Faridabad News, 22 Dec 2019 : दुराचार के बढ़ते मामलो में हमारी अपनी जिम्मेदारी और जबाबदेही पर आखिर कब विचार करेंगे। हमारे सामने जब कोई अपराध होता है तो मिलकर विरोध क्यों नहीं करते। क्यों सोच लेते हैं की हम बच गए हमारे साथ नहीं हो रहा। अपराधी कभी किसी के सगे नहीं होते। घटना के बाद कितनी ही बातो को लेकर अफसोस होता है ऐसा ना हुआ होता तो कितना अच्छा होता, ऐसा कर लेते तो ठीक होता। कभी हमने सोचा जब करने का मौका था तब हमने कितनी गंभीर बातो पर ध्यान नहीं दिया।
जिस परिवार की खुशियों के लिए संयुक्त परिवार को तोड़कर छोटे परिवार बनाए उनमे मान-मर्यादा और मार्डन होने के नाम पर मनमानी को हमने स्वीकृति दी। लड़के-लड़की, पति-पत्नी के आचरण, पहनावे और जीवन शैली को कंट्रोल में नहीं रखा और एक जहरीले माहौल को जन्म दिया जिसे सूखी समाज कहते हैं।
इस मातम, गुस्से और ज्ञान बघारने का तब तक कोई मतलब नहीं जब तक हम खुद जागरूक ना हो। इन दुखद घटनाओ को पुलिस या कानून नहीं केवल समाज बदल सकता। सुखी समाज चाहिए तो समाज को सुखी बनाईये किसी की राह मत देखिए। यही उद्देश्य है सृष्टि बचाओ संगठन का ओर शहर की सामाजिक संस्थाओ का भी यही विचार उभर कर आया आज मैगपाई मैं आयोजित सभा मैं ।