Faridabad News : विश्व जागृति मिशन फरीदाबद मण्डल द्वारा आयोजित परम पुज्य श्री सुधांशु जी महाराज के सत्संग में भारी भरक श्रृद्धालुओ की भीड़ उनके प्रवचनो से आनंद उठा रही है। चौथे दिन आयोजित प्रवचन में सुधांशु महाराज ने कहाकि भारत को गुरूओं का देश कहा जाता है। गुरू से ही ज्ञान प्राप्त होता है। दुनियां में एक ही रिश्ता ऐसा है जो व्यक्ति की लोक से परलोक तक रक्षा करता हे। अपने सदगुरू के लिए एक ही बात सोचनी चाहिए कि किसी भी तरह से हमारा गुरू हम से रूठे ना। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के जीवन में माता पिता, गुरू और शिक्षक तीनो का होना अति आवश्यक है।
विश्व जागृति मिशन फरीदाबद मण्डल द्वारा आयोजित परम पुज्य श्री सुधांशु जी महाराज के सत्संग में भारी भरक श्रृद्धालुओ की भीड़ उनके प्रवचनो से आनंद उठा रही है। चौथे दिन आयोजित प्रवचन में सुधांशु महाराज ने कहाकि भारत को गुरूओं का देश कहा जाता है। गुरू से ही ज्ञान प्राप्त होता है। दुनियां में एक ही रिश्ता ऐसा है जो व्यक्ति की लोक से परलोक तक रक्षा करता हे। अपने सदगुरू के लिए एक ही बात सोचनी चाहिए कि किसी भी तरह से हमारा गुरू हम से रूठे ना। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के जीवन में माता पिता, गुरू और शिक्षक तीनो का होना अति आवश्यक है।
सुधांशु जी महाराज ने अपने प्रवचनो में कहा कि बीता हुआ समय वापिस नहीं आता इसीलिए जीवन को गुणवता से जीओ। जीवन कितना जिया इस से फर्क नहीं पडता कितनी गुणवता से जिया इस से फर्क पडता है। जीवन की गुणवत्ता बनाये रखने से आनंद बढेेगा। शरीर रहे ना रहे कार्य याद किये जाने चाहिए। काल सब को खा सकता मगर वो आप के कर्म नहीं खा सकता। जीवन को उतना महत्वपूर्ण बनाये कि आप का नाम व काम दोनो चमकते रहे। उन्होंने कहा कि आलस्य और लापरवाही से दूर रहे। जिम्मेदारी से काम निभायें। कदम बढाते चलो रास्ता अपने आप बन जावेगा।
महाराज श्री ने कहा कि ना अभाव में जियो न दूसरो के प्रभाव में। जियो जीना हे तो अपने स्वभाव में जियो। खुद भी खुश रहो और दूसरो को भी खुश रखो। अन्त में महाराज श्री ने अपनी मधुर वाणी से भजन द्वारा सत्संग का समापन किया।