April 21, 2025

दिव्य धाम आश्रम में मासिक आध्यात्मिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन

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New Delhi News, 03 Feb 2020 : भक्तों की आध्यात्मिक यात्रा को गति देने एवं उन्हें भक्ति मार्ग पर प्रोत्साहित करने हेतु, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 2 फरवरी, 2020 को दिव्य धाम आश्रम, दिल्ली में मासिक आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम स्थल पर हजारों भक्त श्रद्धालुगण एकत्रित हुए। भक्ति रचनाओं एवं प्रेरणादायक भजनों की श्रृंखला ने प्रत्येक हृदय में सर्वोच्च ऊर्जा को संचारित किया।

गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के विद्वत प्रचारक शिष्यों ने प्रवचनों में समझाया कि मानव जीवन का परम लक्ष्य ईश्वर प्राप्ति है व ईश्वर प्राप्ति का मार्ग केवलमात्र ब्रह्मज्ञान ही है। ब्रह्मज्ञान द्वारा जब हम आत्मिक स्तर पर स्वयं का पोषण करते हैं, तब स्वतः ही शारीरिक और मनोवैज्ञानिक आयामों का भी पोषण हो जाता है। हम हृदय की शुद्धता के बिना अपने लक्ष्य तक नहीं पहुँच सकते। जब तक मन स्थिर नहीं होता, तब तक हम शांति का अनुभव नहीं कर सकते। आज समाज नकरात्मक विचारों से जूझ रहा है, अनेक तरीकों को अपनाकर भी मानव शांति का अनुभव नहीं कर पा रहा। ब्रह्मज्ञान की सनातन विधि के अभ्यास द्वारा ही मानव का मन स्थिर व विचार नियंत्रित हो सकते है।

वर्तमान समाज में हर दूसरा व्यक्ति मन की बीमारी से पीड़ित है। शास्त्रों में कहा गया है कि मन स्वर्ग के साथ-साथ नरक की कुंजी है। आध्यात्मिकता द्वारा मन नियंत्रण से भक्ति पथ के साथ-साथ जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। Manchester’s School of Translational Medicine (मैनचेस्टर स्कूल ऑफ ट्रांसलेशनल मेडिसिन) के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. क्रिस्टोफर ब्राउन ने कहा है कि “ध्यान मस्तिष्क को अधिक केंद्रित होने के लिए प्रशिक्षित करता है और भविष्य की नकारात्मक घटनाओं की आशंका को कम करता है, इस प्रकार अवसाद की पुनरावृत्ति कम होती जाती है”।

यह हमारा सौभाग्य है किगुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी जन जन को यह शाश्वत ज्ञान प्रदानकर सामज को यह ब्रह्मज्ञान प्रदान कर भक्ति से जोड़ रहे है। एक शिष्य को अपने आध्यात्मिक विकास हेतु बहुमूल्य समय और प्रयास का एहसास सदैव करना चाहिए। हमें अपने परम लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और जीवन की संकीर्णताओं पर कीमती समय और ऊर्जा बर्बाद नहीं करनी चाहिए। शिष्य को अवसर का सर्वोत्तम उपयोग करते हुए तथा ब्रह्मज्ञान की ध्यान तकनीक का अभ्यास करके असंख्य लाभों को प्राप्त करना चाहिए।विद्वान प्रचारकों द्वारा प्रद्दत मूल्यवान अनुभव व विचारों ने निश्चित रूप से भक्तों को उनके जीवन में रचनात्मक परिवर्तन लाने में सहयोग किया।

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