Faridabad News, 26 Dec 2019 : जिला स्तरीय द्वितीय त्रैमासिक बैंकर्स समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने की। उन्होंने नाबार्ड की संभाव्यतायुक्त ऋण योजना 2020-21 का भी विमोचन किया ।
अतिरिक्त उपायुक्त धर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि यह योजना नाबार्ड द्वारा राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, बैंकरों एवं ज़िला के अन्य हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद बनाई गई है। उन्होंने बैंकों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे आगामी एक जनवरी 2020 तक सभी सरकारी योजनाओं के तहत ऋण पत्रावलियों का निस्तारण करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने बैठक में जिला की जमा पूंजी, अग्रिम, सी डी अनुपात, सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न कार्यक्रमों में लंबित आवेदनों एवं अन्य बैंकिंग विषयो की समीक्षा भी की। अतिरिक्त उपायुक्त ने वित्त वर्ष 2019-20 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए बैंको के अधिकारियों को प्रोत्साहित किया।
बैठक में अग्रणी ज़िला मुख्य प्रबन्धक डॉ. अलभ्य मिश्रा ने द्वितीय तिमाही में बैंकों द्वारा की गयी प्रगति के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी बैंक अधिकारियों को बताया कि किसानों को निवेश ऋण देकर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के सपने को साकार करने में योगदान दे।
रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया से योगेश अग्रवाल ने समाजिक सुरक्षा से सम्बंधित योजनाओं को बढ़ावा देने पर जोर दिया।नाबार्ड के ज़िला विकास प्रबन्धक श्री विनय त्रिपाठी ने बताया की वर्ष 2020-21 में फ़रीदाबाद ज़िला में प्राथमिकता क्षेत्र के लिए 6 हजार 637 करोङ 28 लाख रुपये की धनराशि के बैंक ऋण की आवश्यकता का अनुमान लगाया गया है। इसमें फ़सली ऋण 328करोङ 81 लाख रुपये की धनराशि और कृषि संबंधी अन्य गतिविधियों जैसे डेयरी, सिंचाई, कृषि यंत्रीकरण, भूमि विकास, मुर्गी पालन एवं मछली पालन एवं भंडारण आदि के लिए रु.269.17 करोड़ के बैंक ऋण का अनुमान लगाया गया है। इसके अतिरिक्त लधु, सूक्षम एवं माध्यम उद्योगों के लिए 4 हजार 518 करोड़ एवं अन्य प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र जैसे शिक्षा, आवास, ऊर्जा के नवीनीकारण आदि के लिए रु.1521.30 करोड़ रूपये की धनराशि के लिए बैंक ऋण का अनुमान लगाया गया है। श्री त्रिपाठी ने नाबार्ड द्वारा क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत डेयरी एवं मधुमाखी पालन पर बनाई गयी योजना तथा भारत सरकार के डेयरी उद्यमित विकास योजना, राष्ट्रीय पशुधन मिशन, कृषि क्लीनिक एवं कृषि व्यवशाय केंद्र (एसी&एबीसी) एवं ग्रामीण भंडारण पर नाबार्ड द्वारा दी जा रही अनुदान के बारे में भी बताया।
बैठक में ग्रामीण व खादी बोर्ड विभाग से अनिल दलाल, शहरी आजीविका मिशन विभाग से द्वारकाप्रसाद, ग्रामीण स्व. रोजगार प्रशिक्षण संस्था के निदेशक जितेंद्र, वितीय साक्षरता केंद्र के सीनियर काउंसलर विमल,एन.आर.एल.एम., ज़िला उद्योग केंद्र एवं सभी बैंकों के अधिकारियों ने भाग लिया।