April 21, 2025

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने घोषित की दो दिवसीय हड़ताल

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YUDHVIR KHATRI
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Faridabad News, 28 Oct 2018 : प्रदेश में 14 दिनां से हड़ताल पर बैठे रोडवेज कर्मचारियां के समर्थन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है। उक्त जानकारी देते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला प्रधान अशोक कुमार ने बताया कि रोडवेज कर्मचारियां की प्रदेशव्यापी हड़ताल के समर्थन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की रोहतक में आयोजित राज्य कार्यकारिणी की मीटिंग में निर्णय लिया गया है कि 30 एवं 31 अक्तूबर को दो दिवसीय हड़ताल की जाएगी। जिसमें संघ से जुड़ी तमाम यूनियनें एवं एसोसिएशनें शामिल हांगी। हड़ताल में सभी प्रकार के नियमित, दैनिक वेतन भोगी, ठेका कर्मचारी, अर्ध सरकारी, पार्ट टाइम कर्मचारी शामिल हांगे। उन्हांने बताया कि प्रदेश की भाजपा सरकार कर्मचारियां के साथ बातचीत करने की बजाय दमनात्मक नीतियां को अपना रही है, जिसके चलते सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा को मजबूरन हड़ताल का निर्णय लेने पर मजबूर होना पड़ा। जिला प्रधान अशोक कुमार एवं सचिव युद्धवीर िंसंह खत्री ने रोडवेज कर्मचारियां के समर्थन में बैठे हड़ताली कर्मचारियों की गिरफ्तारियों की घोर निंदा करते हुए सरकार को चेतावनी दी कि सरकार का यही कठोर रवैया अगर रहा तो, कर्मचारियों को मजबूरन कड़े कदम उठाने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि 14 दिनों में सरकार ने रोड़वेज कर्मचारियों की हड़ताल को कमजोर करने के लिए सभी प्रकार के हथकंडे अपना कर देख लिए, लेकिन सरकार हड़ताल को कमजोर नहीं कर पाई है। अशोक कुमार एवं युद्धवीर खत्री ने कहा कि सरकार रोडवेज का निजीकरण करने पर आमादा है, मगर रोडवेज कर्मचारी अपने एक माह का वेतन और तीन साल का बोनस देकर भी महकमे को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी है और केवल कुछ लोगों को निजी लाभ पहुंचाने के चक्कर में प्रदेश की जनता को परेशानी में डाले हुए है। उन्होंने बताया कि 43 कैटेगरी को सब्सिडी देने के बावजूद पचास साल में रोडवेज का घाटा 680 करोड़ का बताया जा रहा है। लेकिन 720 प्राईवेट बसों को किराए पर लिया गया तो एक साल में 500 करोड़ का विभाग को घाटा उठाना पड़ेगा। जिससे विभाग बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर यात्रियों की संख्या के मुताबिक 14 हजार बसों को शामिल किया जाये तो 84 हजार बेरोजगारों को पक्का रोजगार दिया जा सकता है। लेकिन सरकार ऐसा करने की बजाय प्राईवेट बसों को किराए पर लेने की जिद पर अड़ी हुई है, जिसके चलते हड़ताल लम्बी खिंचती जा रही है और इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

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