे बड़ा आकर्षण इसके कलाकार हैं। आशुतोष राणा और शीबा चड्ढा अपने किरदारों को इतनी सहजता और गहराई से निभाते हैं कि यह जोड़ी किसी भी आम ति-पत्नी की तरह लगती है। उनके बीच के छोटे-छोटे संवाद और इशारे भावनात्मक रूप से दर्शकों को जोड़ते हैं।

पवैल गुलाटी, एक उलझन में फंसे बेटे के रूप में, प्रभावी प्रदर्शन देते हैं। वहीं, ईशा तलवार और दीक्षा जोशी अपने किरदारों में सहज नजर आती हैं। फ़िल्म को और अधिक रोचक बनाते हैं बृजेंद्र काला, जो अपने चिर-परिचित अंदाज में हल्के-फुल्के संवादों से कहानी में गहराई और हास्य का संतुलन बनाए रखते हैं। साथ ही, ग्रूशा कपूर भी अपने दमदार अभिनय से फिल्म को और अधिक सजीव बना देती हैं।

भावनाओं और हास्य का खूबसूरत संगम
यह फ़िल्म भावनात्मक क्षणों को ज़रूरत से ज़्यादा गहन या बोझिल नहीं बनाती, बल्कि हल्के-फुल्के हास्य और पारिवारिक तकरार के साथ एक खूबसूरत सफ़र बुनती है। संवाद सीधे दिल तक पहुँचते हैं और ऐसी परिस्थितियाँ दिखाती हैं, जो हर भारतीय परिवार में कभी न कभी आई होती हैं।

संगीत और सिनेमैटोग्राफी की ख़ासियत
फ़िल्म की सिनेमैटोग्राफी छोटे शहर की आत्मा को खूबसूरती से उभारती है, जिससे माहौल और भी वास्तविक लगता है। वहीं, संगीत विशेष रूप से कव्वाली वाले हिस्से, कहानी में एक अनोखी गहराई जोड़ते हैं, जिससे दर्शकों को पात्रों की भावनाएं और नज़दीक से महसूस होती हैं।

अंतिम विचार
सीमा देसाई के निर्देशन में कौशलजीज़ vs कौशल एक खूबसूरती से गढ़ी गई, दिल को छू लेने वाली कहानी है। उनकी संवेदनशील निर्देशन शैली इस फिल्म को वास्तविक और प्रभावशाली बनाती है, जहां हर किरदार और हर सीन अपनी एक अलग पहचान छोड़ता है। कहानी को सादगी और गहराई के साथ पेश करने की उनकी काबिलियत इस फिल्म को खास बनाती है।

यह फिल्म अब JioHotstar पर उपलब्ध है, जहां आप इसे कभी भी देख सकते हैं। रिश्तों, सपनों और पारिवारिक भावनाओं से भरी इस फिल्म को हम 4 स्टार ⭐⭐⭐⭐ देते हैं!

अगर आपको दिल छू लेने वाली पारिवारिक कहानियां पसंद हैं, तो यह फिल्म जरूर देखें!

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